बेवजह की रोक टोक से बचें, वरना बन जाएंगे BAD PARENTS

Update:2016-01-30 17:52 IST

लखनऊ: पैरेंट्स बनने के बाद लाइफ उतना आसान नहीं रह जाता है, जितना दिखता होता है। बच्चे के साथ, फ्रेंडली विहेवियर रखते हुए उसकी सही देखभाल करना कठिन होता है। आपको अपने बच्चे से लाइफ से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में बात करनी चाहिए। बच्चे को जब भी कुछ सिखाएं तो प्यार के साथ सिखाना चाहिए। बच्चे को कभी भी बोझ न समझें और न ही उसे ऐसा जताएं कि आपको उसकी वजह से कितनी दिक्कतें होती है। कई बार बच्चों को आपका असल प्यार दिखाई नहीं देता है और उनकी आपसे दूरी बढ़ जाती है। कुछ मामलों में, आपका बच्चा, आपसे कहीं अधिक परिपक्व हो सकता है। उसका नाजुक सा मन और दिल, उन बातों को भी समझ सकता है जो उसके आसपास घटित हो रहा होता है, बस उसके पीछे की वजह समझने में उसे देर लग सकती है। अगर आप अपने बच्चे पर किसी बात को लेकर चिल्लाते हैं तो उसे इसकी वजह समझ न आएं, पर वह आपको मन ही मन बुरा मान बैठेगा। अपने बच्चे के साथ फ्रैंडली विहेवियर रखना, उसकी बातों को अच्छी तरह सुनना बहुत जरूरी होता है, वरना आप बच्चे की नजर में बैड पैरेंट्स की खिताब से नवाजे जाएंगे। हम आपको उन बुरी बातों को बता रहे है, जिसका ध्यान रखकर आप गुड पैरेंट्स बन सकते है.....

प्रतीकात्मक फोटो

बेवजह की रोक टोक न करें: बच्चों पर कभी भी पाबंदी लगाएं। उन्हें खेलने दें, तरह-तरह के फूड को खाने दें और नई-नई चीजों की खोज करने दें। इससे उन्हें सीखने को मिलेगा और अच्छी और बुरी चीजों में फर्क पता चलेगा। याद रखें, बच्चा स्वयं से अधिक सीखता है और प्रकृति ही सबसे बड़ी शिक्षक होती है।

निराश करना: पेरेंट्स को हमेशा अपने बच्चों के प्रयासों की सराहना करना चाहिए। जो ऐसा नहीं करते हैं वो अपने बच्चों को निराश कर देते हैं। हमेशा याद रखिए, अगर बच्चा कोई अच्छी कोशिश करता है तो उसकी सराहना करें, उसे प्रोत्‍साहित करें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।

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डांटना या चिल्नाना: कुछ पैरेंट्स की आदत होती है, अपने बच्चे पर हमेशा चिल्लाते और डांटते-डपटते रहने की। जो गलत है ,ऐसा करते वक्त आप भूल जाते है कि जब आप बच्चे को जन्म देते हैं तो उसे जीवन देते हैं। बेहतर होगा अगर उसका जीवन अच्छा बनाएं। गलतियों पर उसे डांटने की बजाय प्यार से सही गलत का फर्क बताएं।

बच्चे की एडवाइस लेना: कई लोग बच्चों की एडवाइज को नजरअंदाज करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, बच्चे से उनकी राय जरूर पूछें। उसे क्या पसंद है, वह क्या करना चाहता है, इससे वह परिवार के प्रति अपनी जिम्‍मेदारियों को भी समझेगा।

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फ्रेंडली विहेवियर न होना: पैरेंट्स अगर सख्त मिजाज के होते हैं तो बच्चे के विकास पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में वो अपनी बात कभी नहीं कह पाते हैं और दब्बू बन जाते हैं। बच्चे के साथ हमेशा फ्रैंडली व्यवहार रखना बहुत जरूरी होता है ताकि उसमें आत्मविश्वास आ सकें और वह जीवन में सफल हो सकें।

झगड़ा करना: कई माता-पिता अपने बच्चे के सामने ही झगड़ा करते हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है और उसके मन में अपने माता-पिता की अच्छी छवि नहीं रह जाती है। भले ही आप में बहुत अच्छी ट्यूनिंग हों, लेकिन बच्चा आपको हमेशा बुरा ही मानेगा।

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