Smartphones: ज्यादा नहीं, सिर्फ बीस बरस पुराना है स्मार्टफोन जिसने बदल दी है दुनिया
Smartphones: मोबाइल फोन बहुत कम कार्यक्षमता के साथ शुरू हुए थे, बड़े और भारीकम हैंडसेट एक लक्ज़री थे जिसे केवल कुछ ही लोग वहन कर सकते थे।
एप्पल का आईफोन-14 स्मार्टफोनों में सबसे ताजातरीन आगंतुक है, ढेरों फीचर्स से लैस। स्मार्टफोन ने एक लंबा सफर तय किया है और आज वह हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।
दरअसल, मोबाइल फोन बहुत कम कार्यक्षमता के साथ शुरू हुए थे, बड़े और भारीकम हैंडसेट एक लक्ज़री थे जिसे केवल कुछ ही लोग वहन कर सकते थे। लेकिन आज ग्लोबल आबादी का 70 फीसदी हिस्सा कोई न कोई किफायती स्मार्टफोन का उपयोग कर रहा है, जिसमें पहली पीढ़ी की तुलना में हजारों गुना अधिक प्रोसेसिंग शक्ति है। इंसानों को चांद पर ले जाने वाले कंप्यूटर से आज के स्मार्टफोन लाखों गुना तेज हैं।
स्मार्टफोन से पहले
मोबाइल फोन पहले एक लक्जरी थे जिससे केवल कॉल कर सकते थे और टेक्स्ट संदेश भेज सकता था।
1992 : पहला स्मार्टफोन
90 के दशक में आईबीएम सबसे बड़ी कंप्यूटर कंपनी थी और नई तकनीक की तलाश में अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती थी जो कंपनी के पोर्टफोलियो में फिट हो सके। उन्होंने एक ऐसा कंप्यूटर बनाने की सोची जो लोगों की जेब में फिट हो सके। 1992 में आईबीएम ने उस उपकरण का खुलासा किया जिसे पहला स्मार्टफोन कहा जा सकता है। ये एक क्रांतिकारी उपकरण था जो अपने समय से बहुत आगे था। इसमें एक टच स्क्रीन, और विभिन्न ऐप जैसे एड्रेस बुक, कैलेंडर, अपॉइंटमेंट शेड्यूलर, एक कैलकुलेटर, वर्ल्ड टाइम क्लॉक, इलेक्ट्रॉनिक नोटपैड, हस्तलिखित एनोटेशन आदि थे। इस क्रांतिकारी उपकरण को सिमंस पर्सनल कम्युनिकेटर कहा जाता था।
तब स्मार्टफोन शब्द मौजूद नहीं था, लेकिन आईबीएम सिमंस पहला मोबाइल डिवाइस है जो इतना उन्नत था कि इसे पहला आधुनिक युग का स्मार्टफोन कहा जा सकता है।
1999 : ब्लैकबेरी का ज़माना
कनाडा की ब्लैकबेरी ने अपना पहला हार्डवेयर डिवाइस ब्लैकबेरी-850 वर्ष 1999 में लॉन्च किया था। ये टू-वे पेजर की श्रेणी में आता था। ब्लैकबेरी उस समय का सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता था जिसके मोबाइल फोन ने ऐसी सुविधाएँ प्रदान की जो कोई अन्य निर्माता प्रदान नहीं कर सकता था - जबर्दस्त वायरलेस नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ चलते-फिरते ईमेल। ब्लैकबेरी के पास एक इंस्टेंट मैसेंजर भी था जिसे व्हाट्सएप से बहुत पहले "बीबीएम" कहा जाता था। ब्लैकबेरी में सुपर सिक्योर्ड कनेक्टिविटी और मैसेजिंग प्रोटोकॉल भी थे, जो इसे उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाते थे जो अपने डिवाइस से गोपनीय डेटा चोरी होने के बारे में चिंतित थे। इन सुविधाओं ने ब्लैकबेरी को दुनिया भर के लगभग हर व्यवसायिक ग्राहक के हाथों में पहुंचा दिया। अमेरिकी प्रेसिडेंट तक ब्लैकबेरी फोन का इस्तेमाल करते थे।
2001 : मोबाइल और इंटरनेट का युग
