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वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर लालू यादव ने ऐसी बात कह सभी को चौंका दिया

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बाद पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल प्रशासन सवालों के घेरे में है। उनके परिजनों को ऐंबुलेंस के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। इस कथित लापरवाही को लेकर बिहार की सियासत भी गरमा गई है।

Aditya Mishra
Published on: 15 Nov 2019 10:22 AM GMT
वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर लालू यादव ने ऐसी बात कह सभी को चौंका दिया
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पटना: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बाद पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल प्रशासन सवालों के घेरे में है। उनके परिजनों को ऐंबुलेंस के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। इस कथित लापरवाही को लेकर बिहार की सियासत भी गरमा गई है।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर दिवंगत सिंह के पार्थिव शरीर के साथ अमर्यादित सलूक करने का आरोप लगाया है।

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लालू यादव ने ट्वीट कर कही ये बात

उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किया हैं। पहले ट्वीट में लिखा, कल बिहार गौरव और हमारी सांझी धरोहर महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन की ख़बर सुनकर बहुत दुःख हुआ।

मौत सबको एक ना एक दिन आनी ही है लेकिन मरणोपरंत जिस प्रकार उनके पार्थिव शरीर के साथ असंवेदनशील नीतीश सरकार द्वारा जो अमर्यादित सलूक किया गया वह अतिनिंदनीय है।

इसके बाद उन्होंने अगला ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, क्या बड़बोली डबल इंजन सरकार उस महान विभूति को एक एम्बुलेंस तक प्रदान नहीं कर सकती थी?

मीडिया में बदनामी होने के बाद क्या किसी के पार्थिव शरीर को सड़क बीच रोककर उसे श्र्द्धांजलि देना एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है? क्या अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान सीएम उन्हें कभी देखने गए?



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हमारे कार्यकाल में मैंने उनका अच्छा इलाज कराया: लालू यादव

इसके बादला लालू यादव ने एक और ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि हमारे कार्यकाल में मैंने उनका अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज करवाया। उनकी सेवा करने वाले पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी दी, ताकि वो पटना में उनकी अच्छे से देखभाल कर सकें।

मालूम हो कि वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आंइस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी। गुरुवार को उनके निधन के बाद परिजनों ने बताया कि पीएमसीएच प्रशासन और सरकार की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। देश की महान विभूति का अपमान किया गया है।



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Aditya Mishra

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