Cyber Crime: डिजिटल क्रांति में विकराल रूप ले रहा साइबर अपराध, स्मार्ट हैंडलिंग के साथ हाईटेक हैकर्स से कर सकते हैं खुद का बचाव
Cyber Crime: आज के समय में डिजिटल ठग अपने चरम पर पहुंचा हुआ है। आपकी एक जरा-सी चूक का फायदा उठाकर साइबर ठग आपको कौड़ी कौड़ी का कर्जदार बना सकता है। आइए जानते हैं डिजिटल युग में बढ़ते साइबर क्राइम से जुड़ी अहम जानकारियों के बारे में....
Cyber Crime: डिजिटल क्रांति ने मानव जीवन के ढर्रे को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। इस क्रांति के चलते लोग इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के ऊपर पूरी तरह से निर्भर होते जा रहें हैं। या यूं कहें कि आज के समय का एक अभिन्न अंग बन चुके हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की बात करें तो इसकी लिस्ट बेहद लंबी है, लेकिन मुख्य तौर पर जिन चीज़ों के बिना आज का इंसान जिंदगी नहीं बसर कर सकता वो है मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप। हालांकि डिजिटल क्रांति के चलते वरदान स्वरूप इजाद हुआ हमारे हाथों में रहने वाला फोन हमें तमाम तरह की सुविधाएं देता है, जिसके लिए हमें अभी तक एक बैग या सूटकेस में तमाम जरूरी कागजात साथ लेकर चलने पड़ते थे, वही सारे जरूरी पेपर्स अब हमारे साथ हर वक्त रहने वाले इस मोबाइल फोन के भीतर महफूज रहते हैं। न ही उनके खोने का डर न खराब होने का। वहीं हमें कुछ शॉपिंग करनी हो, कही बुकिंग करनी हो या किसी से पैसे का लेन-देन करना हो, तो परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि फोन और लैपटॉप पर झटपट सब कुछ बड़ी ही आसानी से घर पर बैठकर ही ये सारे काम हो जाया करते हैं। लेकिन इस सच्चाई को भी नकारा नहीं जा सकता कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं।
डिजिटल मीडिया पर पूरी तरह से निर्भर होती जा रही हमारी जीवन शैली के बीच बहुत से फायदे तो जरूर हैं, लेकिन यहां पर कई सारे अनजान और अदृश्य खतरे भी हैं। चमक दमक से भरे डिजिटल युग में मोबाइल फोन पर बस आपके एक टैप से जितना आसानी से आपके बड़े से बड़े काम आराम से निपट जाते हैं उतनी ही आसानी से आपका एक गलत टैप आपको एक बहुत ही बड़ी मुसीबत में भी डाल सकता है। डिजिटल प्रक्रिया जितनी आसान है, उतनी ही चुनौतियां भी हैं। इसके पीछे की वजह है देश में चारों ओर ऑनलाइन साइबर क्राइम नित नए रूप में सामने आ रहा है। जहां हाईटेक पढ़ाई करके लोग अपने अर्जित ज्ञान का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के तरीकों को खोजने में कर रहें हैं।
इन शिक्षित हाईटेक ठगों को ऑन लाइन हेरा फेरी के तमाम तरीके पता हैं। जहां आपके खाते से लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन के लिए आपके ऑथराइज्ड सिग्नेचर की भी जरूरत नहीं पड़ती। ये ठग इतने हुनरमंद होते हैं कि इन्हें किसी भी व्यक्ति को अपनी बातों में फंसा कर उनसे पैसे ऐंठने के सारे गुर पता होते हैं। आज के समय में डिजिटल ठग अपने चरम पर पहुंचा हुआ है। आपकी एक जरा-सी चूक का फायदा उठाकर साइबर ठग आपको कौड़ी कौड़ी का कर्जदार बना सकता है। आइए जानते हैं डिजिटल युग में बढ़ते साइबर क्राइम से जुड़ी अहम जानकारियों के बारे में....
