हर लड़की का दो घर, दोनों में होती मां, क्यों एक के साथ प्यार, दूसरे के साथ है तकरार
किसी भी लड़की के जीवन में दो घर होता है। एक पिता का और दूसरा पति का। शादी के बाद उसे पति के घर को ही अपना समझना होता है। यही हमारे समाज और धर्म में कहा गया है। सदियों से इसी परंपरा का पालन होता आ रहा है। जहां लड़कियां एक मां-बाप का घर छोड़ दूसरे पति के घर आती है वहां भी उन्हें माता-पिता के समान सास-ससुर मिलते हैं जिनमें खुद के माता पिता की छवि देखनी होती है। बेटे की शादी के बाद वहीं मां सास बन जाती है और सास को बहू ऐब भी दिखाता है। या ये कहे कि सास-बहू के बीच झगड़ा आज हर घर में आम बात है।
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आज के दौर में ऐसा घर बड़ी मुश्किल से मिलेगा, जहां पर सास-बहू का झगड़ा न हो। कई बार ये झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि दोनों साथ-साथ नहीं रहना चाहतीं और ये क्षण सबसे कठिन होते है। सास बहू का रिश्ता ही ऐसा होता है जिसमें एक दूसरे को समझने में थोड़ा समय लगता है।सास को बहू को बेटी और बहू को सास को मां का दर्जा देने में थोड़ा वक्त लगता है। सास और बहू दोनों को कुछ बातों का ध्यान रखते हुए एक दूसरे को समझने का प्रयास करना चाहिए। सास को बहू को समझने का प्रयास करना चाहिए कि वो अभी नए घर में आई है , उसे घर में नए माहौल को अपनाने में उसे थोड़ा समय देना चाहिए। इन बातों से करें रिश्तों में मिठास लाने का उपाय....
बहू बेटी समझे सांस
*क्योंकि बहू अपना घर छोड़ कर ससुराल आती है तो ऐसे में सास को पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
*सास को बहू के साथ मां जैसा व्यवहार करना चाहिए ताकि उसे घर में अपनापन महसूस हो।
*-सास को कभी भी बहू को , उसकी लाई गई चीज़ों की गिनती नहीं करवानी चाहिए।
*सास को बहू से उतना ही काम करवाना चाहिए जितना वे कर सकें।ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहिए।
*अगर सास के मन में भी कोई बात हो तो बहू से सीधे बात कर लेनी चाहिए।
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बहू को भी दिखें सास में मां की छवि
अगर बहू भी चाहती है कि उसे ससुराल में भी वहीं प्यार मिलें तो उसे सास को भी मां जैसा प्यार देना पड़ेगा।
*बहू को ससुराल में केवल अपने पति का ही नहीं,बल्कि पूरे परिवार का ध्यान रखना पड़ेगा ,तभी वह अपने ससुराल में अपनी जगह बना सकेंगी।
*पत्नी को अपने पति से कभी भी उनकी मां की कोई ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए, जिससे घर में झगड़ा हो जाएं।
*बहू को सिर्फ अपनी सास को मां जैसा समझना ही नहीं ब्लकि मां जैसे प्यार ,इज्जत और अगर कोई बात हो भी जाएं तो अपनी सास से शेयर करने में झिझकना नहीं चाहिए।
कुछ धार्मिक बातें...
*सास व बहू में आपसी संबंध कटु होने पर बहू चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें।
*हल्दी या केसर की बिंदी माथे पर लगाएं।
*शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार से बिंदी लगाना शुरू करें।
*गले में चांदी की चेन धारण करें।
*किसी से भी कोई सफेद वस्तु न लें।
*मंगलवार को मंदिर के बाहर बैठे गरीबों को सूजी का हलवा स्वयं बांटें।
*स्थितियां अपने आप अनुकूल होने लगेगीं।