मेरे गार्डेन के कुंदरू जिसका वैज्ञानिक नाम IVY GUARD है
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, महराजगंज में बड़े पैमाने पर खेती होती है और वहाँ से बाहर भेजी जाती है। अवध क्षेत्र के पान की खेती करने वाले इसे परवल के साथ पान के भीटा पर लगाते है। लखनऊ में इन्ही लोगों से बाज़ारों में भेजी जाती है।
ब्रजलाल, पूर्व पुलिस महानिदेशक
मेरे गार्डेन के कुंदरू जिसका वैज्ञानिक नाम IVY GUARD है ।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह आसानी से लगाया जा सकता है। कुंदरू गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल , पूर्वी और अवध उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बेंगॉल, पूर्वोत्तर राज्यों में चाव से खाया जाता है। दक्षिण पूर्व Asian देशों बांग्लादेश, Thailand, इंडोनेशिया,मलेशिया, कम्बोडिया, वियतनाम आदि जगहो पर सब्ज़ी, सूप के लिए प्रयोग किया जाता है।
राज्यपाल महामहिम राम नाइक ने इसे राजभवन में लगवाया था।इसे नरेंद्र शिवानी, माधुरी, और नरेंद्र शिशिर के जनक प्रोफ़ेसर शिव पूजन सिंह ने लगवाया था और मुझे भी दिया था। लगाना बहुत आसान-थोड़ी पुरानी लता ज़मीन में दबा दीजिए, नई बेल अंकुरित होकर तीन महीने में ही फल देनी लगती है। यह स्थायी( Perennial) लता है जो कड़ी ठंडी को छोड़कर साल भर फल देती है।
एक भ्रम यही पर दूर करना चाहता हूँ। आप के आसपास चिड़ियाँ इसके पके मीठे लाल फल को खाकर फैला देती है जो जंगली कुंदरू होता है, शक्ल यही परंतु फल नीम जैसा कड़वा होता है जो अखाद्य है। एक भ्रम और है कि यह बुद्धि को कुंद कर देता है और मज़ाक़ में इसे ‘ अक़्ल कट ‘ भी कहते है।
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कुंदरू खाने के फ़ायदे
1-भरपूर beta corotine जो antioxidant का काम करता है।
2- iron, calcium, Potassium, vitamin B-1, B-2 और dietary fibre से भरपूर है।
3-मोटापा कम करता है।
4-क़ब्ज़ में बहुत लाभदायक
5-diabetes के लिए बहुत ही लाभ दायक
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, महराजगंज में बड़े पैमाने पर खेती होती है और वहाँ से बाहर भेजी जाती है। अवध क्षेत्र के पान की खेती करने वाले इसे परवल के साथ पान के भीटा पर लगाते है। लखनऊ में इन्ही लोगों से बाज़ारों में भेजी जाती है।
मैंने मध्य फ़रवरी में लगाया था और आज पहली बार टोडा गया और लंच में इसकी स्वादिष्ट भुजिया बनी। इसे कच्चा खाने पर बिल्कुल खीरा का स्वाद। कूदरु खाये- स्वस्थ रहे।