डिजिटल डिवाइस है साइबर क्राइम का स्रोत
मोबाइल और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर हमारी बढ़ती निर्भरता ही साइबर क्राइम की सही मायनों में जनक है। जिनके प्रयोग में हमसे की हुई छोटी सी चूक साइबर ठगों के लिए फायदे का सबब बन जाती है। असल मायने में साइबर क्राइम एक ऐसी क्रिमिनल एक्टिविटी है, जिसमें कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी भी डिजिटल डिवाइस के जरिए आसानी से ठगी की जाती है। इस क्राइम के अंतर्गत हैकिंग, ऑनलाइन ठगी, प्राइवेसी लीक, साइबर बुलिंग एवं इसी प्रकार के अन्य अपराधों को अंजाम दिया जाता है।
इस समय देशभर में ऑनलाइन ठगी बहुत ही विकराल रूप धर चुकी है। अब डिजिटल प्लेटफार्म पर आपकी बेहद पर्सनल फाइल से लेकर खातों में रुपया भी सुरक्षित नहीं रह गया है। हाईटेक ठग लोगों से फ्रॉड करके ऑनलाइन आपकी इन्फॉर्मेशन चोरी करने के साथ पैसे भी लूट लेते हैं। साइबर क्राइम से निपटने के लिए एक विशेष सुरक्षा पुलिस और केंद्रीय विजिलेंस एजेंसियां इस तरह के साइबर ठगों की धर पकड़ में फुर्ती दिखा रहीं हैं साथ ही प्रचार के माध्यमों द्वारा लोगों को साइबर ठगी से सचेत रहने के लिए समय समय पर सचेत रहने के लिए भी आम जनता को अवगत कराने का काम कर रहीं हैं।
साइबर क्राइम को लेकर कानूनी पहल
हमारे देश में साइबर क्राइम को लेकर कानूनी पहल को लेकर एक बड़ा यूनिट काम कर रहा है। साइबर क्राइम से जुड़े ज्यादातर मामले IT एक्ट 2000 के तहत दर्ज किए जाते हैं। इसमें अपराधी के द्वारा किए गए क्राइम की श्रेणी तय की जाती है और उसके अनुसार आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाता है। IPC की धारा 420, 120बी और 406 के तहत भी अपराधियों पर मामला दर्ज किया जाता है। कई मामलों में अपराधियों के खिलाफ धारा 43, 65, 66 और 67 के तहत केस चलते हैं।
इन तरीकों से होते हैं साइबर क्राइम
ऐसा अक्सर देखा जा रहा है की साइबर क्राइम में शामिल ज्यादातर ठग तकनीकी पढ़ाई कर चुके होते हैं। जी अपने ग्रुप को भी इस हुनर की बारीकियों को सीखा देते हैं। डिजिटल भारत में ठग भी स्मार्ट हो चुके हैं। सभी अलग-अलग तरीके से लोगों को मुहरा बनाकर ऑनलाइन फ्रॉड करने की कोशिश करते हैं। बिजली बिल जमा करने के नाम पर, लक्की ड्रा के नाम पर, ट्रैफिक चलान जमा करने के नाम पर, बैंक अफसर बनकर अकाउंट बंद होने की बात कह अपडेट करने के नाम पर, बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने के नाम पर, एटीएम कार्ड लैप्स होने का झांसा देकर ऐसे कई तरीके अपना कर ठग अपना जाल और मजबूत करते जा रहें हैं। जिनमें सबसे ज्यादा साइबर ठगी के प्रचलित तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है.....
