Tombs of Mughal Emperors: नायाब वास्तुकला और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक हैं इन मुगल शासकों की कब्रें, जानिए किस जगह हैं ये मौजूद
Tombs of Mughal Emperors: क्या आप जानते हैं कि मुग़ल शासकों की कब्र कहाँ-कहाँ स्थित है और क्यों इन्हे ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है।;
Tombs of Mughal Emperors (Image Credit-Social Media)
Tombs of Mughal Emperors : मुगल साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्रभावशाली और लंबा चलने वाला मुस्लिम साम्राज्य था, जिसने 1526 से 1857 तक शासन किया। बाबर से लेकर बहादुरशाह जफर तक, मुगल वंश के विभिन्न शासकों ने अपने कार्यों और उपलब्धियों से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें भव्य मकबरों और कब्रों में दफनाया गया, जिनमें से कुछ आज भी भारतीय इतिहास और वास्तुकला की महत्वपूर्ण धरोहर हैं। जिन्हें देखने के लिए देश विदेश से सैलानियों की बड़ी संख्या आती है। आइए जानते हैं भारत में राज करने वाले उन प्रत्येक मुगल शासक की कब्र के स्थान और उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से -
1. बाबर (1526-1530)स्थान: बाग-ए-बाबर, काबुल,अफगानिस्तान
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बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी। उनकी इच्छा थी कि उन्हें अपने प्रिय शहर काबुल में दफनाया जाए। प्रारंभ में उन्हें आगरा में दफनाया गया था। लेकिन बाद में उनकी कब्र को काबुल स्थानांतरित कर दिया गया। बाग-ए-बाबर उनकी कब्र का स्थान है, जो मुगल उद्यान शैली में बना हुआ है।
2. हुमायूं (1530-1540, 1555-1556)स्थान: हुमायूं का मकबरा, दिल्ली, भारत
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हुमायूं को उनके जीवन में कई संघर्षों का सामना करना पड़ा। लेकिन अंततः उन्होंने अपना साम्राज्य पुनः स्थापित किया। उनकी मृत्यु 1556 में हुई और दिल्ली में उनके मकबरे का निर्माण उनकी पत्नी हमीदा बानो बेगम ने करवाया। यह मकबरा मुगल वास्तुकला का पहला भव्य उदाहरण है और यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
3. अकबर (1556-1605)स्थान: सिकंदरा, आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
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अकबर, जिन्हें मुगल साम्राज्य का सबसे महान शासक माना जाता है, की मृत्यु के बाद उनका मकबरा आगरा के निकट सिकंदरा में बनाया गया। यह मकबरा हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है और अकबर की बहुधार्मिक नीति को दर्शाता है।
4. जहांगीर (1605-1627)स्थान: शाहदरा, लाहौर, पाकिस्तान
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जहांगीर को कला और चित्रकला का संरक्षक माना जाता है। उनकी कब्र शाहदरा, लाहौर में स्थित है और इसे मुगल बाग शैली में बनाया गया है। यह मकबरा संगमरमर और जटिल नक्काशी से सुसज्जित है।
5. शाहजहां (1628-1658) स्थान: ताजमहल, आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
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शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए ताजमहल बनवाया, जिसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें भी ताजमहल में ही दफनाया गया। यह मकबरा दुनिया के सात अजूबों में से एक है।
6. औरंगजेब (1658-1707) स्थान खुलदाबाद, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, भारत
औरंगजेब ने अपने जीवनकाल में सादगी को अपनाया था। उनकी कब्र भी उसी सादगी का प्रतीक है। खुलदाबाद में स्थित उनकी कब्र एक साधारण मकबरा है, जिसे स्थानीय मुस्लिम परंपराओं के अनुसार बनाया गया।
7. बहादुरशाह (1707-1712)स्थान:मुइनुद्दीन चिश्ती दरगाह परिसर, अजमेर, राजस्थान, भारत
बहादुरशाह गुजरात के शासक थे। 16वीं शताब्दी में गुजरात सल्तनत के सुल्तान थे। उनकी मृत्यु 1537 ईस्वी में हुई थी, बहादुरशाह की मृत्यु अजमेर में हुई थी। उन्हें ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के पास दफनाया गया। यह स्थान सूफी परंपरा का केंद्र माना जाता है।
8. जहांदारशाह (1712-1713)स्थान: दिल्ली, भारत
