महाराष्ट्र : गठबंधन का ऐलान, भाजपा 150 और शिवसेना 124 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

विधानसभा चुनावों में भाजपा 288 सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी 14 सीटें सहयोगी दलों को दी गई हैं। यह सभी भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे।

Update: 2023-07-11 04:00 GMT

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्वव ठाकरे ने संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस की।

मुख्यमंत्री ने कहा- भाजपा और शिवसेना हिंदुत्व के धागे से जुड़े हैं। सीट बंटवारे पर लोकसभा चुनाव के दौरान ही फैसला हो चुका था। महाराष्ट्र में इस विधानसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना, रिपाई, रसपा, शिवसंग्राम और रायत क्रांति पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है।

इस कॉफ्रेंस में आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदित्य पहली बार चुनाव मैदान में हैं। वे ज्यादा से ज्यादा मतों से चुनाव जीते। अगले 5 सालों में हम महाराष्ट्र को मिलकर सूखा मुक्त करने का प्रयास करेंगे।

अब स्पष्ट हो गया है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा 288 सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी 14 सीटें सहयोगी दलों को दी गई हैं। यह सभी भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे।

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'मान जाएं बागी नहीं तो पार्टी में कोई जगह नहीं'

इस दौरान सीएम फड़णवीस ने बागियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी। दो टूक संदेश देते हुए कहा, 'कई लोगों को लग रहा था कि गठबंधन होगा या नहीं। इस गठबंधन के लिए सबने समझौता किया है।

आने वाले दिनों में सभी बागी प्रत्याशियों से अपना नाम वापस लेने को कहेंगे। यह काम महागठबंधन के सभी दलों के बागी कैंडिडेट्स के साथ होगा। अगर वे नहीं मानते हैं तो उन्हें गठबंधन की किसी भी पार्टी में कोई स्थान नहीं मिलेगा।' हालांकि, सीएम ने यह भी भरोसा जताया कि 2 दिनों में ज्यादातर नाराज बागियों को मना लेंगे।

सीएम ने आदित्य के लिए बड़ी जीत की अपील

इस बार चुनाव में ठाकरे परिवार से पहली बार कोई सदस्य सीधे मैदान में है। आदित्य ठाकरे की जीत के लिए खुद सीएम फडणवीस ने अपील की। उन्होंने कहा, 'आदित्य ठाकरे भी इस बार चुनाव मैदान में है। मैं जनता से अपील करता हूं कि आदित्य को सबसे अधिक वोटों के अंतर से जीत दिलाएं। वह जीतेंगे और विधानसभा में साथ ही बैठेंगे।'

आदित्य वर्ली सीट से इस चुनाव मैदान में हैं। यह पहली बार होगा, जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य सीधे तौर पर चुनाव में उतरेगा। बाला साहेब ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे अब तक सीधे चुनाव लड़ने से दूरी बनाते रहे हैं।

'बीजेपी-शिवसेना भाई-भाई, कोई बड़ा या छोटा नहीं'

लंबे समय तक महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में रही शिवसेना अब गठबंधन में वह दर्जा नहीं रखती। हालांकि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुद ही समानता पर जोर देते हुए कहा, 'पहले तो गठबंधन पर ही सवाल थे। बीजेपी और शिवसेना भाई-भाई हैं।

इसमें बड़े और छोटे भाई जैसा कुछ भी नहीं है। हमें मिलकर महाराष्ट्र के विकास और बेहतरी के लिए काम करना है।' गठबंधन के तहत दोनों दलों ने राज्य की 288 सीटों पर 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 14 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं।

'राजनीति में आदित्य का पहला कदम, अभी सीएम नहीं बनेंगे'

उद्धव ने आदित्य के सीएम बनने के सवाल पर कहा, 'राजनीति में पहले कदम का मतलब यह नहीं होता कि आपको मुख्यमंत्री ही बन जाना है। वह अभी राजनीति में उतर रहे हैं। यह तो उनकी शुरुआत है।'

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