India's Biggest Cyber Fraud 2024: टेक और साइबर दुनिया के बड़े फ्रॉड जिसने भारत के सैंकड़ों लोगों को ठगा

India's Biggest Cyber Crime 2024: भारत में बढ़ते साइबर अपराधों के मद्देनजर, एक समर्पित साइबर सुरक्षा बल की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

Written By :  AKshita Pidiha
Update:2024-12-31 14:11 IST

India's Biggest Cyber Fraud 2024 (Photo - Social Media)

India's Biggest Cyber Fraud 2024: भारत में साइबर अपराधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ। फर्जी निवेश योजनाओं से लेकर डीपफेक तकनीक का उपयोग करते हुए डिजिटल घोटालों तक, अपराधियों ने लोगों को ठगने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया। इन घटनाओं ने न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि साइबर सुरक्षा की कमजोरी और डिजिटल साक्षरता की कमी को भी उजागर किया।2024 के पहले नौ महीनों में, भारत में साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से ₹11,333 करोड़ की ठगी की गई।

आइए, 2024 के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड्स पर विस्तार से चर्चा करें:


  1. फेक सुप्रीम कोर्ट सुनवाई-साइबर अपराधियों ने नकली ऑनलाइन कोर्ट सुनवाई का आयोजन कर लोगों को ठगने का अनोखा तरीका अपनाया। यह घोटाला तब शुरू हुआ जब अपराधियों ने सुप्रीम कोर्ट जैसी दिखने वाली एक फर्जी वेबसाइट और ऐप लॉन्च किया।अपराधी पीड़ितों को एक नोटिस भेजते थे, जिसमें कहा जाता था कि उनके खिलाफ एक कानूनी मामला चल रहा है। सुनवाई में शामिल होने और ‘मामला सुलझाने’ के लिए एक भारी शुल्क मांगा जाता था।इस घोटाले ने सैकड़ों लोगों को ठगा, जिन्होंने कानूनी पचड़ों से बचने के लिए पैसे दिए।
  2. डीपफेक वीडियो का उपयोग-डीपफेक तकनीक के माध्यम से अपराधियों ने फर्जी वीडियो तैयार किए, जिसमें लोगों को उनके परिवार के सदस्यों या अधिकारियों के रूप में दिखाया गया।अपराधी फर्जी वीडियो के माध्यम से पीड़ितों को डराते थे और पैसे मांगते थे। कई मामलों में, उच्च-प्रोफ़ाइल व्यक्तियों के डीपफेक वीडियो का उपयोग कर उनके नाम पर धन वसूली की गई।साइबर अपराधियों ने क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंधाना के नाम पर डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए लोगों को ठगा।
  3. डिजिटल गिरफ्तारी स्कैम-फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी वारंट और ऑनलाइन पुलिस स्टेशन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके लोगों को ठगा गया। अपराधियों ने दावा किया कि उनके खिलाफ गंभीर अपराध का मामला दर्ज है।पीड़ितों को ‘जमानत शुल्क’ के रूप में पैसे देने के लिए मजबूर किया जाता था। कई मामलों में, यह दावा किया गया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए तत्काल भुगतान आवश्यक है।यह घोटाला खासतौर पर उन लोगों पर निशाना साधता था जो कानूनी प्रणाली से डरते हैं।
  4. फेक ट्रेडिंग ऐप्स और निवेश योजनाएं-2024 में नकली ट्रेडिंग ऐप्स और फर्जी निवेश योजनाओं ने लोगों को बड़े पैमाने पर ठगा।ये ऐप्स बड़े मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों को अपने जाल में फंसाते थे। शुरुआती निवेश पर कुछ रिटर्न देकर लोगों का भरोसा जीतने के बाद, वे अचानक गायब हो जाते थे।एक फर्जी ऐप ‘फास्टट्रेड प्रो’ ने भारत में 10,000 से अधिक निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की. एक 75 वर्षीय व्यक्ति को फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा।
  5. फेक इन्वेस्टमेंट स्कीम्स-साइबर अपराधियों ने बड़े मुनाफे का लालच देकर लोगों को फर्जी निवेश योजनाओं में फंसाया। ये योजनाएं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रचारित की गईं।दिल्ली में ‘ग्रोविद इन्वेस्ट’ नामक योजना ने कई रिटायर व्यक्तियों को टारगेट किया और उनकी जीवनभर की बचत हड़प ली।
  6. ऑनलाइन साइबर ब्लैकमेल-साइबर अपराधियों ने लोगों के निजी डेटा और फोटोज़ को चुराकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू किया।अपराधी पहले पीड़ितों का डेटा हैक करते थे। फिर उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर पैसे मांगते थे।पुणे की एक महिला को 1 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा, जब उसके निजी फोटो हैक कर लिए गए।
  7. ई-कॉमर्स धोखाधड़ी-फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और भारी छूट का लालच देकर अपराधियों ने लोगों को ठगा। इन वेबसाइट्स पर ऑर्डर करने के बाद या तो नकली उत्पाद भेजे जाते थे या पैसे लेकर वेबसाइट गायब हो जाती थी। ‘डिस्काउंट डील्स 24’ नामक वेबसाइट ने हजारों ग्राहकों को ठगा।
  8. डेटा चोरी और सोशल मीडिया स्कैम-साइबर अपराधियों ने लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स हैक कर उनसे फिरौती मांगी या उनके परिचितों से पैसे वसूले। इसके अलावा, डेटा चोरी के बड़े मामले भी सामने आए, जहां लोगों की निजी जानकारी का दुरुपयोग किया गया।
  9. फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म फ्रॉड- 2024 में वर्क फ्रॉम होम के बढ़ते चलन के कारण फ्रीलांसिंग और रिमोट जॉब्स से जुड़े धोखे भी बढ़े। कई फर्जी प्लेटफॉर्म्स ने पंजीकरण शुल्क के नाम पर लोगों से पैसे लिए और फिर गायब हो गए।

