History of Zimbabwe: जिम्बाब्वे कैसे हुआ अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त, क्या रहा है इसका इतिहास

History of Zimbabwe: ज़िम्बाब्वे को कैसे मिली थी आज़ादी और क्या है इसका इतिहास आइये विस्तार से जानते हैं।;

Update:2025-03-02 13:05 IST

History of Zimbabwe (Image Credit-Social Media)

History of Zimbabwe: ज़िम्बाब्वे, दक्षिणी अफ्रीका का एक महत्वपूर्ण देश है, जिसका इतिहास प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक राजनीतिक और आर्थिक संघर्षों तक फैला हुआ है। यह देश अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहरों और संघर्षपूर्ण इतिहास के लिए जाना जाता है। जिम्बाब्वे, आधिकारिक रूप से "जिम्बाब्वे गणराज्य," दक्षिणी अफ्रीका का एक लैंडलॉक्ड देश है। यह उत्तर में ज़ाम्बिया, पूर्व में मोज़ाम्बिक, दक्षिण में दक्षिण अफ्रीका और पश्चिम में बोत्सवाना से घिरा हुआ है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्मारकों और संघर्षपूर्ण राजनीतिक इतिहास के लिए जाना जाने वाला जिम्बाब्वे एक महत्वपूर्ण अफ्रीकी देश है।

प्राचीन इतिहास:

सोनगवे संस्कृति (500,000 ई.पू.): जिम्बाब्वे का प्राचीन इतिहास लगभग 500,000 ई.पू. से शुरू होता है, जब सोनगवे संस्कृति का उदय हुआ। यह संस्कृति पत्थर युग की थी और इसके अवशेष देश के विभिन्न भागों में पाए गए हैं। जिम्बाब्वे का इतिहास प्राचीन काल से शुरू होता है, जब बंटू-भाषी आदिवासी यहाँ बसे थे। महान जिम्बाब्वे सभ्यता (11वीं से 15वीं शताब्दी) इस क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण थी, जो पत्थरों से बने भव्य किलों और संरचनाओं के लिए जानी जाती है। "ग्रेट जिम्बाब्वे" का खंडहर, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, इस सभ्यता की उन्नत वास्तुकला और सामाजिक व्यवस्था को दर्शाता है।

ग्रेट जिम्बाब्वे सभ्यता (11वीं से 15वीं शताब्दी): ग्रेट जिम्बाब्वे सभ्यता जिम्बाब्वे के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस सभ्यता के दौरान विशाल पत्थर के ढांचे और महल बनाए गए, जो आज भी एक रहस्य हैं। यह सभ्यता सोने, हाथी दांत और तांबे के व्यापार के लिए प्रसिद्ध थी।

मोनामोटापा साम्राज्य (15वीं से 17वीं शताब्दी): इस साम्राज्य का विस्तार जिम्बाब्वे और मोजाम्बिक तक था। मोनामोटापा साम्राज्य ने व्यापार और कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

औपनिवेशिक काल:

ब्रिटिश उपनिवेश (1888-1965): 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश खोजकर्ता सेसिल रोड्स के नेतृत्व में ब्रिटेन ने इस क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। 1890 में ब्रिटिश दक्षिण अफ्रीका कंपनी (BSAC) ने ज़िम्बाब्वे पर अपना शासन स्थापित किया, जिसे 'रोडेशिया' नाम दिया गया।

श्वेत अल्पसंख्यक शासन: 1923 में, रोडेशिया को ब्रिटिश उपनिवेश का दर्जा मिला। श्वेत अल्पसंख्यकों ने भूमि और संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित किया, जिससे अश्वेत समुदायों का शोषण हुआ।

स्वतंत्रता संग्राम:

1965: यूनिलेट्रल डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस (UDI): इयान स्मिथ के नेतृत्व में श्वेत सरकार ने एकतरफा स्वतंत्रता की घोषणा की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली।

गुरिल्ला युद्ध (1966-1979): ZANU (रॉबर्ट मुगाबे) और ZAPU (जोशुआ न्कोमो) के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम शुरू हुआ। यह युद्ध 'रोज़ेशन बुश वॉर' या 'लिबरेशन स्ट्रगल' के नाम से जाना जाता है।

