सिंधिया के ये 5 कारण, जिसने कांग्रेस छोड़ने पर किया मजबूर
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। सिंधिया अपने इस फैसले के साथ ही हर तरफ चर्चा बिटोर रहे हैं।
भोपल: मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। सिंधिया अपने इस फैसले के साथ ही हर तरफ चर्चा बिटोर रहे हैं। राजघराने के बेटे ने अपने इस फैसले से अपनी दादी की ख्वाहिश भी पूरी कर दी है। अब उन्होंने 18 साल बाद कांग्रेस में रहने के बाद BJP ज्वाइन कर ली है। उनका कहना है कि अब कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही और उस संगठन में रहकर जनसेवा का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता।
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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के भूतपूर्व सीएम माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर गांधी परिवार के साथ अपने सभी संबंधों को एक विराम दे दिया है।
उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि पिछले वर्ष से ही यह रास्ता तैयार हो रहा था। लेकिन इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हो गया जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ी? तो हम आपको इसके बारे में पूरी बात बताते हैं।
ये हैं वो पांच कारण जिनकी वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद से प्रदेश सरकार और प्रदेश संगठन में सीएम कमलनाथ का रुतबा काफी बढ़ गया था, जिसकी वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया का रुतबा काफी कम हो गया था।
मप्र में अपनी पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था, वे सीएम कमलनाथ का नेतृत्व बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।
सीएम बनने के बाद कमलनाथ ने सिंधिया के असंतोष को संभालने की कभी भी कोशिश नहीं की और ये दरार बढ़ती ही चली गई।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जब पार्टी में थे तब सिंधिया का रुतबा पार्टी में कमलनाथ से काफी ऊपर होता था। और तो और दोनों की काफी अच्छी दोस्ती भी हुआ करती थी लेकिन कांग्रेस पार्टी में राहुल का नेतृत्व कम होते ही सिंधिया का रूतबा कम होने लगा।
सबसे खास बात तो ये है कि मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद सीएम के लिए सिंधिया को पहली पसंद माना जा रहा था लेकिन किसी वजह से कमलनाथ को मध्य प्रदेश का सीएम बनाया गया, जिसकी वजह से सिंधिया ने पहले ही पार्टी छोड़ने का मन बना लिया।
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