इस प्रत्याशी का अंदाज है निराला, वाह ! कह देता है देखने वाला
दरअसल रिक्शा चलाते हुए इस प्रत्याशी का नाम है वैधराज किशन। चुनाव के लिए नामांकन करने जाना हो या फिर वोट मांगने, यह प्रत्याशी इसी तरह के तरीके आजमाता है। इस बार वैधराज किशन संयुक्त विकास पार्टी के टिकट पर लोकसभा सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में है। नामांकन के बाद वैधराज किशन को एक गनर दिया गया है।
शाहजहांपुर: रिक्शे बैठे इस सिपाही को ढोता कोई और नहीं हैं बल्कि लोकसभा प्रत्याशी है। प्रत्याशी काफी गरीब है। उसके पास कार नही है। चुनाव में सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्याशी को गनर दिया जाता है। ऐसे में कार न होने के कारण प्रत्याशी गनर को रिक्शे पर बैठाकर बाजार में वोट मांग रहा है। इस प्रत्याशी की खासियत है कि ये राष्ट्रपति का चुनाव से लेकर 18वां चुनाव लड़ रहा है। लेकिन जीता एक भी नहीं। लेकिन ये प्रत्याशी इस चुनाव में ऐसे बड़े- बड़े वादे कर रहा है। जिससे उसको पूरी उम्मीद है कि इस बार जीत जरूर होगी।
दरअसल रिक्शा चलाते हुए इस प्रत्याशी का नाम है वैधराज किशन। चुनाव के लिए नामांकन करने जाना हो या फिर वोट मांगने, यह प्रत्याशी इसी तरह के तरीके आजमाता है। इस बार वैधराज किशन संयुक्त विकास पार्टी के टिकट पर लोकसभा सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में है। नामांकन के बाद वैधराज किशन को एक गनर दिया गया है।
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लेकिन उनके पास कार नही होने के कारण प्रत्याशी अपने गनर को रिक्शे पर बैठाकर बाजार में वोट मांगने के लिए निकल पड़ता है। इस तरीके से बाजार में वोट मांगने की वजह से वह चर्चा का विषय बन गया है। इतना ही नही दूसरे प्रत्याशी भी उनके इस अनोखे ढंग से वोट मांगने को लेकर हैरान हैं। यही नहीं प्रत्याशी जनता से बड़े बड़े वादे भी कर रहा है। प्रत्याशी के वादे जनता के उपर कितना असर डालते है। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
प्रत्याशी वैधराज किशन का कहना है कि मेरे पास कार नही है। मैं बहुत गरीब हूं जनता से हमें कोई खतरा नही है, इसलिए हमने गनर नही मांगा था। लेकिन फिर भी हमें गनर दे दिया गया। अब क्या करें कार नही है, इसलिए रिक्शे पर गनर को बैठाकर वोट मांग रहे हैं।
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उन्होंने जनता से वादा किया है कि वह जीतने के बाद जिले के नौजवानों को नौकरी देंगे। युवाओं को जिले से रोजगार की तलाश में बाहर नही जाना पड़ेगा। उनका कहना है कि जनता को अगर अपने बच्चों का भविष्य बनाना है तो वह हमे जिताएं।
उनका कहना है कि राष्ट्रपति का चुनाव से लेकर अब तक वह 18वां चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन जीते एक भी नही हैं। इस बार उम्मीद है कि जीत मेरी होगी। क्योंकि जनता का पूरा सहयोग मिल रहा है।