Commonwealth Games 2022: भारत को मिला दूसरा पदक, गुरुराज पुजारी ने वेटलिफ्टिंग में जीता ब्रॉन्ज मेडल
Commonwealth Games 2022: गुरूराज पुजारी ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को दूसरा मेडल दिलाया। उन्होंने 61 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में आज का दिन भारत के लिए शानदार गुजर रहा है। पहले संकेत ने सिल्वर मेडल जीता था और अब गुरूराज पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया। गुरुराज पुजारी ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को कांस्य पदक जिताया है। उन्होंने कुल 269 किलोग्राम भार उठाया। उन्होंने स्नैच में 118 और क्लीन एंड जर्क में 151 किलोग्राम भार उठाया।
ऐसा रहा गुरुराज का प्रदर्शन
गुरुराज ने पहले स्नैच में 115 किलो का भार उठाते हुए शानदार शुरुआत की थी। फिर दूसरे प्रयास में उन्होंने 118 किलो का भार उठाया था। उन्होंने इसके बाद इसमें दो किलो और वजन बढ़ाकर 120 किलोग्राम उठाने का प्रयास किया लेकिन वह तीसरी बार सफल नहीं हो पाए।
क्लीन एंड जर्क में गुरुराज ने पहले प्रयास में 144 किलो का भार उठाया। फिर दूसरे प्रयास में वह 148 किलो का भार उठाने में सफल रहे। मेडल पक्का करने के लिए उन्हें आखिरी प्रयास में 151 किलो का भार उठाना था जिसमें वह सफल रहे।
अंजिल बिन बिदिन मुहम्मद ने जीता गोल्ड
पुजारी के अलावा मलेशिया के अंजिल बिन बिदिन मुहम्मद ने कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता है। मुहम्मद ने स्नैच में 127 किलोग्राम का भार उठाया था जो इस राउंड में सबसे अधिक था।
क्लीन एंड जर्क में उन्होंने अपनी पहले प्रयास में ही 153 किलो का भार उठाया। दूसरे प्रयास में उन्होंने 158 किलोग्राम उठाते हुए गोल्ड मेडल मेडल पक्का किया। गोल्ड पक्का करने के बावजूद उन्होंने 166 किलोग्राम उठाने का प्रयास किया और असफल रहे। वहीं, पापुआ न्यू गिनी के मोरिया बारू ने 273 किलोग्राम उठाने में सफल रहे और सिल्वर मेडल हासिल किया।
संकेत ने जीता भारत के लिए पहला मेडल
इससे पहले संकेत महादेव सरगर ने 55 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीतते हुए भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का पहला मेडल दिलाया था। स्नैच में संकेत ने सबसे अधिक 113 किलो का भार उठाया था और क्लीन एंड जर्क में भी वह 135 किलो का भार उठाकर आगे चल रहे थे। हालाँकि, वह दूसरे प्रयास में चोटिल हो गए। संकेत ने चोटिल होने के बावजूद तीसरा प्रयास करने का फैसला किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। सिर्फ एक किलोग्राम के अंतर से वह गोल्ड से चुक गए।