Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल की अपील खारिज होने के बाद विनेश फोगाट की पहली प्रतिक्रिया, 3 पन्नों में बयां किया अपना अनुभव

Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालीफाई करने के बाद भारत लौटने की तैयारी, 17 अगस्त को पेरिस से लौटेगी भारत

Report :  Kalpesh Kalal
Update:2024-08-17 08:09 IST

Vinesh Phogat (Source_Social Media)

Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में लगभग मेडल को अपना बना लिया था, लेकिन दुर्भाग्यवश चूक के बाद विनेश फोगाट पूरी तरह से टूट चुकी थी। जब कुश्ती के 50 किलोग्राम कैटेगरी में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से फाइनल से पहले डिसक्वालीफाई किया गया तो विनेश स्ट्रेस में आ गई और उनके दिलों-दिमाग को गहरी चोट लगी थी। इसके बाद विनेश को सिल्वर मेडल दिए जाने का मामला उठा, लेकिन वहां भी इनकी ये अपील ठुकरा दी गई और अब विनेश अपने देश में लौटने को तैयार है।

पेरिस से लौटने से ठीक एक दिन पहले विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया

विनेश फोगाट भले ही पेरिस ओलंपिक से खाली हाथ लौट रही है, लेकिन परे देश की भावनाएं और समर्थन के साथ लौट रही है। 17 अगस्त को विनेश निराश जरूर लेकिन मजबूती के साथ लौट रही है, जिसका इशारा उन्होंने अपने एक 3 पन्नों के लेटर में दिया है। इस लेटर में विनेश ने अपने करियर में आए हर एक मोड़ को उतार दिया है और दिल छू लेने वाली प्रतिक्रिया दी है।

3 पन्नों के लेटर में उतारा अपना पूरा दर्द और अनुभव

विनेश फोगाट ने अपने एक्स अकाउंट पर तीन पन्नों का लेटर शेयर किया है। जिसमें उन्होंने अपनी कईं तरह की भावनाएं साझा की। विनेश ने बताया कि कैसे उनके पिता ने उन्हें हवाई जहाज में उड़ते हुए देखना का सपना देखा था। हालांकि उनके पिता का साया विनेश की बहुत कम उम्र में ही उठ गया था। इसके साथ ही विनेश फोगाट ने अपनी मां और अपने पति का भी जिक्र किया और उनके समर्थन को लेकर दिल छू लेने वाली बात रखी। विनेश ने भारत आने से पहले खुद को अगले ओलंपिक में देखे जानें की संभावना भी व्यक्त कर पूरे भारत के फैंस को भी खुश कर दिया।

मेरे बस ड्राइवर पापा ने मुझे हवाई जहाज में उड़ने का देखा था सपना- विनेश

विनेश फोगाट ने इस लेटर में लिखा कि, ''जब मैं छोटी थी तब मुझे ओलंपिक्स के बारे में जानकारी नहीं थी। मैं भी हर छोटी बच्ची की तरह लंबे बाल रखना चाहती थी। फोन को हाथ में लेकर घूमना चाहती थी। मेरे पिता एक सामान्य बस ड्राइवर हैं। वे अपनी बेटी को हवाई जहाज में उड़ते हुए देखना चाहते थे। मैंने अपने पिता का सपना पूरा कर दिया। जब वे मुझे इसका जिक्र करते हैं तो मैं हस देती हूं।''

विनेश ने कहा- मेरी मां और मेरे पति का हमेशा बहुत बड़ा समर्थन मिला

इसके बाद हमारे देश की इस बेटी ने आगे लिखा कि, ''तमाम मुश्किलों के बावजूद मेरे परिवार ने भगवान पर भरोसा रखा। हमें यह यकीन रहा है कि जो भगवान ने हमारे लिए सोचा होगा वह अच्छा ही सोचा होगा। मेरी मां हमेशा कहती हैं कि भगवान कभी अच्छे लोगों के जीवन में बुरी चीजें नहीं आने देते हैं। मुझे इस बात पर तब और ज्यादा यकीन हो गया जब मैं अपने पति सोमवीर के साथ जीवन के रास्ते पर आगे बढ़ी। सोमवीर ने मेरा हर सफर में साथ दिया है।''

मेरे अंदर हमेशा रहेगी कुश्ती, अधूरा सपना करना है पूरा- विनेश फोगाट

इसके बाद विनेश फोगाट ने देशवासियों को खुश कर दिया। क्योंकि जिस वक्त विनेश ने पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालीफाई होने के बाद निराश मन से कुश्ती को अलविदा कह दिया था। तब उनकी वापसी काफी मुश्किल लग रही थी, लेकिन अब उन्होंने खुद ही संभावना व्यक्त की, कि वो ओलंपिक के अपने अधूरे सपने को पूरा करना चाहेगी। विनेश ने लिखा कि, “मेरी टीम, मेरे साथी भारतीयों और परिवार को ऐसा लगता है कि जिस लक्ष्य के लिए हम काम कर रहे थे और जिसे हासिल करने की हमने योजना बनाई थी, वह अधूरा रह गया है। कुछ कमी हमेशा बनी रह सकती है और चीजें फिर कभी वैसी नहीं हो सकतीं। शायद अलग परिस्थितियों में मैं खुद को 2032 तक खेलते हुए देख पाऊं, क्योंकि मेरे अंदर की लड़ाई और कुश्ती हमेशा रहेगी।”

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