क्या है DeepSeek जिसने मचा दिया है तहलका, जानिये एक-एक बात
DeepSeek: चीनी एआई स्टार्टअप डीपसीक ने टेक्नोलॉजी की दुनिया का बैंड बजा दिया है। अमेरिकी तकनीकी दिग्गज जबर्दस्त परेशानी में हैं और भारत भी गम्भीर चिंता में है। सिर्फ 48 घंटों में दुनिया उलट पलट हो गई है।;
DeepSeek: चीनी एआई स्टार्टअप डीपसीक ने टेक्नोलॉजी की दुनिया का बैंड बजा दिया है। अमेरिकी तकनीकी दिग्गज जबर्दस्त परेशानी में हैं और भारत भी गम्भीर चिंता में है। सिर्फ 48 घंटों में दुनिया उलट पलट हो गई है। शेयर बाजारों में आईटी सेक्टर सदमे की स्थिति दिखा रहा है और टेक शेयरों में 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। चीन ने मास्टरस्ट्रोक खेल कर दिखा दिया है कि अमेरिका अब एआई का एकमात्र लीडर नहीं रह गया है, जबकि भारत को इस असलियत से रूबरू होना पड़ा है कि वह एआई टूल्स की दौड़ में शामिल तक नहीं है।
यह सब तहलका चीन में एक छोटी सी स्टार्टअप रिसर्च एआई लैब की वजह से हुआ है जिसने सिलिकॉन वैली और वाशिंगटन डी.सी. को हिलाकर रख दिया है। एक साल पहले चीनी उद्यमी लियांग वेनफेंग द्वारा शुरू किया गया "डीपसीक" अचानक चैटजीपीटी वाले ओपनएआई का तगड़ा प्रतिस्पर्धी ही नहीं बल्कि अग्रणी एआई लैब बन गया है और एआई सुपर पावर और टेक्नोलॉजी में अमेरिकी दबदबे को बड़ी चुनौती दे रहा है। डीपसीक आर1 मॉडल की विशेषता है कि ये ओपन एआई के जीपीटी 4, मेटा के लामा और गूगल के जेमिनी को टक्कर दे रहा है जबकि इसे बहुत ही कम खर्च में डेवलप किया गया है।
चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका द्वारा चीन को हाई पावर एआई चिप्स की सप्लाई पर रोक के बावजूद उसने एआई में कैसे इतनी बड़ी छलांग कैसे लगा ली।
साल भर का स्टार्टअप
नए एआई मॉडल को डीपसीक ने डेवलप किया है और ये स्टार्टअप साल भर पहले ही अस्तित्व में आया था। कंपनी ने कहा है कि उसने अपने बेस एआई मॉडल को पावर देने में सिर्फ 5.6 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं, जबकि अमेरिकी कंपनियां अपनी एआई तकनीकों पर सैकड़ों मिलियन डॉलर खर्च करती हैं। इसका मतलब है कि डीपसीक अपेक्षाकृत कम पावर वाले एआआई चिप्स पर ही सस्ते मॉडल को बनाने में सक्षम है।
डीपसीक क्या है?
चीनी हेज फंड मैनेजर लियांग वेनफेंग ने 2023 के अंत में डीपसीक कंपनी स्थापित की थी।दुनिया के अन्य एआई स्टार्टअप की तरह, डीपसीक ने पिछले साल कई एआई मॉडल जारी किए, जिन्होंने उद्योग का कुछ ध्यान खींचा। इसका आर1 मॉडल पिछले साल के अंत में अचानक सामने आया था। ये पब्लिक के लिए पिछले हफ्ते ही लॉन्च हुआ लेकिन इसने इसने चौंकाया तब जब कंपनी ने इस मॉडल को ऑपरेट करने की बेहद कम लागत का खुलासा किया। यह ओपन-सोर्स मॉडल है, जिसका मतलब है कि अन्य कंपनियां इसे बेहतर बनाने के लिए मॉडल का परीक्षण और निर्माण कर सकती हैं।
डीपसीक ऐप ने ऐप स्टोर चार्ट पर शानदार बढ़त हासिल की है और चैटजीपीटी को पीछे छोड़ते हुए इसे लगभग 20 लाख बार डाउनलोड किया गया है।
कौन हैं लिआंग वेनफेंग
- - पहली बात तो ये कि लिआंग वेनफेंग कोई इंजीनियर नहीं हैं बल्कि फाइनेंस की दुनिया से आते हैं।
- - 40 वर्षीय वेनफेंग ने झेजियांग विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन के बाद 2015 में क्वांटिटेटिव हेज फंड कंपनी "हाई-फ्लायर" की सह-स्थापना की और एआई प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में रिसर्च और डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी।
- - 2021 में वेनफेंग ने एक साइड एआई प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में हजारों एनवीडिया चिप्स खरीदना शुरू कर दिया। बाद में जो बिडेन प्रशासन ने चीन को अत्याधुनिक एआई चिप्स की सप्लाई कंट्रोल करना शुरू कर दिया। लेकिन किसी ने नहीं सोचा होगा कि वेनफेंग ग्राफिक्स प्रोसेसर क्यों जमा कर रहे थे।
- - हालाँकि डीपसीक शुरू में एक साइड प्रोजेक्ट था, लेकिन वेनफेंग का विज़न डीपसीक को एआई में एक घरेलू लीडर के रूप में स्थापित करना था जो चीन की सबसे बड़ी टेक कंपनियों के साथ-साथ अमेरिकी टेक दिग्गजों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।
