Suez Nahar Ka Itihas: दुनिया की सबसे व्यस्त नहर स्वेज नहर कैसे बनी होगी, क्या है इसका वैश्विक महत्व

Suez Nahar Ke Bare Mein Jankari: आधुनिक स्वेज नहर का निर्माण 19वीं शताब्दी में किया गया। यह नहर लगभग 193 किलोमीटर लंबी है और इसे दुनिया की सबसे व्यस्त नौवहन नहरों में से एक माना जाता है।;

Written By :  Akshita Pidiha
Update:2025-02-16 16:37 IST

Suez Nahar Ke Bare Mein Jankari

Suez Canal History In Hindi: स्वेज नहर विश्व की सबसे महत्वपूर्ण जल नहरों में से एक है, जो एशिया और यूरोप को समुद्री मार्ग से जोड़ती है। यह नहर न केवल व्यापारिक मार्गों को छोटा बनाती है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी इसकी अहम भूमिका है।

स्वेज नहर मिस्र में स्थित एक कृत्रिम जलमार्ग है, जो भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ता है। यह नहर लगभग 193 किलोमीटर लंबी है और इसे दुनिया की सबसे व्यस्त नौवहन नहरों में से एक माना जाता है। इसकी चौड़ाई 205 मीटर तक फैली हुई है, और इसकी गहराई लगभग 24 मीटर तक होती है, जिससे बड़े-बड़े जहाज इस मार्ग से आसानी से गुजर सकते हैं।

स्वेज नहर का निर्माण (Suez Canal Construction)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इस नहर के निर्माण का विचार सबसे पहले प्राचीन मिस्रियों द्वारा किया गया था, लेकिन आधुनिक स्वेज नहर का निर्माण 19वीं शताब्दी में किया गया।

प्राचीन इतिहास (Suez Canal History In Hindi)

प्राचीन मिस्र के शासकों द्वारा नहर बनाने के कई प्रयास किए गए थे।फारसी राजा डेरियस प्रथम ने एक प्रारंभिक नहर बनवाई थी, जो नील नदी से लाल सागर तक जाती थी।रोमन सम्राट ट्राजन ने भी इस क्षेत्र में जलमार्ग बनाने का प्रयास किया था।मिस्र के फ़ाराओ राजाओं ने इस मार्ग को विकसित करने की कोशिश की थी, लेकिन कई कारणों से यह कभी पूरी तरह कार्यान्वित नहीं हो सका।

आधुनिक स्वेज नहर का निर्माण (Construction Of The Modern Suez Canal)

फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डिनेंड डे लेसेप्स के नेतृत्व में 1859 में इस नहर का निर्माण कार्य शुरू हुआ। यह नहर 10 वर्षों में बनकर तैयार हुई और 17 फरवरी 1869 को इसमें पहला जहाज गुजरा। इस नहर के निर्माण में लाखों मिस्री मजदूरों ने काम किया, जिसमें से हजारों की मृत्यु भी हुई। इस नहर को बनाने का मुख्य उद्देश्य यूरोप और एशिया के बीच व्यापारिक दूरी को कम करना था।

स्वेज नहर का महत्व (Suez Canal Importance)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आर्थिक और व्यापारिक महत्व- यह यूरोप और एशिया के बीच सबसे छोटा समुद्री मार्ग प्रदान करती है।दुनिया के लगभग 12% व्यापारिक माल की आवाजाही इस नहर से होती है।यह नहर वैश्विक तेल आपूर्ति में भी अहम भूमिका निभाती है. यदि यह नहर न हो तो जहाजों को अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से होकर गुजरना पड़ेगा, जिससे 7,000 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी।इस नहर के माध्यम से मिस्र सरकार को सालाना अरबों डॉलर का राजस्व प्राप्त होता है।

स्वेज नहर दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक है, जो लाल सागर और भूमध्य सागर को जोड़ता है। यह नहर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। इसका निर्माण वर्ष 1854 में शुरू हुआ था और इसे पूरा होने में लगभग 10 वर्ष लगे। जब 1864 में यह नहर बनकर तैयार हुई, तब इसकी गहराई तल में 25 फीट, चौड़ाई तल में 72 फीट और सतह पर 200 से 300 फीट थी। इस परियोजना के लिए यूरोप से श्रमिकों को बुलाया गया था।

सामरिक महत्व- यह नहर कई बार अंतरराष्ट्रीय संघर्षों का केंद्र रही है।1956 में, मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासर ने स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण कर दिया था, जिससे स्वेज संकट उत्पन्न हुआ। ब्रिटेन, फ्रांस और इजराइल ने इस पर नियंत्रण करने की कोशिश की थी।1967 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान इसे बंद कर दिया गया था और 1975 में पुनः खोला गया।यह नहर मिस्र की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे अक्सर सुरक्षा कारणों से कड़ी निगरानी में रखा जाता है।

