Refugees in Bangladesh: मिजोरम में बांग्लादेश से भाग कर ढेरों शरणार्थी आये
Refugees in Bangladesh: मिज़ोरम के सामने अब एक नई समस्या आ गई है। पहले से ही राज्य में म्यांमार के हजारों शरणार्थी मौजूद हैं और अब बांग्लादेश से ढेरों शरणार्थी आ गए हैं।
Refugees in Bangladesh: मिज़ोरम के सामने अब एक नई समस्या आ गई है। पहले से ही राज्य में म्यांमार के हजारों शरणार्थी मौजूद हैं और अब बांग्लादेश से ढेरों शरणार्थी आ गए हैं। हुआ ये है कि बांग्लादेश सेना चटगांव हिल ट्रैक्स में चिन-कुकी लोग समुदाय के एक सशस्त्र समूह के खिलाफ कार्रवाई में लगी हुई है। इसके चलते इस समुदाय के 272 लोग भाग कर मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले में आ गए हैं।
शरणार्थियों की नई बाढ़
शरणार्थियों की नई बाढ़ ऐसे समय में आई है जब मिजोरम सरकार म्यांमार के 30,000 से अधिक शरणार्थियों से जूझ रही है। वे पिछले साल फरवरी में म्यांमार की सेना द्वारा तख्तापलट के बाद अपने घरों से भाग गए थे। चिन-कुकी लोग और मिज़ो लोग, ज़ो समुदाय से संबंधित हैं और वे एक ही संस्कृति और वंश साझा करते हैं।
स्थानीय लोग शरणार्थियों को करा रहे भोजन और आवश्यक सामान मुहैया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय लोग शरणार्थियों को भोजन और आवश्यक सामान मुहैया करा रहे हैं। राज्य सरकार इस मामले को देख रही है। मिजोरम में बांग्लादेश शरणार्थी समिति ने कहा है कि ये बांग्लादेशी नागरिक, बांग्लादेश, म्यांमार और मिजोरम के तिमुहाने के पास स्थित एक गांव बोंडुक-बंगसोरा में प्रवेश कर गए थे और अगले दिन पास के एक गांव सिमीनासोरा चले गए। शरणार्थियों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं।
बांग्लादेश में चिन-कुकी समुदाय के लोग स्वायत्तता की मांग
बांग्लादेश में चिन-कुकी समुदाय के लोग स्वायत्तता की मांग लेकर लंबे समय से चटगांव पहाड़ी इलाकों में आंदोलन चला रहे हैं। इनका नेतृत्व बांग्लादेश स्थित विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी (केएनए) ने किया था, जिसे कुकी-चिन नेशनल फ्रंट (केएनएफ) भी कहा जाता है।
म्यांमार के अराकान आर्मी की मदद ले रही बांग्लादेश की सेना
आरोप है कि बांग्लादेश की सेना आक्रामक कार्रवाई में म्यांमार के सबसे बड़े चरमपंथी समूह अराकान आर्मी की मदद ले रही है। अल्पसंख्यक कुकी-चिन समुदाय की चटगाँव पहाड़ी इलाकों में लगभग 3.5 लाख की आबादी है। आरोप लगाया गया है कि कुकी-चिन गांवों में निर्दोष लोगों को प्रताड़ित किया गया है और महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया। बताया गया है कि अभी और लोग पलायन करके मिज़ोरम में आने वाले हैं।