साइबर फ्रॉड फिशिंग
फिशिंग एक ऐसा कारगर हथकंडा है जिसके जरिए साइबर ठग बड़ी ही आसानी ने अपने गलत इरादों को सफलतापूर्वक अंजाम दे देते हैं। अक्सर आपने देखा होगा कि आपके ईमेल पर या टेस्ट मैसेज बॉक्स में लिंक के साथ स्पैम मैसेज आते हैं। जिस पर क्लिक करते ही आपका डिवाइस पूरी तरह से हैक होकर साइबर ठग के कंट्रोल मे आ चुका होता है। इसका आपको अंदाजा भी नहीं लगने पाता और आप फिशिंग का शिकार हो जाते है। जिसमे सबसे ज्यादा खतरा बैंक से संबंधित जानकारियों के लीक होने का होता है।
साइबर फ्रॉड हैकिंग
अखबारों, टीवी चैनलों, रेडियो सभी जगह इस समय साइबर ठगों से सुरक्षित रहने के लिए जोर दिया जा रहा है। जुसमें साइबर ठगी का सबसे आसान जरिया हैकिंग बन चुका है। जिसमें वेबसाइट हैकिंग भी हैकिंग भी अब काफी जोरों पर है, जिसमें हैकर्स दूसरे व्यक्ति या संस्थान की वेबसाइट पर अनधिकृत प्रवेश करके उसके महत्वपूर्ण डाटा की चोरी कर उससे धन वसूली या अन्य तरीके से अपना उल्लू सीधा करते हैं।
आप तौर पर हैकिंग के जरिए कोई भी प्रोफेशनल साइबर ठग किसी व्यक्ति के निजी फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर या किसी भी डिवाइस को उसकी बिना इजाजत हैक कर सकता है और आपकी सभी जरूरी जानकारियों से अवगत हो सकता है। इसके बाद हैकर्स उस व्यक्ति को ब्लैकमेल कर पैसे वसूलने का काम करते हैं।
साइबर स्टॉकिंग
साइबर ठगी के तरीकों में साइबर स्टॉकिंग भी काफी प्रचलित तरीकों में सामने आ रहा है। अब तक अनगिनत लोग इसके चंगुल में फंस चुके हैं। स्टॉकिंग के जरिए साइबर ठग लोगों को बार बार स्टॉक कर परेशान करते है। भोले भाले लोगों को शिकार बना कर उन्हें धमकी भरे सन्देश, बार-बार फोन, अश्लील तस्वीरें भेजना और कई तरह की गलत हरकतें कर लोगों को परेशानी में डाल देते हैं। बच्चे और अधिक उम्र के लोगों के साथ अब तक साइबर स्टॉकिंग के तहत सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं।
साइबर फ्रॉड ऑनलाइन लूट
अब जबकि हमारे बैंक से जुड़े सारे डिटेल्स से लेकर खुद ऐप के तौर पर बैंक 24 घंटे हमारे डिवाइस पर मौजूद रहता है ऐसे में ऑनलाइन लूट और ठगी के चांसेज काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। सबसे ज्यादा अब तक साइबर क्राइम के तहत दर्ज हुए कैस में साइबर लूट और ठगी के ही हैं। साइबर ठगों के लिए सबसे आसान चारा बन चुकी है साइबर ठगी। इसके तहत अपराधियों द्वारा हैकिंग के माध्यम से यूजर की बैंकिंग से जुड़ी जानकारियों को निकालकर यूजर के बैंक अकाउंट को लूट लिया जाता है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति को इस तरह की ठगी करने से पहले ये ठग लोगों को कॉल कर उन्हें लालच देकर उनसे ओटीपी या कंफर्मेशन कोड पूछ लेते हैं। और इस तरह से खाते की सारी रकम उड़ा देते हैं।
साइबर फ्रॉड आई डी हैकिंग का इस्तेमाल
साइबर फ्रॉड के तहत आज कल आई डी हैकिंग भी काफी प्रचलित तरीकों में शुमार है। किसी व्यक्ति की पहचान का फर्जी तरीके से किसी और के द्वार इस्तेमाल कर अपनी परेशानी दिखाकर उनसे पैसा मांगने का काम किया जा रहा है। जो कि साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। इस प्रकार के साइबर क्राइम की शिकार अधिकतर महिलाओं को होते देखा गया है।साइबर ठग फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर अन्य लोगों से चैट करते हैं और कई बार तो पैसों की ठगी तक करते हुए पकड़े भी जा चुके हैं।
