Apple Fined: अरब रुपये का जुर्माना भुगतेगी दिग्गज कम्पनी एप्पल, EU ने लिया फैसला
Apple Fined: अरब रुपये का जुर्माना ऐप स्टोर के नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है।आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से.
Apple Fined : ऐप स्टोर के नियमों की अवमानना को लेकर दिग्गज टेक कंपनी एप्पल अब एक सवालों के घेरे में फंस चुकी है। इस कंपनी पर एक बड़ी भारी रकम के तौर पर जुर्माना भी ठोका गया है। यही वजह है कि यूरोपीय संघ (EU) के एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर द्वारा अमेरिकी कंपनी ऐपल पर लगभग 1.84 अरब यूरो भारतीय राशि के अनुसार लगभग 165 अरब रुपये का जुर्माना लगाया है।ये जुर्माना ऐप स्टोर के नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है।आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से
एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर की ये थी शिकायत
एप्पल कम्पनी पर लगाए गए मुकदमे के संबंध में म्यूजिक स्ट्रीमिंग कंपनी स्पॉटिफाई की शिकायत पर टेक कम्पनी एप्पल के खिलाफ जुर्माना राशि अदा करने को लेकर कार्रवाई की गई है। एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर ने ऐपल से कहा है कि वो म्यूजिक सेवा प्रदान करने वाले ऐप्स को ऐपल ऐप स्टोर से बाहर सस्ते में सब्सक्रिप्शन देने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती।
एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर के फैसले पर स्पॉटिफाई की ये रही प्रतिक्रिया
म्यूजिक सेवा प्रदान करने वाले ऐप्स स्पॉटिफाई को ऐपल ऐप स्टोर से बाहर सस्ते में सब्सक्रिप्शन देने पर एप्पल कंपनी द्वारा रोक लगाए जाने पर शिकायत करने वाली स्पॉटिफाई ने EU के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त में कहा कि, दिग्गज कंपनी एप्पल कम्पनी के खिलाफ लिया गया यह निर्णय वास्तव में एक महत्वपूर्ण संदेश प्रेषित करता है कि, ऐपल जैसी एकाधिकारवादी कंपनी भी अपनी पॉवर का गलत इस्तेमाल कर मार्केट में मौजूद दूसरी कम्पनियों पर अपनी मनमानी नहीं थोप सकतीं। उनके पास ये अधिकार कतई नहीं है कि उनके अलावा मार्केट में तकनीकी रूप से आगे बढ़ रहीं कंपनियां अपने ग्राहकों को अपने साथ किस तरह से जोड़ने का काम कर रहीं हैं।
ऐपल की EU के इस फैसले पर ये रही प्रतिक्रिया
EU के इस फैसले पर टेक कंपनी ऐपल ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए कहा कि, EU द्वारा पेश किए गए फैसले से वो बिलकुल भी संतुष्ट नहीं है। कंपनी जल्द ही इस फैसले को चुनौती देने की दिशा में कदम रखेंगी। क्योंकी म्यूजिक सेवा प्रदान करने वाले ऐप्स स्पॉटिफाई इस सेगमेंट में दूसरी कंपनियों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ने के लिए ऐपल को कुछ भी दिए बिना ऐप स्टोर के नियम के बदलाव लाने की कोशिश कर रही है।
एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर का इस प्रकरण में ये था बयान
एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर द्वारा इस पूरे प्रकरण को लेकर दिए गए बयान में कहा गया है कि, टेक कम्पनी ऐपल ने अपनी मजबूत उपस्थिति का गलत इस्तेमाल किया है।यही वजह है कि, इस कम्पनी द्वारा किए नियमों की अवहेलना की समय सीमा के साथ इसकी गंभीरता को देखते हुए ऐपल के कुल कारोबार और बाजार में इसके विस्तृत पूंजीकरण के अनुरूप इस कंपनी पर जुर्माने की राशि तय की गई है। EU ने इस विषय पर कहा कि, ऐपल म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप्स को iOS यूजर्स के लिए उसके ऐप स्टोर से बाहर उपलब्ध अन्य सस्ते सब्सक्रिप्शन विकल्पों के बारे में जानकारी देने पर रोक लगाती है। उसने अपने बयान में एप्पल के खिलाफ गंभीर आरोप तय करते हुए यहां तक कहा कि, ये कंपनी पिछले एक दशक से इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में अपनी मौजूदगी का गलत फायदा उठाती चली आ रही है।