राहुल की दो टूक: मोदी ने अर्थव्यवस्था बेहाल की, हम नयी जान फूंकेंगे

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार किया और न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के अपने वादे से भाजपा के पस्त होने का दावा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर अर्थव्यवस्था में फिर से नयी जान फूंकी (रिमोनटाइज) जाएगी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।

Update:2019-03-28 22:42 IST

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार किया और न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) के अपने वादे से भाजपा के पस्त होने का दावा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर अर्थव्यवस्था में फिर से नयी जान फूंकी (रिमोनटाइज) जाएगी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।

गांधी ने 11 अप्रैल से शुरू होने जा रहे 17वें लोकसभा चुनाव से पहले ‘पीटीआई’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि ‘न्याय’ योजना का एक मकसद देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब लोगों को साल में 72 हजार रुपये देना है और दूसरा मकसद बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है।

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उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश में सभी नए व्यवसायों को लाल फीताशाही के चंगुल से मुक्त किया जायेगा और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि नये उद्यमियों को तीन साल तक कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़े। उन्हें बैंक ऋण भी आसानी से उपलब्ध कराया जायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में नोटबंदी जैसी विफल नीतियों और गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) के खराब क्रियान्वयन से अर्थव्यवस्था को बदहाल कर दिया। असंगठित क्षेत्र इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।’’

गांधी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘न्याय के दो मकसद हैं। पहला, समाज में सबसे निचले स्तर के 20 प्रतिशत परिवारों को न्यूनतम आय की गारंटी देना है। दूसरा, अर्थव्यवस्था को दुरूस्त (रिमोनटाइज) करना है जिसे मोदी जी ने बेहाल (डिमोनटाइज) कर दिया है।’’

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस योजना का नाम ‘न्याय’ रखे जाने का एक कारण है। हमने इसका नाम ‘न्याय’ क्यों चुना? क्योंकि नरेंद्र मोदी ने पांच वर्षों में गरीबों से सिर्फ और सिर्फ छीना, उन्हें कुछ नहीं दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने किसानों से छीन लिया, छोटे और मंझोले कारोबारियों से छीन लिया, बेरोजगार युवकों से भी छीना है, माताओं और बहनों की बचत तक छीन ली। हम देश के वंचित तबके को वह लौटाना चाहते हैं जो मोदी जी ने उनसे छीना है।’’

‘न्याय’ को परिवर्तनकारी और गरीबी पर आखिरी प्रहार करार देते हुए गांधी ने कहा कि यह योजना वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन करने योग्य है और इसका नोटबंदी तथा जीएसटी की तरह जल्दबाजी में क्रियान्वयन नहीं किया जाएगा।

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इस योजना से राजकोषीय घाटे की स्थिति खराब होने से जुड़ी कुछ अर्थशास्त्रियों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘‘नहीं, यह सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने बड़ी संख्या में अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया, कई कागजातों तथा इस विषय से जुड़ी शोध सामाग्रियों का अध्ययन किया गया तथा इसके क्रियान्वयन की संभावना पर पूरा मंथन करने के बाद इसे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का फैसला हुआ।

यह पूछे जाने पर कि ‘न्याय’ का वादा भी लोकलुभावन है तो गांधी ने कहा, ‘‘यह लोकलुभावन कदम नहीं है जैसा कि कुछ आलोचक बताने की कोाशिश कर रहे हैं।’’

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ अगर नरेंद्र मोदी 15 लोगों को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये देते हैं तो उसे लोकलुभावन नहीं माना जाता। तो फिर गरीबों को फायदा पहुंचाने के मकसद से तैयार न्याय योजना को इस नजरिए से क्यों देखा जाना चाहिए।’’ नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए गांधी ने कहा, ‘‘हम जल्दबाजी में नहीं हैं।

हम विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किए बिना, नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम नहीं उठा सकते। हमने विचार-विमर्श किया और परखा भी है। ‘न्याय’ वित्तीय रूप से पूरी तरह क्रियान्वयन योग्य है।’’

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम ‘न्याय’ को जीएसटी की

‘‘हम ‘न्याय’ को जीएसटी की तरह लागू नहीं करेंगे

तरह लागू नहीं करेंगे। हम सबसे पहले पायलट परियोजना के तौर पर इसे लागू करेंगे ताकि क्रियान्वयन की प्रक्रिया में अगर कोई खामी है तो उसे दूर किया जा सके। फिर हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करेंगे। हम लाभार्थियों की पहचान करने के लिए ठोस तरीका अपनाएंगे ताकि कोई पात्र परिवार छूट न जाए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट परियोजना कांग्रेस शासित राज्यों में शुरू होगी, गांधी ने कहा कि इस बारे में फैसला विशेषज्ञ करेंगे।

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उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। हमारा लक्ष्य अब गरीबी को पूरी तरह खत्म करना है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘नया कारोबार शुरु करने के बाद तीन वर्ष तक हम आपको लाल फीताशाही से मुक्त रखेंगे। आपको किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी।’’

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चुनाव से पहले युवाओं को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने की कोशिश के तहत उन्होंने कहा, ‘‘किसी चीज की चिंता मत करिए। आप को किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी। अपना कारोबार, अपना काम शुरू करिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा है कि हम कठोर और त्रुटिपूर्ण एंजल टैक्स को हटाएंगे। मैंने यह वादा किया है और इसे पूरा किया जाएगा।’’

(भाषा)

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