स्वतंत्रता और आधुनिक इतिहास:

जिम्बाब्वे का स्वतंत्रता दिवस 18 अप्रैल 1980 को मनाया जाता है, जब यह देश ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ और इसका नाम दक्षिण रोडेशिया से बदलकर जिम्बाब्वे रखा गया।

2 मार्च 1970 को जो घटना हुई थी, वह दक्षिण रोडेशिया (जिसे अब जिम्बाब्वे कहा जाता है) का ब्रिटेन से एकतरफा स्वतंत्रता की घोषणा के बाद खुद को गणराज्य घोषित करना था। दरअसल, 1965 में रोडेशिया के श्वेत अल्पसंख्यक सरकार ने इयान स्मिथ के नेतृत्व में ब्रिटेन से एकतरफा स्वतंत्रता (Unilateral Declaration of Independence - UDI) की घोषणा की थी। हालांकि, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली थी।

2 मार्च 1970 को, रोडेशिया ने खुद को एक गणराज्य घोषित किया, लेकिन इस कदम को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अवैध माना और ब्रिटेन समेत किसी भी प्रमुख देश ने इसे मान्यता नहीं दी।

असली स्वतंत्रता की प्रक्रिया 1979 के लंकास्टर हाउस समझौते के बाद शुरू हुई, जिसके परिणामस्वरूप ब्रिटेन के नियंत्रण में अस्थायी शासन स्थापित हुआ और 1980 में चुनाव हुए। इसके बाद 18 अप्रैल 1980 को जिम्बाब्वे आधिकारिक रूप से एक स्वतंत्र राष्ट्र बना और रॉबर्ट मुगाबे इसके पहले प्रधानमंत्री बने।

1980: स्वतंत्रता और रॉबर्ट मुगाबे का उदय: 1980 में जिम्बाब्वे को स्वतंत्रता मिली और रॉबर्ट मुगाबे पहले प्रधानमंत्री बने।

1980-2000: विकास और चुनौतियाँ: मुगाबे की सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और भूमि सुधार में महत्वपूर्ण कदम उठाए, लेकिन बाद में भूमि सुधार नीति (2000) के कारण आर्थिक संकट और अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा।

2000-2017: राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट: महंगाई, बेरोजगारी और मानवाधिकार हनन की घटनाओं के कारण देश की स्थिति और बिगड़ती गई।

2017: मुगाबे का पतन: सेना के हस्तक्षेप के बाद मुगाबे ने इस्तीफा दिया और इमर्सन मनंगगवा राष्ट्रपति बने।

वर्तमान स्थिति:

  • वर्तमान में जिम्बाब्वे आर्थिक चुनौतियों, मुद्रास्फीति और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है।
  • सरकार ने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
  • जिम्बाब्वे का इतिहास संघर्ष, साहस और पुनर्निर्माण का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक संघर्षों तक, इस देश ने अपने अद्वितीय सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदान से दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। भविष्य में स्थिरता और विकास के साथ, जिम्बाब्वे एक नई ऊंचाईयों को छू सकता है।
  • 2000 के दशक में भूमि सुधार नीतियों, जिसमें श्वेत किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई, ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया।
  • अत्यधिक मुद्रास्फीति, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ गई। मुगाबे की पार्टी ZANU-PF पर चुनावी धांधली, मानवाधिकार हनन और विरोधियों पर दमन के आरोप लगे।
  • 2017 में, सैन्य हस्तक्षेप के बाद मुगाबे को सत्ता छोड़नी पड़ी, और एमर्सन मनांगगवा ने राष्ट्रपति पद संभाला।

जिम्बाब्वे का खास भोजन :

सादजा, शोना भाषा का एक पका हुआ मकई का आटा है, जो जिम्बाब्वे का मुख्य भोजन है। मकई को पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाने से बनने वाला दलिया, दोपहर और रात के खाने में खाया जाता है। इसे पालक, बीन्स और मांस के साथ खाया जाता है और इसे अक्सर दही वाले दूध के साथ खाया जाता है और इसे मुकाका वाककोरा के नाम से जाना जाता है।

