महाराष्ट्र में 'फडणवीस' सरकार बनाने में इस शख्स ने निभाई बड़ी भूमिका
महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर सामने आया है। शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम शपथ दिलाई।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर सामने आया है। शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम शपथ दिलाई। तो वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।
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आखिर कैसे और किसने पलट दी बाजी ?
अब आते हैं असल मुद्दे पर। सवाल कि जो पार्टी(बीजेपी) महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी सरकार बनाने के लिए हाथ खड़े कर चुकी थी। जिसने राज्यपाल से मिलकर साफ कह दिया था कि वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाएगी।
आखिर ऐसा क्या हुआ जो कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के मिलकर सरकार बनाने का फैसला लेने के बाद रातों रात ही राज्यपाल के पास पहुंच गई और अहले सुबह महाराष्ट्र में सीएम पद की शपथ भी ले ली।
अगर आप ये पूछेंगे क्या ये सब इतना आसान था तो इसका जवाब मिलेगा नहीं। इस समय सब लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर इस पूरे घटनाक्रम के पीछे का असली मास्टर माइंड कौन था? सूत्रों के मुताबिक जो नाम अभी तक निकलकर सामने आ रहा है वो बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले केन्द्रीय मंत्री अमित शाह का है।
सूत्र बताते हैं कि जब शिवसेना और एनसीपी की मीटिंग चल रही थी उस दौरान कुछ वक्त के लिए अजित पवार बिना किसी को बताए बाहर गए थे। बताया जा रहा है कि इस संबंध में शरद पवार को भी उस समय कोई जानकारी नहीं थी।
वे दिल्ली में किस से मिले इसकी जानकारी भी नहीं है। अब ऐसा कहा जा रहा है कि वे अमित शाह के सम्पर्क में लगातार बने हुए थे। उनसे बातचीत चल रही थी।
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मीटिंग को लेकर अजित पवार नहीं थे गंभीर
सूत्रों के मुताबिक़ अजित पवार के बारे में एक और चौंकाने वाली बात निकल कर सामने आई है। कहा ये जा रहा है कि जिस वक्त एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस की बैठक महाराष्ट्र में चल रही थी। उसमें अजित पवार भी मौजूद थे।
संजय राउत का आरोप है कि इस पूरी मीटिंग के दौरान अजित पवार सीरियस नहीं नजर आ रहे थे। वे नजरे चुरा कर बात कर रहे थे। उन्हें उसी वक्त शक हो गया था कुछ अनहोनी होने वाली है। लेकिन उन्हें ये नहीं पता था ये सब होगा। ऐसा अंदेशा कि यह जो कुछ भी हुआ है वह अमित शाह की ही सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
क्या शरद पवार भी हैं इसमें शामिल
सूत्र बताते हैं कि बीतें दिनों शरद पवार और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई थी उन दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि उनके बीच इस मुलाक़ात में बड़ी डील हुई थी। ये डील संभवत: महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी के गठबंधन को लेकर थी।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि शरद पवार का इससे पहले भी ऐसा ही इतिहास रहा है। पवार ने गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे को तोड़ा था।
इसके पहले जब पहली बार वह मुख्यमंत्री बने थे उस दौर में भी शरद पवार पर आरोप लगे थे कि उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ दगाबाजी की थी। इस लिहाज से लोगों का यह मानना है कि यह जो कुछ भी हुआ है उस बारे में शरद पवार को मालूम रहा होगा।
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