साइबर ठगों से कैसे रखे सुरक्षा
इंटरनेट सुविधा से लैस आपका फोन या लैपटॉप आपकी पूरी जिंदगी के अहम जानकारियों को खुद में समेटे हुए रहता है। अगर आपने इसके सावधानी पूर्वक इस्तेमाल के साथ साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता नहीं दिखाई तो आप एक बड़े नुकसान के शिकार हो सकते हैं। इंटरनेट का उपयोग करते समय थोड़ी-सी सावधानी बरत कर आप अपने साथ होने वाले क्राइम को रोक सकते हैं।
फ्री वाई फाई सेवा बन सकती है मुसीबत
अकसर देखा गया है कि कहीं कहीं पर फ्री वाई फाई ज़ोन की सुविधा हमें मिलती है। और हम खुश होकर तुरंत अपने डिवाइस को उसके साथ कनेक्ट कर लेते है लेकिन आपको शायद अंदाजा नहीं कि ये फ्री वाई फाई सेवा आपके गले की हड्डी भी बन सकती है। जिसके तहत हैकर्स आपके फोन से सारी निजी जानकारी साझा कर आपको चुटकियों में कंगाल बना सकते हैं।
साइबर ठगी से बचाव के लिए करे इन तरीकों का पालन
साइबर ठगी का शिकार होने से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने सभी अकाउंट और जरूरी ऐप को लॉक करने के लिए एक स्ट्रांग पासवर्ड बना कर रखें। इसी के साथ एक ही पासवर्ड लंबे समय तक लगा कर नहीं रखना चाहिए। न ही कोई एक पासवर्ड का इस्तेमाल अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट के लिए बना कर रखें। साइबर ठगों के लिए आपकी ऐसी भूल बड़ी फायदेमंद साबित हो सकती है। साइबर ठगी से सुरक्षित रखने के अपना पासवर्ड जल्दी जल्दी बदलते रहना चाहिए।
सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना बेहद जरूरी
आप अपने सभी ऑपरेटिंग सिस्टम और इंटरनेट के सॉफ्टवेयर को पूरी तरह से अपडेट कर के रखें। साइबर क्राइम से बचने का सबसे अच्छा तरीका होता है। अगर आप कोई व्यापारी हैं या किसी कंपनी में वेबसाइट का प्रयोग कर रहे हैं, तो आपको बेहद जरूरी है कि अपनी वेबसाइट पर बराबर नजर रखें। यदि कभी भी आपको जरा भी शक हो तो तुरंत ही अपने वेबसाइट का पासवर्ड बदल दें,सॉफ्टवेयर अपडेट रखने से हैकर के लिए पर्सनल डाटा हैक करना बेहद मुश्किल होता है।
अगर ठगी का शिकार हों तो क्या करें
साइबर क्राइम का शिकार होने पर बिना देर किए इसकी शिकायत करने की सुविधा सरकार द्वारा दी गई है।साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की शिकायत के लिए 155260 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। केंद्र सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए एक अलग पोर्टल बनाया गया है, जिस पर पीड़ित ऑनलाइन शिकायत कराकर तुरंत सहायता प्रात कर सकता है। जब आप साइबर क्राइम पोर्टल पर जाएंगे तो आपको वहां पर मांगी गई कुछ जानकारी देकर अपना अकाउंट बनाना होगा। अकाउंट बनाते समय आपके साथ बैंक फ्रॉड हुआ है तो, इसकी पूरी जानकारी दर्ज करें।
अगर आपके पास स्क्रीनशॉट हो तो, वो भी जमा करें। प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राप्त हुई यूजर आईडी को सेव करके रखें। जिसके उपरांत साइबर क्राइम सेल के अधिकारी खुद आपसे और बैंक से संपर्क करेंगें। इसी के साथ www.cybercrime.gov.in लिंक पर जाकर भी अपनी शिकायत रजिस्टर करवाने की सुविधा उपलब्ध है। शिकायत दर्ज होने के पश्चात साइबर सेल की ओर से पीड़ित के पास उसके रजिस्टर्ड नंबर पर मेल या कॉल किया आता है। इसके अलावा पुलिस स्टेशन जाकर भी आप साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।