Hanuman Mandir in Varanasi: वाराणसी में बना है संकट मोचन हनुमान मंदिर, जहां भगवान ने तुलसीदास जी को दिए थे दर्शन

Varanasi SankatMochan Hanuman Mandir: शिव शंकर भगवान का भव्य मंदिर तो बना ही हुआ है, इसके अलावा भी कई प्रसिद्ध मंदिर इस शहर को अलग पहचान भी देते हैं। यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है

Update:2023-04-04 15:33 IST
Varanasi SankatMochan Hanuman Mandir (Image- Social media)

Varanasi Sankat Mochan Hanuman Mandir: ज्ञान और मोक्ष की नगरी कही जाने वाली वाराणसी में कई धार्मिक स्थल है, जिसकी वजह से लोगों के बीच इस मंदिर को लेकर एक अलग तरह की आस्था और विश्वास देखा जाता है। यहां शिव शंकर भगवान का भव्य मंदिर तो बना ही हुआ है, इसके अलावा भी कई प्रसिद्ध मंदिर इस शहर को अलग पहचान भी देते हैं। यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है उन्ही मंदिरों में से एक है वाराणसी की संकट मोचन हनुमान मंदिर जिसकी महिमा अपरंपार है। कहा जाता है कि इसी मंदिर में हनुमान जी ने रामचरितमानस की रचना करने वाले तुलसीदास जी को दर्शन दिए थे।

वाराणसी में मंदिर का इतिहास

वाराणसी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है क्योंकि यह मंदिर उसी जगह पर स्थित है जहां पर हनुमान जी ने तुलसीदास को दर्शन दिए थे। इसके बाद ही इस मंदिर की स्थापना तुलसीदास जी ने की थी। कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले लोगों पर भगवान हनुमान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसी वजह से यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है, मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंदिर में हजारों लोग हनुमान बाबा जी के दर्शन करने आते हैं।

मंदिर में आकर्षण का केंद्र

अस्सी घाट

संकट मोचन हनुमान मंदिर में स्थित अस्सी घाट बेहद ही अच्छा है, जो आँखों के लिए एक खुशी है। इस जगह पर आपको कई सांस्कृतिक विशेषताएं देखने को मिलती है, जिसमें आप वाराणसी की संस्कृति, दृढ़ता और सोच का आइना देख सकते हैं।

तुलसी मानस मंदिर

संकट मोचन हनुमान मंदिर को कुछ ही दूरी पर तुलसी मानस मंदिर बना हुआ है। यह आस्था का एक प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि इसी जगह पर तुलसी जी ने रामचरितमानस लिखा था।

संकट मोचन संगीत समारोह

हर साल अप्रैल के महीने में इस मंदिर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। जिसमें "संकट मोचन संगीत समरोह" और “नृत्य समारोह” का आयोजन कर सकते हैं। जिसमें हर साल देशभर के संगीतकार और कलाकार बढ़ चढकर हिस्सा लेते हैं। बताया जाता है कि पिछले करीब 88 सालों से इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

यदि आप इस मंदिर में जाना चाहते हैं तो सप्ताह के हर दिन यह मंदिर खोला जाता है। जो सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक खोला जाता है। वहीं दोपहर 3 बजे से रात 12 बजे तक यह मंदिर खुला रहता है।

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