Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल मामले के फैसले की देरी पर अभिनव बिन्द्रा का फूटा गुस्सा, कही ये बड़ी बात

Vinesh Phogat: भारत की कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने के मामले की तारीख आगे बढ़ने पर अभिनव बिन्द्रा ने दिया रिएक्शन

Report :  Kalpesh Kalal
Update: 2024-08-14 04:34 GMT

Vinesh Phogat (Source_Social Media)

Vinesh Phogat: तारीख पर तारीख... तारीख पर तारीख.... बॉलीवुड की एक फिल्म का डायलॉग इन दिनों फिर से याद आने लगा है। क्योंकि पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालीफाई कर दी गई विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने का मामला फिर से तारीख में अटक गया है। हर किसी को 13 अगस्त का इंतजार था, क्योंकि इस दिन भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने के मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन अब एक बार फिर से ये तारीख बदलकर 16 अगस्त कर दी गई है।

विनेश फोगाट मामले पर नई तारीख आने पर भड़के अभिनव बिन्द्रा

विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने का फैसला करने के लिए सीएएस की सुनवाई होने है। जिस पर हमारे पूरे देश की नजरें टिकी हुई है। लेकिन इस सुनवाई को लेकर तारीख पर तारीख आगे बढ़ती जा रही है। बार-बार फैसले में देरी और तारीख के आगे बढ़ने को लेकर अब भारतीय फैंस का गुस्सा फुटने लगा है। फैंस ही नहीं बल्कि भारत के पूर्व गोल्ड मेडलिस्ट अभिवन बिन्द्रा भी काफी खफा हो गए हैं, जिन्होंने विनेश फोगाट के मामले में नई तारीख आने पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। लेकिन साथ ही अभिनव बिन्द्रा ने फैंस को धैर्य रखने की भी अपील की है।

किसी भी अहम फैसले में देरी हो तो निराशा होना लाजिमी- अभिनव बिन्द्रा

अभिनव बिन्द्रा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, "जब भी किसी महत्वपूर्ण काम में देरी होती है, तब हम सबको निराशा होती है। आज जब हम विनेश फोगाट मामले पर CAS के फैसले में देरी के बारे में बात कर रहे हैं तब भी इसी तरह की निराशा झेल रहे हैं। मेरा मानना ये है कि हम एथलीट हर चार साल इसी इंतजार में बिताते हैं कि एक बार फिर ओलंपिक्स में छाने का मौका मिल जाए। हम एथलीट कह रहे होते हैं कि काश ओलंपिक खेल जल्दी आ जाएं। आज पूरा भारतवर्ष उसी भावना को महसूस कर रहा है।"

अभिनव बिन्द्रा ने कहा, धैर्य के साथ 16 अगस्त का करें इंतजार

भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि “खेल खेलने का मतलब सिर्फ मैदान में चल रहा एक्शन नहीं होता। खेलों में इंतज़ार, धैर्य और आगे बढ़ने की दृढ़ता भी चाहिए होती है। इसलिए हम सब 16 अगस्त का इंतज़ार करेंगे। याद करिए कि हमारे एथलीट किन परिस्थितियों से गुजर कर यहां पहुंचते हैं और यही सोच कर उनका मनोबल बढ़ाइए। हम सब जानते हैं कि यह एक बहुत लंबी लड़ाई खेली जा रही है।"

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