आधुनिक समय में स्वेज नहर

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वर्तमान में, मिस्र सरकार नहर को और चौड़ा और गहरा बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।2015 में, मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने एक नई विस्तारित नहर खोली, जिससे यातायात क्षमता दोगुनी हो गई।2021 में, एक विशाल कंटेनर जहाज "एवर गिवेन" के फंसने से वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ था, जिससे नहर की महत्वता और अधिक स्पष्ट हुई. आज यह नहर 50 से अधिक जहाजों को प्रतिदिन पार कराती है।भविष्य में, मिस्र सरकार नहर के विस्तार और उसमें नवीनतम तकनीक के उपयोग की योजना बना रही है ताकि इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

2014 में मिस्र सरकार ने इस नहर को और चौड़ा करने की योजना बनाई, जिससे जहाजों की आवाजाही में तेजी आई। इस विस्तार पर करीब 60 बिलियन मिस्री पाउंड का खर्च आया था। नहर का महत्व इतना अधिक है कि यदि इसमें कोई जहाज फंस जाता है, तो पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो जाती है।

स्वेज नहर भौगोलिक और व्यापारिक दृष्टि से दुनिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यापारिक जहाजों को यह मार्ग समय और धन दोनों की बचत करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नहर से गुजरने वाले जहाजों में किसी भी प्रकार की रुकावट से 9 बिलियन डॉलर प्रतिदिन का नुकसान होता है। 2021 में, एक जहाज के नहर में फंस जाने से वैश्विक व्यापार को 400 मिलियन डॉलर प्रति मिनट का नुकसान हुआ था।

जहाज पर मूवी थिएटर और पोस्ट ऑफिस

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वेज नहर के इतिहास में कुछ ऐसे भी रोचक प्रसंग हैं जब जहाजों पर जीवन असाधारण बन गया। जब जहाजों का काफिला लंबे समय तक नहर में फंसा रहा, तो वहाँ के क्रू स्टाफ ने अकेलापन दूर करने के लिए ग्रेट बिटर लेक एसोसिएशन नामक एक समूह बना लिया।

इस एसोसिएशन के सदस्य एक साथ मिलकर खेलते थे, सॉकर मैच आयोजित करते थे और जीवन को सामान्य बनाए रखने के लिए अलग-अलग जहाजों का विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करते थे। उदाहरण के लिए, एक जहाज को मूवी थिएटर में बदल दिया गया, जहां सभी फिल्में देखने के लिए इकट्ठा होते थे, जबकि दूसरे जहाज को अस्थायी पोस्ट ऑफिस के रूप में उपयोग किया गया।

स्वेज नहर के प्रमुख अवरोध (Major Blockages of Suez Canal)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राष्ट्रीयकरण के कारण पहली बार नहर का अवरोध

स्वेज नहर का पहला बड़ा अवरोध जुलाई 1956 में हुआ, जब मिस्र ने इस नहर के अधिकार ब्रिटेन और फ्रांस से लेकर इसके राष्ट्रीयकरण की घोषणा कर दी। इस निर्णय से कई देशों में असंतोष फैल गया और युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, बाद में समझौता हुआ और नहर को पुनः खोल दिया गया।

1967: सिक्स डे वॉर के दौरान अवरोध

जून 1967 में, इजराइल और मिस्र, सीरिया तथा जॉर्डन के बीच युद्ध छिड़ने से नहर दोबारा बंद हो गई। यह युद्ध छह दिनों तक चला, इसलिए इसे इतिहास में सिक्स डे वॉर के नाम से जाना जाता है। इस दौरान 15 मालवाहक जहाज नहर के भीतर फंस गए। इन जहाजों में से एक गलत स्थिति में होने के कारण डूब गया, जबकि बाकी 14 जहाज पूरे आठ वर्षों तक वहीं खड़े रहे।

इससे पहले भी बंद रही है स्वेज नहर

26 जुलाई 1956 को पहली बार इस नहर को बंद किया गया था। नहर के राष्ट्रीयकरण की घोषणा के बाद उपजे विवाद के कारण ये फैसला लिया गया था।

जून 1967 में इजराइल का मिस्र, सीरिया और जॉर्डन से युद्ध छिड़ गया था। छह दिन चले इस युद्ध के दौरान 15 जहाज स्वेज नहर के रास्ते में फंस गए थे। इनमें से एक जहाज डूब गया था और बाकी 14 अगले आठ साल तक कैद होकर रह गए। इसके कारण इस नहर से व्यापार आठ साल तक बंद रहा था।

साल 2004, 2006 और 2017 में जहाजों के फंसने के कारण यातायात कुछ दिनों के लिए बाधित हुआ था।

स्वेज नहर न केवल मिस्र के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। इसका ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व इसे विश्व की सबसे अहम नहरों में से एक बनाता है। यदि इसका उचित रखरखाव किया जाए, तो यह नहर भविष्य में भी वैश्विक व्यापार का केंद्र बनी रहेगी। साथ ही, इस नहर को सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखना न केवल मिस्र, बल्कि वैश्विक व्यापार के लिए भी आवश्यक है।

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