SAR Value क्या है, क्यों है ये जरूरी, अपने मोबाइल की SAR value को चेक कैसे करें

SAR Value: SAR मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन को नापने का एक तरीका है। जिस मोबाइल की SAR value जितनी ज्यादा होगी, वह शरीर के लिए उतना ज्यादा खतरनाक होता है।

Written By :  Anupma Raj
Update: 2024-02-12 17:24 GMT

SAR Value: जब हम मोबाइल खरीदते हैं तो कैमरा, Ram, स्टोरेज, प्रोसेसर, बैटरी आदि चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन मोबाइल में कई चीजें और भी होती हैं जो काफी महत्वपूर्ण होती हैं। जिसपर शायद हम ज्यादा नहीं देते। लेकिन क्या आपने कभी रेडिएशन को ध्यान में रख कर फोन खरीदा है, क्योंकि ये भी एक बेहद जरूरी चीज है जो आपकी सेहत पर ज्यादा असर कर सकती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि फोन खरीदते समय आप SAR (Specific Absorption Rate) यानी स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट पर ध्यान दें और इसे जरूर चेक कर लें। तो आइए जानते हैं कि SAR value क्या है? ये क्यों जरूरी है और अपने स्मार्टफोन का SAR वैल्यू कैसे पता करें: 

क्या है SAR value और क्यों है ये जरूरी

दरअसल SAR यानी स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट लेवल मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन को नापने का एक तरीका है। बता दें हर मोबाइल फोन का एक स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट होता है यानी फोन कितना रेडिएशन झेल सकता है, इसका इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। जिस मोबाइल की SAR value जितनी ज्यादा होगी, वह शरीर के लिए उतना ज्यादा नुकसानदायक होगा। मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन के ‘स्पेसिफिक ऑब्जर्शन रेट’ (SAR) के अनुसार किसी भी स्मार्टफोन, टैबलेट या अन्य स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इससे ज्यादा होने पर सेहत पर गहरा असर होता है। ऐसे में अगर आप फोन पर बात करते हुए या जेब में रखे हुए आपका डिवाइस रेडिएशन की इस सीमा को पार करता है, तो यह आपके सेहत के लिए खतरनाक है। इसलिए SAR के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

अपने मोबाइल की SAR value को ऐसे चेक करें

दरअसल हर स्मार्टफोन की अलग-अलग SAR वैल्यू होती है। साथ ही यह हर देश की सरकार द्वारा ही तय की जाती है। जिसके मुताबिक तय वैल्यू से ज्यादा SAR वैल्यू वाले फोन्स को उस देश में बैन कर दिया जाता है। बता दें भारत में मोबाइल फोंस की SAR वैल्यू अधिकतम 1.6 वॉट/किलोग्राम है। 



SAR value को जानने के लिए या आप अपने Android और ios डिवाइस का रेडिएशन चेक करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले मोबाइल से *#07# डायल करना होगा।

इस नंबर को डायल करते ही मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन संबंधी जानकारी आ जाएगी। इसमें दो तरह के रेडिएशन के लेवल को देखने को मिलता है। एक ‘हेड’ और दूसरा ‘बॉडी’।

हेड मतलब फोन पर बातचीत करते हुए मोबाइल रेडिएशन का लेवल क्या है और बॉडी मतलब फोन का इस्तेमाल करते हुए या जेब में रखे हुए रेडिएशन का लेवल क्या है।

इससे बचने के लिए आप फोन को चार्ज पर लगाकर कभी भी बात नहीं करें। इस समय मोबाइल का रेडिएशन 10 गुना तक बढ़ जाता है। इसके अलावा सिग्नल कमजोर होने पर या फिर बैटरी कम होने पर भी कॉल ना करें। इस दौरान भी रेडिएशन लेवल काफी बढ़ जाता है।

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