जहांदारशाह दिल्ली सल्तनत के शासक थे। वे मुगल सम्राट और औरंगजेब के बाद मुगल साम्राज्य के सम्राट थे। इनका शासनकाल 1712 से 1713 तक था। जहांदारशाह का शासन बहुत ही आदर्श था। उन्हें मुगल साम्राज्य में सत्ता संघर्षों का सामना करना पड़ा।जहांदारशाह का शासनकाल बहुत छोटा था। उन्हें दिल्ली में दफनाया गया।
9. फर्रुखसियर (1713-1719)स्थान: हुमायूं का मकबरा, दिल्ली, भारत
फर्रुखसियर मुगल साम्राज्य के शासक थे। उन्होंने 1713 से 1719 तक शासन किया। उन्हें सैय्यद बंधुओं (अब्दुल्ला खान और हुसैन अली खान) ने सत्ता दिलाने में मदद की। लेकिन बाद में सैय्यद बंधुओं ने ही उसे अपदस्थ कर दिया। फर्रुखसियर की हत्या के बाद उसे दिल्ली में हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया।
10. मोहम्मद शाह (1719-1748) स्थान: निजामुद्दीन दरगाह परिसर, दिल्ली, भारत
मोहम्मद शाह मुगल साम्राज्य के 13वें सम्राट थे और 1719 से 1748 तक दिल्ली की गद्दी पर बैठे। उनके शासनकाल में मुगल साम्राज्य का पतन तेजी से हुआ। 1739 में फारस के नादिर शाह ने दिल्ली पर आक्रमण किया और कोहिनूर हीरा, तख्त-ए-ताउस (मयूर सिंहासन) सहित भारी संपत्ति लूट ली।
मोहम्मद शाह को उनकी मृत्यु के बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मीरजाम में दफनाया गया।मोहम्मद शाह का मकबरा निजामुद्दीन दरगाह के निकट स्थित है।
11. अहमद शाह बहादुर (1748-1754) स्थान:दिल्ली, भारत
अहमद शाह बहादुर ने 1748 से 1754 तक भारत के मुगल सम्राट के रूप में शासन किया। वे मुगल सम्राट मोहम्मद शाह के पुत्र थे और दिल्ली की गद्दी पर बैठे। उनका शासनकाल अयोग्यता और प्रशासनिक कमजोरी के लिए जाना जाता है। उनके शासन के दौरान मराठों और अफगानों का प्रभाव बढ़ गया, जिससे मुगल साम्राज्य और अधिक कमजोर हो गया। 1754 में उन्हें वजीर गाजीउद्दीन इमादुल मुल्क ने सत्ता से हटा दिया और नजरबंद कर दिया।
अहमद शाह बहादुर की 1775 में दिल्ली में मृत्यु हुई और उन्हें वहीं दफनाया गया। उनकी कब्र दिल्ली में स्थित है।
12. आलमगीर (1754-1759) स्थान: हुमायूं का मकबरा, दिल्ली, भारत
आलमगीर की हत्या कर दी गई थी और उन्हें हुमायूं के मकबरे के पास दफनाया गया।
13. शाह आलम (1759-1806)स्थान: हुमायूं का मकबरा, दिल्ली, भारत
शाह आलम नाममात्र के शासक थे और मराठों तथा अंग्रेजों के प्रभाव में थे।
14. अकबर शाह (1806-1837)स्थान: हुमायूं का मकबरा, दिल्ली, भारत
आलमगीर द्वितीय (1754-1759) मुगल शासक थे। उनका मूल नाम अजीजुद्दीन था, और वे मुगल सम्राट मोहम्मद शाह के पुत्र थे। उन्हें 1754 में दिल्ली का मुगल सम्राट बनाया गया। लेकिन उनका शासन पूरी तरह वजीर गाजीउद्दीन इमादुल मुल्क के नियंत्रण में था। उनके शासनकाल में मराठों और अहमद शाह अब्दाली (अफगान आक्रमणकारी) का प्रभाव बढ़ता गया। 1759 में वजीर गाजीउद्दीन ने षड्यंत्र के तहत उनकी हत्या करवा दी। उनकी मृत्यु के बाद उन्हें दिल्ली में हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया।
15. बहादुरशाह जफर (1837-1857)स्थान: रंगून (अब यांगून), म्यांमार
बहादुरशाह जफर मुगल साम्राज्य के अंतिम शासक थे। उन्होंने 1837 से 1857 तक शासन किया और दिल्ली उनके शासन का केंद्र था। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (सिपाही विद्रोह) के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उन्हें गद्दी से हटा दिया और बंदी बनाकर रंगून (अब यांगून, म्यांमार) भेज दिया, जहां 1862 में उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन के बाद उन्हें वहीं दफनाया गया। उनके शासन के साथ ही मुगल साम्राज्य का अंत हो गया। उनकी कब्र आज भी यह एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में जानी जाती है। मुगल वंश के शासकों की कब्रें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार में फैली हुई हैं। हुमायूं का मकबरा, ताजमहल, सिकंदरा और लाहौर के मकबरे आज भी भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के प्रतीक हैं। बहादुरशाह जफर की कब्र भारत में नहीं होने के कारण उनके वंश के अंत का भी प्रतीक बन गई। मुगलों की विरासत उनके मकबरों में आज भी जीवंत है, जो उनकी भव्यता, कला और इतिहास को दर्शाते हैं।