Hacking Safety Tips : हैकर्स से बचने का आसान तरीका, फोन को करें ऑन-ऑफ, जानें साइबर सिक्योरिटी ट्रिक्स
Hacking Safety Tips: एनएसए ने मोबाइल डिवाइस की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किये हैं जिसमें हैकिंग से बचने के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार फोन को रीबूट करने को कहा गया है।
Hacking Safety Tips: पेगासस स्पाईवेयर (Pegasus Spyware) के आज के दौर में फोन की हैकिंग से बच पाना नामुमकिन सा लगता है लेकिन एक बहुत ही सामान्य सी ट्रिक से आप अपने फोन को कुछ हद तक सुरक्षित बनाये रख सकते हैं। ये ट्रिक है – अपने फोन को ऑफ करिए, कुछ देर में फिर स्विच ऑन करिए। बस, इतना ही करना है।
Cyber Security Tips And Tricks
जबसे हमारे बीच कंप्यूटर आया है, तबसे उसकी गड़बड़ी को दूर करने का एक उपाय आज तक कायम है। और वह है कंप्यूटर को स्विच ऑफ़ करके दोबारा स्विच ऑन करना। यही उपाय किसी डिवाइस या स्मार्टफोन से जानकारी चुराने की कोशिश को नाकाम कर सकता है।
हालाँकि ये भी सच है कि फोन को रीबूट करने मात्र से साइबर अपराधियों के हमलों को रोका नहीं जा सकता है और न ही अपनी डिजिटल जानकारी को ताले में बंद करके रखा जा सकता है लेकिन इस उपाय से दुनिया के सबसे तेज हैकरों की राह में अवरोध जरूर खड़े किये जा सकते हैं।
हैकर्स से बचाव का तरीका (Hackers Se Bachav Ka Tarika
अमेरिका की नेशनल सिक्यूरिटी एजेंसी (एनएसए) में साइबर सिक्यूरिटी निदेशालय के तकनीकी निदेशक नील जिरिंग का कहना है फोन को रीबूट करके हैकरों के काम में अड़चनें जरूर डाली जा सकती हैं और उनका खर्चा व मेहनत कई गुना बढ़ाई जा सकती है। एनएसए ने मोबाइल डिवाइस की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किये हैं जिसमें हैकिंग से बचने के लिए हफ्ते में कम से कम एक बार फोन को रीबूट करने को कहा गया है।
साॅफ्टवेयर इंस्टाल करने से फोन हो सकता है हैक
दरअसल एक बार जब हैकर किसी डिवाइस या नेटवर्क पर नियंत्रण बना लेते हैं तो उन्हें उसमें लगातार बने रहने के लिए डिवाइस के रूट फाइल सिस्टम में डेटा चुराने वाला सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर देते हैं। हैकरों और उनके स्पाईवेयर को काम करने के लिए जरूरी है कि उनकी सिस्टम में मौजूदगी लगातार बनी रहे।
चूँकि एप्पल, गूगल या अन्य कम्पनियाँ अपने सिस्टम और डिवाइस के कोर ऑपरेटिंग सिस्टम को बचाए रखने के लिए तगड़े उपाए करती रहती हैं सो हैकरों का रूट फाइल सिस्टम में बने रहना मुश्किल हो जाता है। इसका तोड़ निकलने के लिए हैकर किसी भी डिवाइस के मेमोरी सेक्शन को निशाना बनाते हैं क्योंकि मेमोरी सेक्शन में पड़े किसी स्पाईवेयर को पहचान पाना और उसके स्रोत को ट्रैक करना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर फोन को नियमित रूप से रीबूट (Phone Reboot) किया जाता है तो मेमोरी सेक्शन में पड़ी सभी चीजें साफ़ हो जाती हैं। ऐसे में हैकरों को हर रीबूट के बाद फिर डिवाइस में घुसने का प्रयास करना पड़ता है। एनएसए (NSA) का कहना है कि हैकरों को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता लेकिन उनके काम को कठिन जरूर बनाया जा सकता है।
फोन का कैमरा हैक होने से बचाने का तरीका
एनएसए की गाइड में एक और महत्वपूर्ण बात कही गई है। अगर आप चाहते हैं को कोई आपके फोन के कैमरे या माइक्रोफ़ोन को रिमोट से चालू न कर सके तो इसका सिर्फ एक ही उपाय है –
आप अपने पास फोन ही न रखें। जब तक आपके इर्दगिर्द फोन रहेगा, आप कतई सुरक्षित नहीं रह सकते हैं।
बहुत से लोग एक स्मार्टफोन और एक बेसिक मोबाइल फोन साथ साथ रखते हैं और कोई गुप्त बात करते वक्त बेसिक फोन इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर ऐसे में स्मार्टफोन भी पास में है तो वह पूरी जासूसी कर लेगा और पता भी नहीं चलेगा। इसके लिए एनएसए ने कहा है कि फोन के माइक्रोफोन और कैमरे को कवर करके रखना चाहिए।
अगर किसी बेसिक फ़ोन सी बात करना हो तो आसपास स्मार्टफोन नहीं रखना चाहिए। अगर फोन में कोई संवेदनशील मैसेज या फाइल है तो पढ़ने के बाद तत्काल उसे डिलीट कर देना चाहिए।
डिवाइस में कोई भी संवेदनशील जानकारी स्टोर करके नहीं रखनी चाहिए। जो भी फोटो, मैसेज या फाइल काम के हैं उनको अलग एक्सटर्नल ड्राइव में रख लेना चाहिए।
डिवाइस को इस तरह प्रोग्राम करें कि वह हर 5 मिनट बाद ऑटोमेटेकली लॉक हो जाए। एनएसए का कहना है इन उपायों के अलावा कोई भी अन्य सावधानी हैकिंग से पूरी तरह बचा नहीं सकती है।