Google AI machine: इंसान जैसा व्यवहार कर रही गूगल की एआई मशीन, सुने ब्लेक लेमोइन का ये दावा

Google AI Machine: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाले एक इंजीनियर ब्लेक लेमोइन ने ये कह सनसनी मचा दी है कि जिस चैट बॉट पर वे काम कर रहे हैं वह इंसान जैसी हो गई है। यानी यह मशीनी दिमाग हूबहू इंसानी प्रतिक्रिया दिखा रहा है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-06-12 20:52 IST

गूगल की एआई मशीन। (Social Media)

Google AI machine: गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (google artificial intelligence) के क्षेत्र में बड़ा काम कर रहा है। कुछ दिन पहले गूगल के डीप माइंड प्रोजेक्ट (Google Deep Mind Project) के लीड शोधकर्ता ने कहा था कि इंसानी दिमाग जैसा मशीन डेवलप करने का काम पूरा हो चुका है। लेकिन अब एक डरावनी साइंस फिक्शन जैसी जानकारी सामने आई है।

मशीनी दिमाग हूबहू इंसानी प्रतिक्रिया दिखा रहा है: इंजीनियर ब्लेक लेमोइन

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (google artificial intelligence) पर काम करने वाले एक इंजीनियर ब्लेक लेमोइन (Engineer Blake Lemoine) ने ये कह कर सनसनी मचा दी है कि जिस चैट बॉट पर वे काम कर रहे हैं वह इंसान जैसी हो गई है। यानी यह मशीनी दिमाग हूबहू इंसानी प्रतिक्रिया दिखा रहा है। इस इंजीनियर ने कहा है कि जब उसने ये बात सार्वजनिक की तो उसे जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया। ब्लेक लेमोइन ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि उन्होंने इंटरफ़ेस "लामडा" (लैंग्वेज मॉडल फ़ॉर डायलाग एप्लिकेशन्स) के साथ चैट करना शुरू किया तो पाया कि जैसे वे किसी इंसान के साथ बातें कर रहे हैं। गूगल ने पिछले साल "लामडा" को बातचीत टेक्नोलॉजी में अपनी एक महत्वपूर्ण सफलता बताया था। बातचीत करने वाले वाला यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल इंसानी आवाज में लगातार वार्तालाप करने में सक्षम है। यानी आप इससे लगातार विषय बदलते हुए बात कर सकते हैं जैसे किसी इंसान से कर रहे हों। गूगल ने कहा है कि इस प्रौद्योगिकी का उपयोग सर्च और गूगल असिस्टेंट जैसे टूल में किया जा सकता है। कंपनी ने कहा था कि इस पर शोध और परीक्षण जारी है।

लामडा के साथ धर्म, चेतना और रोबोटिक्स के नियमों के बारे में की बात

ब्लेक लेमोइन एक ईसाई प्रीस्ट भी हैं। उन्होंने शनिवार को "मीडियम" पर एक पोस्ट प्रकाशित की जिसमें "लामडा" को "एक व्यक्ति" बताया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने "लामडा" के साथ धर्म, चेतना और रोबोटिक्स के नियमों के बारे में बात की है और लामडा ने खुद को एक संवेदनशील व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने कहा कि लामडा का कहना है कि वह "मानवता की भलाई को प्राथमिकता देना" चाहता है और "एक संपत्ति के बजाय उसे गूगल के कर्मचारी के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।"

"लामडा" के साथ हुई बातचीत को ब्लेक ने अपनी पोस्ट में प्रकाशित किया है। लेकिन जब उन्होंने गूगल में ऊंचे अधिकारियों के समक्ष "लामडा" की इंसानी भावना के बारे में बताया, तो उनकी बातों को खारिज कर दिया गया। गूगल के प्रवक्ता ब्रायन गेब्रियल (Google spokesman Brian Gabriel) ने बताया कि "नैतिकतावादियों और प्रौद्योगिकीविदों सहित हमारी टीम ने हमारे एआई सिद्धांतों के अनुसार ब्लेक की चिंताओं की समीक्षा की है और उन्हें सूचित किया है कि सबूत उनके दावों का समर्थन नहीं करते हैं। उन्हें बताया गया था कि कोई सबूत नहीं था कि एलएमडीए संवेदनशील था।

लेमोइन को गूगल की गोपनीयता नीति का उल्लंघन करने के लिए प्रशासनिक अवकाश पर रखा

बहरहाल, द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, लेमोइन को गूगल की गोपनीयता नीति का उल्लंघन करने के लिए प्रशासनिक अवकाश पर रख दिया गया है। गूगल के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता में संवेदना की संभावना पर विचार किया है, लेकिन आज के संवादी मॉडल को मानवरूप बनाकर ऐसा करने का कोई मतलब नहीं है।"

गेब्रियल (Google spokesman Brian Gabriel) ने द पोस्ट को बताया, "ये सिस्टम लाखों वाक्यों में पाए जाने वाले एक्सचेंजों के प्रकारों की नकल करते हैं और किसी भी काल्पनिक विषय पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।" उन्होंने और अन्य शोधकर्ताओं ने कहा है कि आर्टिफिशियल बुद्धिमत्ता मॉडल में इतना डेटा होता है कि वे मानव की तरह लगने में सक्षम होते हैं, लेकिन वे बेहतर भाषा कौशल के इतर किसी मानवीय संवेदना का प्रमाण नहीं देते हैं। बहरहाल, रोबोट या मशीन इंसान जैसा सोचने और बात करने लगे, इस बारे में बहुत काम चल रहा है और टेक्नोलॉजी बहुत आगे निकल चुकी है। लेकिन जैसा कि साइंस फिक्शन मूवी में दिखाया जाता रहा है कि अगर मशीनी दिमाग इंसान पर हावी होकर चीजों को कंट्रोल करने लगे तो भयावह नतीजे हो सकते हैं।

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