टीवी चैनलों से लोगों का भरोसा उठा, अब सोशल मीडिया खबरों का सबसे बड़ा स्रोत
भारत में मीडिया, तेजी से बदलते ट्रेंड में अब लोगों के लिए खबरें पाने का मुख्य स्रोत व्हाट्सएप, यूट्यूब, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म हो गए हैं।
नई दिल्ली: भारत में मीडिया, खासकर टीवी चैनलों पर लोगों का भरोसा बहुत कम हो गया है। तेजी से बदलते ट्रेंड में अब लोगों के लिए खबरें पाने का मुख्य स्रोत व्हाट्सएप, यूट्यूब, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म हो गए हैं। लेकिन आज भी लोग प्रिंट मीडिया को सबसे भरोसेमंद माध्यम मानते हैं।
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की ओर से किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में निकल कर आया है कि मीडिया पर लोगों के भरोसे के मामले में फ़िनलैंड सबसे ऊपर है। यहां 65 फीसदी ने कहा है कि वे मीडिया पर भरोसा करते हैं। अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या 29 फीसदी और भारत में 38 फीसदी है। दुनिया के 46 देशों की एक स्टडी में भारत 31 वें स्थान पर है। सबसे अविश्वसनीय मीडिया अमेरिका का माना गया है।
मीडिया का बिजनेस मॉडल बहुत तेजी से बदल रहा
वर्तमान ट्रेंड का विश्लेषण करते हुए रायटर्स ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते मीडिया का बिजनेस मॉडल बहुत तेजी से बदल रहा है। खबरों के लिए समग्र रूप से टेलीविजन सबसे लोकप्रिय स्रोत है, लेकिन लोगों का प्रिंट ब्रांड पर अधिक भरोसा है। इसका प्रमुख कारण टीवी में अधिक ध्रुवीकरण और सनसनीखेज समाचारों का होना है। रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि रिपब्लिक टीवी की लोकप्रियता के बावजूद पुराने प्रिंट ब्रांडों के आगे टेलीविजन ब्रांडों पर कम विश्वास है।
सर्वेक्षण में सामने आया है कि भारत में लोग खबरों के लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक और यूट्यूटब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सबसे अधिक उपयोग कर रहे हैं। भारत में 73 प्रतिशत यूजर्स स्मार्टफोन के जरिए और 37 प्रतिशत यूजर कंप्यूटर के जरिए विभिन्न तरह की खबरें प्राप्त करते हैं।
60 करोड़ सक्रिय इंटरनेट यूजर्स सिर्फ मोबाइल फोन पर
रिपोर्ट में कहा गया है कि खबरों के लिए कंप्यूटर की तुलना में स्मार्टफोन के अधिक उपयोग का प्रमुख कारण सस्ता इंटरनेट डेटा और स्मार्टफोन है। यही कारण है कि 60 करोड़ सक्रिय इंटरनेट यूजर्स सिर्फ मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में शामिल प्रतिभागियों में से 82 प्रतिशत का कहना था कि वह सोशल मीडिया सहित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अधिक खबरें हासिल करते हैं। लेकिन फेक न्यूज़ के लिए फेसबुक सबसे मशहूर माना गया है।
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोध सहयोगी निक न्यूमैन ने रिपोर्ट में कहा है कि फेसबुक को लगभग सभी जगह झूठी खबरें फैलाने के लिए मुख्य चैनल के रूप में देखा जाता है, लेकिन व्हाट्सऐप जैसे ऐप को ब्राजील और इंडोनेशिया जैसे कई देशों में एक बड़ी समस्या के रूप में देखा जाता है।