Valentine's Day: हेलमेट के नीचे खूबसूरत आंखे, ऐसा हुआ दीवाना, बन गई हमसफ़र
तभी मेरे सामने स्कूटी पर एक लड़की निकली हेलमेट के नीचे सिर्फ उसकी खूबसूरत आंखे नज़र आ रही थी, खैर बात आई गई हुई। लेकिन दूसरे दिन मेरे मन में उस लड़की के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ने लगी, मैंने अपने कजिन से पूछा ये कौन है?
अमन दीपांकर
लखनऊ: ये बात है साल 2014 की, जब में स्कूल से निकल कर कॉलेज लाइफ में गया भैया पहले तो एडमिशन के लिए खूब भागे, खैर वो बात छोड़िये, मुद्दे पर आते हैं। भैया वैलेंटाइन डे आ गया है। 14 फरवरी 2021, यार वैसे तो इन सब में कभी रहे नहीं लेकिन क्या बताएं भैया दुनिया में ऐसे सिंगल रहो तो पाप, और इंगेज होने पर खर्चे का डर, भैया हम स्टूडेंट थे न उस टाइम।
हम भी यूपी के लौंडे हैं
खैर कॉलेज में आने पर देखा तो नेता नगरी चरम पर थी। हम भी यूपी के लौंडे हैं ऊपर से लखनऊ के होकर इन सबसे कहां पीछे रहते हम भी छात्रनेता के साथ जाने लगे, प्यार-व्यार समझ में न आता था। दिमाग सिर्फ भौंकाल मेन्टेन करने में लगा रहता था। एक दो बार पुलिस की लाठी भी खाई लेकिन दिल था कि मानता नहीं था। ये सब खूब चाला। लेकिन एक दिन मैं एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल हुआ, वहां भी नेता बन कर मोबाइल चला रहे थे।
हेलमेट के नीचे सिर्फ उसकी खूबसूरत आंखे
तभी मेरे सामने स्कूटी पर एक लड़की निकली हेलमेट के नीचे सिर्फ उसकी खूबसूरत आंखे नज़र आ रही थी, खैर बात आई गई हुई। लेकिन दूसरे दिन मेरे मन में उस लड़की के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ने लगी, मैंने अपने कजिन से पूछा ये कौन है? तो पता चला कि ये हमारी दूर के रिश्तेदार है। उसके बाद मैं उसे देखने की कोशिश करने लगा लेकिन वो दिखाई नही दे रही थी।
अब तो यही मेरी बीवी बनेगी
थोड़ी देर बाद वो खाना खाने आई तो मैं तो देखता रह गया, मेरे दिल में बस यही खयाल आया कि अब तो यही मेरी बीवी बनेगी। आप लोग एक बात तो समझ रहे होंगे कि लड़की हमें जाने या न जाने लेकिन दोस्त लोग भाभी जरूर बोलने लगेंगे, वही वाला हाल था। फिर क्या था वो लड़की मेरे दिल में उतर ही गई और यह सब मेरी जिंदगी में पहली बार हो रहा था। अब मैं मिला तो बचपन में था, उससे बाद इतने साल बाद कोई याद रहे न रहे। थोड़ी हिम्मत करके भोलेबाबा का नाम लिया और आगे बढ़ा बोला आप दीपिका (काल्पनिक नाम) हैं? बचपन में घर आती थीं? उन्होंने बोला हां, तुम शुभम हो ना? जैसे-तैसे इंट्रोडक्शन हुआ। फिर पिताजी की आवाज़ आयी और मैं चला गया।
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यार कैसे बात होगी?
उसके बाद फिर मैं बस यही सोच रहा था कि यार कैसे बात होगी? नम्बर मांग नहीं सकता था, लेकिन भैया यूपी के लौंडे, ऊपर से लखनऊ के नवाब, बात तो आगे बढ़नी ही थी, जुगाड़ तो करना ही था। बस लग गए मिशन पूरा करने में, फिर पूरा जैक लगाने के बाद बहुत मशक्कत करने के बाद 6 महीने लग गए। तब जाकर उसका नंबर मुझे उसने खुद दिया।
लड़की को इम्प्रेस करना पड़ेगा
फिर भैया थोड़ा समझ में आने लगा कि अगर इस लड़की को इम्प्रेस करना है, तो थोड़ा नेता नगरी छोड़ कर कैरियर पर ज्यादा फोकस करना पड़ेगा। अब क्या था कैरियर बनाने में लग गए। उस लड़की से बात होने लगी, बात आगे बढ़ने लगी, एक दिन वाट्सअप पर मैनें अपने दिल की बात बोल ही दिया। उसके बाद भाईसाब डर तो लगा लेकिन अगले दिन जवाब अच्छा आया।
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दुनिया से लड़कर मैंने अपना जीवन साथी उसी को बनाया
उस दिन के बाद मेरी जिंदगी में ऐसा मोड़ आया कि पूरी जिंदगी बदल गई भाई, कसम से बहुत बवाल के बाद लड़ने के बाद, आज मेरी दीपिका (काल्पनिक नाम) मेरे साथ है और मैं अपनी दीपिका (काल्पनिक नाम) से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और दुनिया से लड़कर मैंने अपना जीवन साथी उसी को बनाया है। उसी के साथ वैवाहिक जीवन जीना है। भैया लोग अगर आपको मेरी स्टोरी अच्छी लगी तो बताइयेगा जरूर भैया लोग।
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