4 साल पहले इस खिलाड़ी के लिए रोया था हिंदुस्तान, ऐसे पिच को छूकर किया था आखिरी सलाम

Update: 2017-04-24 05:59 GMT

लखनऊ: 22 गज की पिच पर मेरी जिंदगी के 24 साल बहुत अच्छे रहे, लेकिन अब इसका अंत हो रहा है। इन्हीं अल्फाजों के साथ 22 गज की पिच छूकर मास्टर ब्लास्टर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उस दिन पूरा हिंदुस्तान रोया था। वानखेड़े रोया था। हर आंख में सिर्फ आंसू थे।

हर जुबां खामोश थी, पर चेहरा हाल-ए-दिल बयां कर रहा था। कोई छोड़ कर जा रहा था और दिल कह रहा था, अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आज (24 अप्रैल) 44वां बर्थडे मना रहे हैं। 16 नवंबर, 2013 को सचिन ने क्रिकेट को गुडबाय बोल दिया था।

22 गज की पिच से मास्टर ने एक खिलाड़ी से भगवान बनने तक का सफर तय किया। क्रिकेट का करिश्मा बने और आखिरी सलाम कर लौट गए। सचिन की आंखों से आंसू निकल रहे थे। मास्टर अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश भी कर रहे थे, लेकिन छिपा नहीं सके। कोई यकीन नहीं कर पा रहा था कि अब मास्टर मैदान पर नहीं दिखेंगे।

अपने पहले प्यार को अलविदा कह चुके हैं। नजरें झुकाए, आंखों में आंसू लिए, जब सचिन ने फैंस की तरफ देखा, तो हर दिल रो पड़ा, क्योंकि वो नहीं देख पा रहा था अपने चेहते को खुद से दूर जाते हुए। 24 साल का सफर थम गया था। जीत की खुशी थी, पर वहीं था विदाई का गम। देखते ही देखते हर आंख हो गई थी नम।

सचिन-सचिन की आवाज पूरे स्टेडियम में गूंज रही थी। सब उस पल को अपनी आंखों में कैद कर लेना चाहते थे। दिल चाहता था कि काश वक्त यहीं ठहर जाए। नम आंखों से मास्टर ने ऐसी स्पीच दी कि सब रो पड़े।

सचिन ने अपने करियर के चौबीस साल इस खेल के जरिए देश की सेवा में जो लगा दिए। अब तेंदुलकर को खेलते देखना इतिहास की बात हो चुकी है, लेकिन हम गर्व से आने वाली पीढ़ी को कह सकेंगे कि हमने सचिन को खेलते देखा है।

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