Haridwar Famous Ram Mandir: हरिद्वार में भी है, प्रभु राम जी की कुछ निशानियां, जाने उनसे जुड़े रोचक तथ्य।

Haridwar Famous Ram Mandir: उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पूसा घाट भगवान राम की कथाओं से जुड़ा हुआ है पास में ही बावरी भवन भी मौजूद है आईए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी मान्यताएं।

Update:2024-03-15 10:00 IST

Lord Shri Ram in Uttarakhand (Photos - Social Media)

Haridwar Famous Ram Mandir: इस साल 22 जनवरी को पूरे देश भर के लिए ऐतिहासिक दिन था। इस दिन देश ही नहीं बल्कि विश्व में राम भक्तों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा था वही इस दिन के बाद से प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं इसके अलावा हर राज्यों में राम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी कई स्थान ऐसे हैं जो भगवान राम से जुड़ी प्रचलित कथाओं के लिए माने जाते हैं। यहां लोग रामनवमी के अवसर पर पहुंचते हैं। बता दें कि उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पूसा घाट भगवान राम की कथाओं से जुड़ा हुआ है इसे तब स्थल भी कहा जाता है इसके पास में ही बावरी भवन भी मौजूद है आईए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी मान्यताएं।

जानें मान्यता

स्कंद पुराण और शिव पुराण में इस बात की चर्चा की गई है कि वनवास के दौरान भगवान राम हरिद्वार स्थित कुशा घाट में आए थे, जहां बहुत साल पहले कई वृक्ष हुआ करते थे। तो वहीं त्रेता युग में भगवान राम अपने पूर्वजों की उधर के लिए इस स्थान पर आए थे। आज भी लोग यहां पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण करने आते हैं।

कुशा घाटी

यहां के पंडितों का कहना है कि इस स्थान पर तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है। इससे स्थान में आज भी गंगा तेज गति से बहते हुए आती है, जिससे जुड़ी एक घटना या भी है कि जब ऋषि मुनि यहां पर तब कर रहे थे। तब माता गंगा उनके कमंडल को अपने साथ बहा ले गई थी। तब ऋषि मुनियों ने क्रोध में कुछ शब्द कहे, जिससे घबराकर गंगा वापस आई और उनका कमंडल देखकर गई। तभी से इस स्थान पर मां गंगा आगे की तरफ भाकर पीछे की तरफ वापस आती है।

कुशा घाटी


रामघाट

इसके कुछ दूरी पर रामघाट भी मौजूद है जहां भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ पहुंचे थे और गंगा स्नान कर पिंडदान किया था। तब से इस घाट का नाम रामघाट पड़ गया यहां पर एक मंदिर भी स्थिति है।

रामघाट


बाबरी भवन

कुशा घाट से लगभग 500 मीटर दूरी पर हरिद्वार की हर की पौड़ी के गांव घाट पर बाबरी भवन में स्थित है जिसका निर्माण मा जब भरपूर जिले के बाबरी गांव के सोम प्रकाश मित्तल सेट ने करवाया था यह जगह दान पिंड के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

बाबरी भवन


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