उमा भारती के पैर में फ्रैक्चर, ब्रेक में लिखेंगी PM मोदी पर किताब

बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती जल्द ही पीएम मोदी के ऊपर एक किताब लिखने वाली हैं। शुक्रवार को उमा भारती ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

Update:2019-11-22 16:34 IST
उमा भारती के पैर में फ्रैक्चर, ब्रेक में लिखेंगी PM मोदी पर किताब

नई दिल्ली: बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती जल्द ही पीएम मोदी के ऊपर एक किताब लिखने वाली हैं। शुक्रवार को उमा भारती ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। बीते दिनों ऋषिकेश में उमा भारती फिसलकर गिर गई थीं, जिस वजह से उनके सिर में चोट आई थी और साथ ही पैर में दो फ्रैक्चर भी हुए थे। जिसके चलते डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। अब इस ब्रेक में वो पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एक किताब लिखने वाली हैं, जिसमें वो पीएम मोदी के साथ अपने एक्सपीरियेंस को साझा करेंगी।

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ट्वीट के जरिए दी जानकारी

पीएम मोदी को लेकर बीजेपी की वरिष्ठ नेता ने लिखा कि, मैंने 4 साल पहले कहा था कि मैं नरेंद्र मोदी जी पर एक पुस्तक लिखूंगी। मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को अपना गुरु अपना बड़ा भाई मानती हूं, साथ ही उन्हें मैं विधाता की इस भूमंडल पर एक अनोखी देन मानती हूं।



उन्होंने आगे लिखा कि, मैं उन्हें 1973 से जानती हूं जब मैं 12 साल की थी मैंने उन्हें बहुत ध्यान से एवं गौर से देखा है। उनकी जिस विशिष्ट शक्ति को देखकर सारा विश्व उनका प्रशंसक है वह शक्ति तो उन्हें भगवान ने दी है किंतु उस शक्ति के योग्य अपने शरीर एवं मन को अपनी साधना के जरिए उन्होंने तैयार किया है।



सिलसिलेवार ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा कि, ईश्वर प्रदत्त शक्ति उसके अनुरूप मजबूत मन तथा उसी के साथ सधा हुआ शरीर यह संगति उनके अपने आत्मविश्वास का परिणाम है। यह आत्मविश्वास उनके पास सदा से था। उन पर मैं जो संस्मरण लिखूंगी वह उनकी सहमति लेकर ही सार्वजनिक करूंगी किंतु लिखने का काम इन डेढ़ महीने में पूरा कर लूंगी।



उमा भारती ने लिखा, इसके अलावा मेरी अपनी गंगोत्री से यहां तक के गंगा प्रवास के प्रसंग तथा कुछ अन्य रोचक प्रसंग आपको इसी सोशल मीडिया के माध्यम से आपको भेजती रहूंगी।



पैर में फ्रैक्चर होने की कही बात

उन्होंने अपने पैर में फ्रैक्चर होने की भी बात कही। उमा भारती ने लिखा, घने जंगल हैं, गंगा की शांत धारा है, राम जी की तपस्या का स्थान है, एक बहुत पुराने बरगद की छाया है, पंजे के दोनों फैक्चर की तकलीफ पंजे तक ही सीमित रह गई। मेरा मन, बुद्धि एवं आत्मा को नहीं छू पाई।

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