बोटा को नाश्ते में खाया जाता है और यह एक पतला दलिया होता है और आमतौर पर दूध, मक्खन, जैम या पीनट बटर के साथ इसका स्वाद बढ़ाया जाता है। शोना मूर्तिकला एक समकालीन कला रूप है, जहाँ कम शिक्षा और प्रशिक्षण वाले कलाकार, उत्कृष्ट मूर्तियाँ बनाते हैं। मूर्तियाँ अद्वितीय हैं क्योंकि अधिकांश कलाकार बिना किसी पूर्व-कल्पित विचार के नक्काशी करते हैं। वे पत्थर को यह तय करने देते हैं कि उसके भीतर कौन सा रूप है। केवल हाथ के औजारों का उपयोग करके, कलाकार सर्पेन्टाइन, ओपलस्टोन, वर्डाइट, तेंदुए की चट्टान और स्टीटाइट से अपनी कलाकृतियाँ बनाते हैं।

जिम्बाब्वे से जुड़ी खास बातें:

जिम्बाब्वे, जिसका आधिकारिक नाम रिपब्लिक ऑफ जिम्बाब्वे है, दक्षिणी अफ्रीका में स्थित एक लैंडलॉक्ड देश है, जिसकी सीमाएँ बोत्सवाना, मोज़ाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया और नामीबिया से लगती हैं। इसकी राजधानी हरारे (Harare) है और बीबीसी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार इसका क्षेत्रफल 3,90,757 वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या 15.17 मिलियन है। जिम्बाब्वे की आधिकारिक भाषाओं में चिबारवे, इंग्लिश, कलंगा, कोइसान, नामब्या, एनडौ, नडेबेले, शांगानी, शोना, सोथो, टोंगा, त्सवाना, वेंडा, ज़ोसा और चेवा शामिल हैं, जबकि यहाँ की मुद्रा यूनाइटेड स्टेट्स डॉलर (USD) है। जिम्बाब्वे का राष्ट्रीय ध्वज पीले, लाल, काले, सफेद रंगों से सुसज्जित है, जो क्रमशः खनिज संपदा, मुक्ति संग्राम में बहाए गए रक्त, काले बहुमत और शांति का प्रतीक हैं, साथ ही इसमें बना पक्षी देश के राष्ट्रीय प्रतीक का प्रतिनिधित्व करता है। ज़म्बेजी नदी देश की सबसे बड़ी नदी है, जबकि माउंट न्यांगानी (2,592 मीटर) इसका सबसे ऊँचा पर्वत है। जिम्बाब्वे के प्रमुख खेलों में फुटबॉल सबसे लोकप्रिय है, जबकि क्रिकेट, रग्बी यूनियन, नेटबॉल, टेनिस, हैंडबॉल, गोल्फ, तैराकी और फील्ड हॉकी भी खेले जाते हैं। 1980 में स्वतंत्रता प्राप्त करने वाला यह देश हर वर्ष 18 अप्रैल को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। जिम्बाब्वे में पाँच विश्व धरोहर स्थल हैं: ग्रेट ज़िम्बाब्वे, खामी, माटोबो हिल्स, विक्टोरिया फॉल्स और माना पूल, जबकि करिबा झील विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। देश का राष्ट्रीय फूल फ़्लेम लिली, राष्ट्रीय पौधा एन्सेफैलार्टोस कॉन्सिनस (Encephalartos concinnus), राष्ट्रीय पक्षी बटेलूर ईगल, राष्ट्रीय पशु सेबल मृग (Sable Antelope) और राष्ट्रीय व्यंजन सदजा (Sadza) है। जिम्बाब्वे का राष्ट्रीय गान Simudzai Mureza wedu WeZimbabwe है, जो देश की संस्कृति और पहचान को दर्शाता है।

आज जिम्बाब्वे राजनीतिक स्थिरता की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, लेकिन आर्थिक चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। कृषि, खनिज संपदा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में देश के पास प्रगति की अपार संभावनाएँ हैं।

जिम्बाब्वे का इतिहास साहस, संघर्ष और पुनर्निर्माण का प्रतीक है। यह देश अफ्रीकी महाद्वीप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है।

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