वित्त वर्ष 2024 में, भारत में बैंकिंग लेनदेन से संबंधित साइबर धोखाधड़ी के मामलों में 334 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।नोएडा में पिछले एक वर्ष में 168 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने लगभग ₹20.86 करोड़ की ठगी की थी।हापुड़ में पुलिस ने 2024 में 33 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया और पीड़ितों को ₹45 लाख की राशि वापस दिलाई।


भारत में बढ़ते साइबर अपराधों के मद्देनजर, एक समर्पित साइबर सुरक्षा बल की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।भारत सरकार साइबर अपराध के मामलों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, भारतीय दंड संहिता, 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो अधिनियम) के प्रावधानों के तहत संभालती है।

कैसे बचें ऐसे फ्रॉड्स से

  1. सतर्क रहें: अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें और किसी भी संदिग्ध ईमेल या मैसेज पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
  2. ऑथेंटिसिटी चेक करें: निवेश करने या किसी ऐप का उपयोग करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
  3. सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर: एंटीवायरस और साइबर सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
  4. दो-चरणीय सत्यापन (2FA): अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए यह सुविधा सक्षम करें।
  5. साइबर जागरूकता: जागरूकता अभियान में भाग लें और दूसरों को भी सतर्क करें।
  6. ट्रेडिंग ऐप्स की जांच करें: अगर आप किसी भी प्लेटफॉर्म्स के जरिए ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आप एक भी रुपये की ट्रेडिंग करने से पहले उस प्लेटफॉर्म की जांच करें और हमेशा किसी सर्टिफाइड प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें.
  7. अगर आपको कोई कॉल या मैसेज के जरिए किसी भी प्रकार की धमकी दे रहा है और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था है, तो जल्द से जल्द उसकी शिकायत पुलिस को करें।

2024 में साइबर अपराधों ने यह साबित किया कि डिजिटल युग में सतर्कता और जागरूकता ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है। सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।


इसके साथ ही, आम लोगों को भी अपनी डिजिटल जानकारी की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना होगा। आने वाले सालों में इस तरह के फ्रॉड्स को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है।2024 के ये साइबर फ्रॉड्स हमें यह सिखाते हैं कि डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है। आने वाले साल में साइबर सुरक्षा और व्यक्तिगत जागरूकता को और मजबूत करने की जरूरत है।

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