स्मार्टफ़ोन से 3जी कनेक्शन एक्सेस करने में लगभग एक दशक का समय लगा। 2001 में मोबाइल उपकरणों को वायरलेस तरीके से इंटरनेट से कनेक्ट करने की अनुमति देने के लिए एक मोबाइल प्रोटोकॉल बनाया गया था। इसने विभिन्न नए एप्लिकेशन्स और सुविधाओं की अनुमति दी लेकिन ये सभी के लिए नहीं थे। उपकरणों की कीमत कम हो गई थी लेकिन अधिकांश के लिए डेटा की लागत ज्यादा थी। बाद में जैसे-जैसे डेटा की कीमतें कम होने लगीं, वैसे-वैसे लोगों ने मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
2007: एप्पल और स्टीव जॉब्स
वर्ष 2007 में स्टीव जॉब्स ने इतिहास के सबसे प्रभावशाली स्मार्टफोनों में से एक का अनावरण किया। ये एक ऐसा उपकरण था जिसने बताया कि भविष्य की डिवाइस कैसी दिखनी चाहिए। एप्पल आईफोन -1 अब तक का सबसे चिकना टचस्क्रीन डिवाइस था, इसमें एक बड़ी ग्लास स्क्रीन और सामने एक सिंगल बटन था।
लेकिन जब एप्पल ने आईफोन का खुलासा किया, तो अन्य मोबाइल फोन निर्माताओं ने इसे एक नौटंकी और पैसे की बर्बादी बताया। मीडिया ने इसे जुआ बताया। पांच महीने बाद जब डिवाइस स्टोर्स में पहुंची तो लोग भविष्य में अपना हाथ पाने के लिए ऐप्पल स्टोर्स के बाहर लंबी लंबी लाइन में लग गए।
जब अधिकांश उत्साही लोगों द्वारा पहला आईफोन खरीद लिया गया बिक्री में गिरावट शुरू हो गई, तो एप्पल ने महसूस किया कि फोन के साथ जो ऐप्स कर सकते हैं वह केवल मानव मस्तिष्क की कल्पना द्वारा सीमित था। ऐप्पल ने 2008 में ऐपस्टोर लॉन्च किया। आईफोन लॉन्च के एक साल बाद यूजर्स को ऐप इंस्टॉल करने और ऐप्पल द्वारा प्रदान की जाने वाली चीज़ों से आगे जाने का एक तरीका मिल गया। आने वाले समय में आईफोन के बड़े पैमाने पर हिट होने के पीछे यह प्रमुख कारणों में से एक था।
एन्ड्रॉयड की एंट्री
एप्पल आईफोन की घोषणा के कुछ महीने बाद ही गूगल अपना पहला एंड्रॉइड फोन लॉन्च करने वाला था। लेकिन जब एप्पल ने आईफोन का अनावरण किया तो गूगल समझ गया कि उसे अपने एंड्रॉइड सिस्टम का पूरी तरह से पुनर्निर्माण करना होगा। जो उपकरण बाजार में प्रवेश होने वाला था, उसे रद्द कर दिया गया और गूगल इंजीनियरों ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के हर पहलू पर पुनर्विचार करते हुए नए सिरे से शुरुआत कर दी।
2008 में रिलीज हुआ एचटीसी ड्रीम पहला एंड्रॉइड स्मार्टफोन बन गया। आईओएस और ब्लैकबेरी की तुलना में सुविधाओं की कमी के कारण पहले एंड्रॉइड को आलोचना मिली, लेकिन यह अपने खुले स्वभाव के कारण दुनिया में सबसे प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक बनने के लिए तैयार था।
2022 : पूरी दुनिया बस एक क्लिक पर
आज 15 साल और 27 आईफोन के बाद, हम टचस्क्रीन पर बस चंद क्लिक के साथ लगभग सब कुछ कर सकते हैं। स्मार्टफोन ने ऐप्स के एक नए उद्योग को भी जन्म दिया जो अब हॉलीवुड से बड़ा है। एड-टेक और वीडियो और संगीत स्ट्रीमिंग जैसे नए उद्योगों का निर्माण भी हो रहा है।
अब आईफ़ोन 14 ली लॉन्चिंग के साथ स्मार्टफोन एक नए भविष्य की ओर बढ़ने वाले है। ग्राहकों के लिए बहुत कुछ होने वाला है लेकिन डर ये भी है कि पहले से ही स्मार्टफोन से चुम्बक की भांति चिपके हुए लोगों का पूर्ण रोबोटीकरण न हो जाये।