Nagaland Politics: नागालैंड जदयू के इस कदम पर भड़के नीतीश कुमार, भंग कर दी प्रदेश ईकाई

Nagaland Politics: जदयू के केंद्रीय नेतृत्व ने इस फैसले को मनमाना और अनुशासनहीनता करार दिया है। पार्टी का कहना है कि नागालैंड की स्टेट यूनिट बगैर केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श किए यह निर्णय लिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-03-09 07:03 GMT

बिहार सीएम नीतीश कुमार (Social Media)

Nagaland Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अपनी नागालैंड ईकाई को भंग कर दिया है। पार्टी ने यह फैसला उस कदम के विरोध में लिया है, जिसके तहत नागालैंड जदयू ने मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को समर्थन देने का ऐलान किया था। जदयू के केंद्रीय नेतृत्व ने इस फैसले को मनमाना और अनुशासनहीनता करार दिया है। पार्टी का कहना है कि नागालैंड की स्टेट यूनिट बगैर केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श किए यह निर्णय लिया है।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर–पूर्वी राज्यों के प्रभारी अफाक अहमद खान ने लिखित बयान जारी कर कहा, केंद्रीय नेतृत्व को पता चला है कि हमारी पार्टी के नागालैंड ईकाई के अध्यक्ष ने बिना किसी सलाह के नागालैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन दे दिया है। यह उच्च अनुशासनहीनता और मनमानी का मामला है। इसलिए पार्टी ने नागालैंड राज्य समिति को तत्काल भंग करने का आदेश जारी किया है। 

नागालैंड में जदयू के एकमात्र विधायक ने सौंपा था समर्थन पत्र

पिछले दिनों राजधानी कोहिमा में नागालैंड जदयू चीफ सेन्चुमो लोथा और पार्टी के एकमात्र विधायक ज्वेंगा सेब ने सीएम नेफ्यू रियो से मुलाकात की थी और उन्हें अपना समर्थन पत्र सौंपा था। दोनों नेता मुलाकात के बाद प्रेस के सामने आए और इसकी समर्थन की पुष्टि कर दी। जिसके बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में हलचल मच गया था। जदयू ने नागालैंड विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें पार्टी को केवल एक सीट पर सफलता मिली।

शरद पवार ने समर्थन देने का किया ऐलान

एक तरफ जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए अपनी एक राज्य ईकाई तक को भंग कर दे रहे हैं। वहीं, विपक्ष के ही एक अन्य कद्दावर नेता शरद पवार ने नागालैंड में बीजेपी के समर्थन से चल रही सरकार का समर्थन देने का ऐलान किया है। नागालैंड में एनसीपी के 7 विधायक हैं। दरअसल, नागालैंड के अधिकांश विधायक नेफ्यू रियो को समर्थन देने का मन बना चुके थे। जिसका बाद शरद पवार ने विधायकों का मूड भांपते हुए यह निर्णय लिया। 

बता दें कि नागालैंड में एनडीपीपी–बीजेपी गठबंधन दोबारा भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटा है। 60 सदस्यों वाली विधानसभा में एनडीपीपी को 25 और बीजेपी को 12 सीटों पर जीत मिली। नेफ्यू रियो पांचवी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सरकार को कई अन्य छोटे दलों का समर्थन भी प्राप्त है। 

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