छेड़ा तो छोड़ेंगे नहींः गंदी हरकत पर, भारत की चीन और पाक को चेतावनी
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा एशिया की दो एटमी ताकतों को अलग करती है।
लखनऊ: भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा एशिया की दो एटमी ताकतों को अलग करती है। इस वास्तविक नियंत्रण रेखा के लिए पिछले तीस दिन बहुत तनाव भरे रहे हैं। इसी रेखा के पास 15 जून को भारतीय सेना के 20 जवान चीन के साथ हुई झड़प में मारे गए थे। उसके बाद से वार्ताओं के तमाम दौर चले हैं। टॉप लेवल के दौरे हुये हैं और ढेरों बयानबाजी भी चली है। लेकिन इन सबसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के इर्द गिर्द तनाव घटाने में ज्यादा सफलता नहीं मिली है। चीन ने अपने नुकसान के बारे में तो कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन भारत का जवाब अभूतपूर्व रहा है।
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भारत को पता है कि वह एक मुश्किल पड़ोसी से निपट रहा है सो शांति के संदेश भेजने के अलावा भारत चीन को ये बताने में एकदम नहीं हिचकिचा रहा कि भविष्य में अगर कोई उकसावे वाली हरकत की गई तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे। इस मामले में भारत एक प्राचीन कहावत – अच्छे की उम्मीद करो और बुरे के लिए तैयार रहो – पर चल रहा है। भारत ने इस क्रम में नई परम्पराएँ स्थापित कीं हैं और बुरी से बुरी स्थिति से निपटने की तैयारी कर डाली है। ये तैयारी एक साथ दो मोर्चों यानी चीन और पाकिस्तान के खिलाफ है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि चीन को तगड़ा मेसेज देने के लिए एक सीमित सैन्य कार्यवाही भी कर दी जाये। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान को कंट्रोल करने की भी तैयारी कर दी गई है, ऐसा जानकारों का मानना है।
टॉप लेवल के दौरे
तीन जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भारतीय सेना के ठिकानों का दौरा किया। मोदी ने लद्दाख से शांति का संदेश दिया लेकिन चीन को ये भी संकेत दिया कि विस्तारवाद के दिन अब लद चुके हैं। जमीन हड़पने की चाल अब नहीं चलने वाली।
मोदी के दौरे के 15 दिन के भीतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टॉप सैन्य अधिकारियों के साथ 17 जुलाई को लद्दाख का दौरा किया और जमीनी स्थिति का जायजा लिया। राजनाथ सिंह ने पैंगोंग झील के पास लुकुंग चौकी में भारतीय जवानों को संबोधित किया जिसमें उनका संदेश था कि भारत वसुधाईव कुटुंबकम में विश्वास करता है लेकिन उकसावे की किसी हरकत पर भारत मुंहतोड़ जवाब देने से भी नहीं हिचकिचाएगा। राजनाथ के समक्ष सेना ने अपनी ताकत का जबर्दस्त प्रदर्शन भी किया जिसमें पैराट्रूपिंग और टैंकों का प्रदर्शन शामिल था। इस दौरान राजनाथ सिंह ने थलसेना और वायुसेना की तैयारियों को देखा जिसकी धमक चीन तक जरूर सुनाई दी होगी।
पाकिस्तान को सख्त संदेश
राजनाथ सिंह का ये दौरा पाकिस्तान को भी एक मेसेज है। रक्षा मंत्री आज कश्मीर और जम्मू में पाकिस्तान से लगी सीमाँ का भी दौरा करेंगे। इस अदूरे में सैन्य तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने इस तरह चीन के साथ पाकिस्तान को भी ये मेसेज दिया है कि भारत इन दोनों देशों से एक साथ निपटने को हमेशा तैयार है। इसके अलावा जग मंगलवार को भारत और चीन के मिलिटरी कमांडरों के बीच हुई बातचीत में भारतीय पक्ष ने साफ कह दिया है कि चीन को 5 मई से पहले वाली स्थिति की बहाली के अलावा कुछ और मंजूर नहीं है।
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सीमित कार्यवाही मुमकिन
जानकारों का कहना है कि भारतीय सैन्य पक्ष में कुछ वर्गों का मानना है कि चीन के खिलाफ एक सीमित कार्यवाही कर दी जानी चाहिए। लेकिन इस पर अभी कोई सहमति नहीं बन पायी है। मुमकिन है कि राजनाथ सिंह के दौरे और भारतीय सेना के तैयारियों में कहीं इस सीमित कार्यवाही की बात भी छिपी हुई है।
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