Deepfake पर Elon Musk का बड़ा एक्शन, X पर आया नया फीचर
X New Feature: X पर एक ऐसा फीचर आने वाला है, जो डीपफेक और शैलोफेक को पहचानने में मदद करेगा। जल्द ही ये फीचर पेश होगा।
X New Feature: इन दिनों डीपफेक वीडियो काफी ज्यादा चर्चा में है। जिसको लेकर सरकार के साथ साथ सोशल मीडिया पर आए दिन जानकारी शेयर होती रहती है। अब वहीं X के मालिक एलन मस्क भी डीपफेक वीडियो को लेकर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है।
दरअसल X पर एक ऐसा फीचर आने वाला है, जो डीपफेक और शैलोफेक को पहचानने में मदद करेगा। बता दें कि, इस फीचर के आने से इमेज के नोट्स ऑटोमेटिक तरीके से ही पोस्ट्स पर दिखाई देंगे। इसके अलावा भी X पर कुछ और फीचर्स आएंगे।
Deepfake पर Elon Musk का बड़ा एक्शन
X के मालिक एलन मस्क ने डीपफेक को लेकर कमर कस ली है। X पर जल्द ही ऐसा फीचर आने वाला है जो डीपफेक के साथ-साथ शैलोफेक पर भी शिकंजा कसने वाला है। इस बात की जानकारी एलन मस्क ने दी। मस्क ने बताया कि, Improved Image Matching नाम का एक नया अपडेट एक्स पर जल्द पेश होने वाला है, जिससे किसी भी फर्जी इमेज की पहचान करना आसान हो जाएगा।
दरअसल एलन मस्क के मुताबिक, इस फीचर के आने से डीपफेक या शैलोफेक जैसे वीडियो को पहचानने में मदद मिलेगी। इसके लिए X के इस नए फीचर में इमेज के नोट्स ऑटोमेटिक तरीके से पोस्ट्स पर दिखाई देंगे। जिसकी मदद से ये आसानी से सीधे नोट डिटेल्स में देखा जा सकता है कि इमेज नोट कितने पोस्ट से मिलते हैं। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, ये आम बात है कि ये नोट्स दर्जनों, सैकड़ों और कभी-कभी हजारों पोस्ट से मैच हो पाएं।
ऐसे में अब 30 फीसदी से ज्यादा पोस्ट पर नोट्स नजर आएगा, जो कि समान या मिलती जुलती इमेज जैसी होंगी। इस अपडेट को रोलआउट कर दिया गया है और सब मॉनिटर किया जा रहा है। ऐसे में इससे फर्जी इमेज को आसानी से पहचाना जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि, शैलोफेक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद के बिना तैयार की गई फोटोज, वीडियो और वॉयस क्लिप हैं, जो एडिटिंग और सॉफ्टवेयर टूल का इस्तेमाल करते हैं। वहीं अगर डीपफेक की बात करें तो, इसमें AI की मदद से लोगों की तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो के साथ छेड़छाड़ की जाती है। इसका शिकार सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि सेलिब्रिटी और बड़े राजनेता भी अक्सर होते हैं। इससे जुड़ी कई वीडियो भी सामने आ चुकी है।
दरअसल डीपफेक का इस्तेमाल वीडियो और ऑडियो दोनों ही रूप में किया जाता है। इसमें पहले AI और मशीन लर्निंग की मदद से वीडियो या ऑडियो तैयार किया जाता है और फिर किसी भी शख्स का चेहरा लगाकर या वॉयस कॉपी कर गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि, AI की मदद से व्यक्ति के वॉइस का क्लोन भी जनरेट किया जा सकता है, जो बिल्कुल एक जैसा लगता है। ऐसे में डीपफेक को मॉर्फ वीडियो का ही एक एडवांस रूप कहा जा रहा है। हालांकि, सरकार ने भी डीपफेक जैसी समस्या से निपटने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। इसके अलावा अगर कोई शख्स दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इतना ही नहीं ऐसे में व्यक्ति को तीन साल तक की जेल की भी सजा हो सकती है।