UPI से आया लेन-देन के तरीके में बदलाव, कैसा होगा इसका भविष्य
UPI Transaction ने देश में लेन देन के मामले में कई तरह का बदलाव लाया है। लोग किसी भी जगह से कभी भी ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
UPI Transaction: आज के समय में ऑनलाइन पेमेंट काफी महत्वपूर्ण बन गया है। छोटी से लेकर बड़ी चीजों के भुगतान के लिए ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट करना पसंद करते हैं। बदलते समय के साथ बदलती टेक्निक और लाइफस्टाइल का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। UPI भी हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। सब्जी खरीदने से लेकर मॉल में पेमेंट करने तक के लिए लोग UPI की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि, UPI ने कैसे हमारी लाइफस्टाइल पर असर डाला है और कैसा रहेगा इसका भविष्य :
UPI का भविष्य कैसा होगा
दरअसल साल 2016 में NPCI ने यूपीआई को लॉन्च किया था। जिसके बाद साल 2017 के अंत तक, यूपीआई लेनदेन 2016 की तुलना में 900% तक बढ़ गया। जिसका सबसे बड़ा कारण है लोग जहां डिजिटल पेमेंट करने से बचते थे अब वे ऑनलाइन पेमेंट करने से बिल्कुल नहीं घबराते।
यूपीआई भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है। भारत के अलावा अन्य 10 देशों ने भी यूपीआई को अपनाया। इस लिस्ट में सिंगापुर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यूके जैसे कई बड़े देश शामिल हैं।
UPI में भी समय के साथ साथ कई अपडेट्स और फीचर्स देखने को मिले। खासकर साल 2023 तक यूपीआई के फीचर्स में बहुत सारे बदलाव हुए। 2016 में लॉन्च हुआ यूपीआई ग्राहकों को कई तरह से सुविधा प्रदान करने लगा। लोग कैश रखने की झंझट से दूर होने लगे। UPI ने ग्राहकों को उनके बैंक अकाउंट से जुड़कर आसानी से ट्रांजैक्शन करने की सुविधा दिया। जिसके कारण कोई भी इंसान किसी भी जगह से आसानी से बस कुछ स्टेप्स को फॉलो कर ट्रांजेक्शन कर सकता है।
UPI के फीचर्स भी काफी जबरदस्त हैं। इनमें से एक जो सबसे बड़ा फीचर है वो है NCPI ने UPI द्वारा किए जाने वाले कोई भी लेनदेन पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं रखा है। जिसका मतलब है कि, सारा ट्रांजैक्शन फ्री।
UPI ने ट्रांजेक्शन को और ज्यादा आसान बनाने के लिए फोन नंबर के अलावा QR कोड को स्कैन कर पेमेंट भेजने की सुविधा लोगों को दिया है। कोई भी इंसान QR Code को स्कैन कर कहीं से भी ट्रांजेक्शन कर सकता है।
NPCI ने भी UPI को बेहतर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा है। NPCI ने ऑफलाइन पेमेंट के लिए यूपीआई लाइट एक्स (UPI Lite X) को भी लॉन्च किया है। जिससे यूजर्स को ऑफलाइन रहते हुए भी ट्रांजेक्शन करने की अनुमति देता है। ये सुविधा ग्राहकों को तब काम सबसे ज्यादा आएगा जब वे फ्लाइट, अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशनों पर होंगे क्योंकि यहां इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं होती है।
UPI लॉन्च होने के बाद से नकद लेनदेन में काफी बदलाव देखने को मिला है। दरअसल ग्लोबलडेटा रिसर्च के अनुसार, नकद लेनदेन साल 2017 में करीब 90 प्रतिशत था जो साल 2021 आते आते 60 प्रतिशत से भी कम हो गया।
ऐसे में अगर UPI की भविष्य की बात करें तो इसमें कोई संदेह नहीं कि यूपीआई का भविष्य आने वाले समय में काफी उज्ज्वल होने वाला है। UPI जिसमें भारत का 75 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन शामिल है। ऐसे में साल 2026 तक भारत में चार गुना बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
वहीं पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट की मानें तो, अगले पांच सालों में इसका असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि खुदरा डिजिटल भुगतान में यूपीआई के ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार होगा, जिसके कारण इसका प्रचलन तेजी से इस सेक्टर में बढ़ने वाला है। उम्मीद तो ऐसी भी कि जा रही है कि, कृषि क्षेत्र में भी UPI 90% तक अपना योगदान दे सकता है। UPI के जरिए किसान भी और इससे जुड़े लोग भी अपी पर निर्भर होने लगेंगे।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, आने वाले कुछ सालों में भारत तेजी से UPI Payment की ओर बढ़ेगा। भारत कैशलेश ट्रांजेक्शन की ओर काफी तेजी से अपना कदम बढ़ाएगा। इसलिए भारत में UPI का भविष्य उज्ज्वल होगा ये कहना शायद गलत नहीं होगा।