- - दिलचस्प बात यह है कि एआई शोधकर्ताओं की एक टीम बनाने के लिए वेनफेंग ने स्थानीय चीनी विश्वविद्यालयों से शीर्ष युवा प्रतिभाओं की भर्ती की और उन्हें टिकटॉक की कम्पनी बाइटडांस जैसी टॉप चीनी तकनीकी कंपनियों के बराबर वेतन दिया। इस रणनीति के चलते वेनफेंग चीन से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित कर सके। भले ही युवाओं के पास एआई बनाने का वर्षों का अनुभव नहीं था लेकिन उनके पास एआई को शुरुआत से डेवलप करने के लिए जरूरी तकनीकी कौशल जरूर था।
अब तक का सफर
- - डीपसीक का पहला एआई मॉडल था "डीपसीक कोडर" जिसे नवंबर 2023 में कोडिंग के लिए डिज़ाइन किए गए एक ओपन-सोर्स मॉडल के रूप में जारी किया गया।
- - इसके बाद डीपसीक एलएलएम आया जिसका उद्देश्य अन्य बड़े लैंग्वेज मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करना था।
- - मई 2024 में डीपसीक-वी2 जारी किया गया। इसके मजबूत प्रदर्शन और कम लागत के कारण चीनी एआई बाज़ार में हंगामा मच गया। प्राइस वॉर छिड़ गई और बाइटडांस, टेनसेंट, बायडू और अलीबाबा जैसी प्रमुख चीनी तकनीकी दिग्गज कंपनियों को अपने एआई मॉडल की कीमतें कम करनी पड़ीं।
- - डीपसीक-वी2 के बाद डीपसीक-कोडर-वी2 आया, जो 236 बिलियन पैरामीटर वाला एक बहुत ही एडवांस्ड मॉडल है। इसे जटिल कोडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह बेहद किफायती मॉडल है।
- - कंपनी के नवीनतम मॉडल, डीपसीक-वी3 और डीपसीक-आर1 ने डीपसीक को चीन में एक अग्रणी एआई अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में स्थापित कर दिया है। डीपसीक-वी3 मॉडल को अमेरिका बेस्ड तकनीकी दिग्गजों के एआई मॉडल की तुलना में बहुत ही कम संसाधनों की जरूरत होती है।
- - जनवरी 2025 में रिलीज़ किया गया डीपसीक-आर1 की खासियत ये है कि इसे रीजनिंग टास्क पर फोकस किया गया है। अपनी एडवांस्ड क्षमताओं के साथ ये ओपनएआई के जीपीटी-4 मॉडल को चुनौती देता है।
बहुत सस्ता और किफायती
वेनफ़ेंग की एक साल पुरानी कंपनी ने कहा है कि उसके नवीनतम एआई मॉडल, आर1 ने अपने बेस मॉडल के लिए कंप्यूटिंग पावर पर सिर्फ़ 5.6 मिलियन डॉलर खर्च किए, जबकि अमेरिकी कंपनियाँ अपनी एआई तकनीकों पर सैकड़ों मिलियन या अरबों डॉलर खर्च करती हैं। यही नहीं, आर1 एआई मॉडल को कंपनी ने सिर्फ 200 लोगों की टीम के साथ डेवलप किया है।
जान लीजिए कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस मॉडल को डेवलप करने में न सिर्फ बहुत खर्चा आता है बल्कि इसे ऑपरेट करने में बहुत एनर्जी की जरूरत होती है। यही वजह है कि प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियाँ एआई मॉडल डेवलप करने पर अरबों डॉलर खर्च कर रही हैं। सच्चाई तो ये है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि ये टेक कंपनियाँ एआई डेवलपमेंट में किए जा रहे अपने निवेश की भरपाई कभी कर पाएँगी।
अब, डीपसीक ने दिखा दिया है कि अमेरिकी टेक कंपनियों की तरह ही एआई क्षमताओं को बहुत कम लागत पर और कम शक्तिशाली चिप्स पर डेवलप करना संभव है। डीपसीक के मामले में कंपनी ने अपने नवीनतम मॉडल को एनवीडिया एच800 चिप्स पर प्रशिक्षित किया, जो एनवीडिया के ब्लैकवेल चिप्स की तुलना में काफी कम शक्तिशाली हैं। चूंकि डीपसीक की तकनीकों को प्रशिक्षण के लिए काफी कम कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होती है, इसलिए इसकी लागत कम हुई है।
ओपन सोर्स मॉडल
डीपसीक का ये मॉडल ओपन-सोर्स है। जिसका अर्थ है कि अन्य कंपनियां, विशेष रूप से छोटे डेवलपर्स, इस मॉडल के ऊपर निर्माण कर सकते हैं और लाइसेंस शुल्क का भुगतान किए बिना इसे बेहतर बना सकते हैं।
अपने स्वयं के मॉडल विकसित करने के बजाय, कंपनियां बहुत कम लागत पर डीपसीक के मॉडल को संशोधित और क्रियान्वित कर सकती हैं। नतीजतन यह बड़े पैमाने पर एआई को अपनाने को बढ़ावा दे सकता है। ओपन-सोर्स मॉडल का उपयोग करने की डीपसीक की रणनीति छोटे बिजनसों के लिए एआई उपकरणों तक पहुँच प्रदान कर सकती है।