Bangalore Rameshwaram Cafe: बैंगलोर के रामेश्वरम कैफे में मिलता है लजीज खाना, राव कपल है इसके मालिक
Bangalore Rameshwaram Cafe: बेंगलुरु में प्रतिष्ठित कैफे में से एक रामेश्वरम कैफे काफी प्रसिद्ध है। सिर्फ 4 साल के अंतराल में इस कैफे ने काफी प्रसिद्धि हासिल कर ली है। चलिए जानते है इस कैफे के बारे में...
Bangalore Rameshwaram Cafe: बेंगलुरु में साउथ इंडियन खाने का फेमस कैफे शहर के बीच में स्थित है। रामेश्वरम कैफे क्यूएसआर (QSR ) मॉड्यूल की एक प्रीमियम दक्षिण भारतीय कैफे सीरीज है। रामेश्वरम मूल कंपनी मैसर्स के तहत एक ट्रेडमार्क पंजीकृत ब्रांड है। अल्ट्रान वेंचर्स प्रा. लिमिटेड, रामेश्वरम कैफे में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी व्यंजन सर्वोत्तम, ताजा उच्च गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों के साथ प्रामाणिकता पर खड़े उतरे। यहां कस्टमर को गर्म और ताजा खाना परोसा जाता है। यह कैफे टेक अवे (Takeaway) ऑप्शन के साथ खाना सर्व करता है।
नाम में छिपा है कैफे का वैल्यू
आर (R)
विश्वसनीय ब्रांड अनुभव (Reliable Brand Experience)
ए(A)
बारीकियों पर ग़ौर (Attention To Details)
एम(M)
माइंडफुल वर्क एथिक्स(Mindful Work Ethics)
इ(E)
कुशल प्रबंधन प्रणाली(Efficient Management System)
एस(S)
सतत अभ्यास(Sustainable Practises)
एच(H)
दिल को छू लेने वाला भोजन(Heart-Warming Meals)
डब्ल्यू(W)
स्वास्थ्यवर्धकता जोड़ी गई (Wholesomeness Added)
ए(A)
हर कदम पर प्रामाणिकता(Authenticity At Every Step)
आर(R)
हमारे स्वाद में निहित(Rooted In Our Flavoursv)
ए(A)
हर दिन महत्वाकांक्षी लोग(Aspiring People Every Day)
एम(M)
सूक्ष्म तकनीकें(Meticulous Techniques)
Cafe का लोकेशन
ग्राउंड फ्लोर, नंबर 2984, 12वीं मेन रोड, HAL 2nd स्टेज, इंदिरानगर, बेंगलुरु, कर्नाटक।
कैफे का लक्ष्य
द रामेश्वरम कैफे में, एक मजबूत वैश्विक उपस्थिति के साथ, बेंगलुरु से हटकर दक्षिण भारतीय स्वादों को उनके सबसे प्रामाणिक रूप में सुलभ बनाने पर काम कर रहा है। चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद और मुंबई जैसे शहरों तक इस स्वाद को पहुंचाने का प्रयास करता हैं। भारत में, विविध संस्कृतियों, धर्मों और परंपराओं के साथ, हमारा खाद्य उद्योग लोगों को शहरों के भीतर, राज्यों के भीतर और राष्ट्रों के भीतर जोड़ता है। विरासत और पुरानी कहानियों के साथ, हम जहां भी हों, हमारा भोजन हमें अपनी जड़ों की याद दिलाता है। यह भावना हमारे दिल के करीब है। रामेश्वरम कैफे में, उसी भावना को जीवित रखना सुनिश्चित करते हैं, और उस भावना को खुशी से खिलाते है।
रामेश्वरम कैफे को क्या खास बनाता है?
भोजन का स्वाद और गुणवत्ता सभी दुकानों में एक समान है। बेजोड़ गुणवत्ता के साथ, यह अपनी तरह का अनोखा दक्षिण भारतीय कैफे है जो सुबह 6.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक खुला रहता है और हर वर्ग के लोगों को भोजन उपलब्ध कराता है।
रामेश्वरम कैफे का समय के अनुसार मेन्यू
सुबह 6:30 से 11:30 और शाम 4 से रात 1 बजे तक
वड़ा , मिनी वड़ा सांभर डिप , इडली, घी/मक्खन इडली, घी पुडी इडली, नींबू इडली, घी सांबर बटन इडली, वेन पोंगल, सककराई पोंगल
खरा भात , केसरी भात , घी पूड़ी खरा बात, पूरी सागू , गुलाब जामुन ।
सुबह 6:30- दोपहर 1 बजे तक
घी सादा डोसा, घी पुडी मसाला डोसा, घी पुडी सादा डोसा, लहसुन रोस्ट डोसा, खुला बटर मसाला, घी प्याज डोसा , घी खाली डोसा , रागी डोसा , मल्टी-ग्रेन डोसा ,जैन मसाला डोसा जैन सांबर के साथ।
दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक
अक्की रोटी, रागी रोटी, केरल पराठा, गेहूं का पराठा।
सुबह 6:30- रात के 1 बजे तक
फ़िल्टर कॉफ़ी, चाय मसाला, बादाम दूध / बूस्ट / हॉर्लिक्स, पानी की बोतल।
दोपहर 12 बजे से रात के 1 बजे तक
घी पुडी चावल, गोंगुरा चावल, टमाटर चावल नींबू चावल
दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक
पुलियोगरे, बिसी बेले भात और रायता, दही चावल, चावल की 2 पसंद का कॉम्बो।
कीमत -यहां खाने की कीमत आपको बहुत ही रीजनेबल प्राइस पर मिल सकती है। आप 50 रुपए से 200 रुपए तक खर्च करके पेट भरकर खाना खा सकते है।
कैफे के संस्पाथक Mr. & Mrs. Raghavendra Rao
कैफे के सह-संस्थापक और सीईओ राघवेन्द्र राव, जोकि पूर्व मैकेनिकल इंजीनियर ग्रेजुएट है। उनके पास खाद्य उद्योग में 20 से ज्यादा साल का अनुभव है। वह आईडीसी किचन के संस्थापक और प्रमोटर भी हैं, साथ ही रामेश्वरम कैफे में संचालन प्रमुख हैं। कैफे की दूसरी सह-संस्थापक राघवेंद्र की पत्नी एवं प्रबंध निदेशक दिव्या राघवेंद्र राव है। जो एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट है। वित्त और प्रबंधन में आईआईएम ए से स्नातकोत्तर और आईसीएआई की दक्षिण भारतीय क्षेत्रीय परिषद की बैंगलोर शाखा की प्रबंध समिति की सदस्य भी हैं। उनके पास 12 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है। वह रामेश्वरम कैफे में प्रबंधन और वित्त विभाग प्रमुख हैं। इन दोनों ने विश्व स्तर पर मूल, अनफ़िल्टर्ड दक्षिण भारतीय स्वाद प्रदान करने के उद्देश्य से 'द रामेश्वरम कैफे' की शुरुआत की। पिछले कुछ वर्षों में, दोनों संस्थापकों को अपने-अपने क्षेत्रों में त्रुटिहीन योगदान के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसाएं मिली हैं।