लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा की घटना उत्तर प्रदेश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिये कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने जनता से आपसी सद्भाव एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की है। समाज में बिना टकराहट के अमन चैन कायम रहना चाहिए। समाजवादी पार्टी हमेशा सामाजिक सौहार्द बनाये रखने की पक्षधर है। समाजवादी सरकार हिन्दू-मुस्लिम एकता को बनाये रखने में हमेशा तत्पर थी। अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्होंने सामाजिक एकता की मजबूती की दिशा में अनेक कार्य किये।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। भाजपा का नफरत फैलाने का इतिहास रहा है। देश के जिन भी राज्यों में भाजपा सत्ता में रही है वहां इनका सामाजिक विभाजन करने का उद्देश्य रहता है। उत्तर प्रदेश में पिछले दस महीने में जिस तरह भाजपा की नीतियों से सामाजिक बंटवारा बढ़ रहा है वह सामाजिक व्यवस्था के लिये खतरा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को आगे ले जाने में हिन्दू-मुसलमान दोनों का बराबर योगदान रहा है। सामाजिक वैमनस्यता, घृणा, द्वेष आधारित राजनीति भारतीय संविधान विरोधी है। जनमत के द्वारा चुनी गयी सरकार की यह जिम्मेदारी होती है कि सामाजिक समरसता बनी रहे। लेकिन भाजपा सरकार ऐसी व्यवस्था बनाने में असफल हो गयी है। गंगा-जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने की जगह भाजपा समाज को बंटवारे की ओर ले जा रही है।
उन्होंनेे कहा कि भाजपा का समाज को बांटने का षड़यंत्र सफल नहीं हो पायेगा। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में अमन चैन कायम रखने के लिये हमेशा जनता के साथ खड़ी है। अब उत्तर प्रदेश की जनता भी भाजपा सरकार के झूठ और बहकावे से बाहर आ गयी है। ध्वस्त कानून व्यवस्था, सांप्रदायिक हिंसा, लूट, डकैती, उत्पीड़न बलात्कार इस सरकार के दस महीने के कारनामों की कहानी है।
यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल कासगंज सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में कानून व्यवस्था चुस्त दुरूस्त करनी चाहिए, जिससे इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। कानून व्यवस्था कायम रखना एवं जान-माल की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।