Mizoram Election Result: पूर्व आईपीएस अधिकारी बनेगा मिज़ोरम का नया मुख्यमंत्री, तोड़ दी कांग्रेस-एमएनएफ की मोनोपोली

Mizoram Elections: मिज़ोरम में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने शानदार जीत दर्ज की है। अब पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। 73 वर्षीय लालदुहोमा तीन दशकों में राज्य के पहले नए सीएम होंगे।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-12-04 21:14 IST

पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा: Photo- Social Media

Mizoram Election: मिज़ोरम में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने शानदार जीत दर्ज की है। अब पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। 73 वर्षीय लालदुहोमा तीन दशकों में राज्य के पहले नए सीएम होंगे।

लालदुहोमा की ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) एक नई क्षेत्रीय पार्टी है जिसने पहली बार एक मान्यता प्राप्त पार्टी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा है। जेडपीएम ने सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के खिलाफ शानदार जीत हासिल की है।

तोड़ दिया एकाधिकार

जेडपीएम ने मिज़ोरम में दशकों से चला आ रहा कांग्रेस-एमएनएफ का एकाधिकार तोड़ दिया है। यह पहली बार है कि 1987 में राज्य के गठन के बाद से कांग्रेस या एमएनएफ के अलावा कोई अन्य पार्टी सत्ता में आएगी। 1987 से सत्ता लगातार दोनों पार्टियों के बीच बदलती रही और 1993 के बाद से मुख्यमंत्री पद बारी-बारी से कांग्रेस के ललथनहावला और एमएनएफ के ज़ोरमथांगा के बीच आता रहा।

लालदुहोमा की राजनीति

नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री पूरी करने के बाद, लालदुहोमा भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हो गए। सेवा में रहते हुए, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी बन गए। उन्होंने 1984 में सेवा से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए और उसी वर्ष लोकसभा के लिए चुने गए। 1988 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद वह दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बने। जेडपीएम के गठन से पहले, वह 2003 में अपने द्वारा स्थापित एक अन्य पार्टी, ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी से विधायक चुने गए थे।

जेडपीएम की शुरुआत

जेडपीएम की शुरुआत 2017 में छह छोटे क्षेत्रीय दलों और सिविल सोसाइटी समूहों के एक साझा मंच के रूप में हुई थी। 2018 में विधानसभा चुनावों के दौरान यह एक मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं थी। इसके बजाय, मंच द्वारा समर्थित 38 स्वतंत्र उम्मीदवार मैदान थे, जिनमें से आठ चुने गए। इससे वह विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गयी। 2019 में, जेडपीएम को एक पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी।

जेडपीएम ने 2021 में सेरछिप उप-चुनाव में लालडुहोमा की जीत के साथ अपने आगमन की घोषणा की इस जीत ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में उनकी उपस्थिति पर मुहर लगा दी। चुनावों से पहले, जेडपीएम और लालदुहोमा ने कांग्रेस और एमएनएफ, दोनों के खिलाफ दशकों की सत्ता विरोधी लहर पर भारी भरोसा किया। उन्होंने एमएनएफ पर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा बनकर अपना क्षेत्रीय चरित्र खो देने का आरोप लगाया। एमएनएफ की तरह, जेडपीएम भी मिज़ो पहचान पर जोर देता है और लालदुहोमा ने अतीत में ज़ो जातीय समूह द्वारा बसे सभी क्षेत्रों के एकीकरण के पक्ष में भी बात की है, जिसमें मणिपुर के कुकी-ज़ोमिस भी शामिल हैं।

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