अभी-अभी: महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी BJP, हुई बड़ी बैठक
वैसे ये रणनीति बीजेपी पहले भी अपना चुकी है और पार्टी इसमें माहिर भी है। बता दें कि कर्नाटक में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भी कुछ विधायकों ने बीजेपी के साथ जाना सही समझा था।
मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे में यहां अभी भी घमासान जारी है, जबकि अब शरद पवार की एनसीपी कांग्रेस के साथ आगे आई है और कह रही है कि वह शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देंगे। इसके लिए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन का फॉर्मूला तैयार हो चुका है।
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सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, जबकि एनसीपी और कांग्रेस को 1-1 डिप्टी सीएम दिया जाएगा। इसके अलावा मंत्री पद के लिए तीनों पार्टी में 14-14-12 का फॉर्मूला सामने आ रहा है। वहीं, अब महाराष्ट्र को लेकर बीजेपी भी जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू कर चुकी है।
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इसको ऐसे भी देखा जा सकता है कि गुरुवार शाम को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ये संकेत दिये कि खेल और राजनीति में कुछ भी कभी भी संभव है। उनके इस संकेत के बाद से राजनीति के रणनीतिकारों का ये मानना है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर में गुरुवार शाम को हुई बैठक में काफी चर्चा हुई।
बीजेपी ने दिए ये संकेत
इसके अलावा बीजेपी नेता नारायण राणे ने भी संकेत दे दिए कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 145 मिल गया है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि अभी भी राज्य में किसकी सरकार बनेगी, इसपर स्थिति साफ नहीं हो पायी है। हालांकि, राणे के बयान के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब बीजेपी की नजर एनसीपी और शिवसेना के विधायकों पर है। अगर ये विधायक बीजेपी का दामन थाम लेते हैं तो यहां बीजेपी के लिए सरकार बनाना आसान हो जाएगा।
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वैसे ये रणनीति बीजेपी पहले भी अपना चुकी है और पार्टी इसमें माहिर भी है। बता दें कि कर्नाटक में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भी कुछ विधायकों ने बीजेपी के साथ जाना सही समझा था। इसलिए यह फिर से दोहराया जा सकता है। वैसे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद इस रणनीति में काफी माहिर हैं। उनको मालूम है कि विधायकों को अपने पक्ष में कैसे करना है। ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी कि महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी या फिर यहां दोबारा से चुनाव होंगे?