Jamtara Village Real Story: जामताड़ा एक ऐसी जगह जहां एक हैलो आपको कर सकता है कंगाल
Jamtara Village Real Story: जामताड़ा सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया जब इससे जुड़ी इस वेब सीरीज रिलीज की गई। इस वेब सीरीज में दिखाया गया है कि किस तरह से लोगों से ठगी की जाती है।
Jamtara Village Real Story : साइबर ठगी के लिए देश-दुनिया में चर्चित झारखंड के जामताड़ा जिले को सांपों का घर भी कहा जाता है। यह सुनने में भले ही आश्चर्यजनक लगे लेकिन है बिल्कुल सही। दरअसल, संताली भाषा के जामा और ताड़ शब्द से मिलकर जामताड़ा बना है। संताली भाषा में जामा का मतलब सांप और ताड़ का मतलब घर होता है। अन्य जगहों की तुलना में जामताड़ा जिले में काफी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। खासकर जामताड़ा जिले के नाला तथा कुंडहित प्रखंड के जंगलों और धान खेत में काफी संख्या में करैत, अजगर समेत अन्य प्रजाति के सांप देखने को मिल जाते हैं। नाला प्रखंड में तो कई बार घर बनाने के लिए
खुदाई करने के दौरान एक ही जगह पर काफी संख्या में सांप तथा उसके बच्चे निकाले जा चुके हैं। यही नहीं नाला के काजू बागान में अजगर सांप काफी देखे जाते हैं। फेमस वेब सीरीज जामताड़ा में हमें इस जगह के बारे में सुना है और कहा जाता है कि यहां फोन पर बोला गया हेलो लोगों को मिनटों में कंगाल बना देता है। चलिए आज हम आपको इस जगह के बारे में जानकारी देते हैं।
एक हैलो बना देगा कंगाल
70 और 80 के दशक में जामताड़ा ट्रेन लूट और डकैती के लिए बदनाम था. ये साइबर ठगों का गढ़ तब बना जहां मोबाइल फोन का चलन बढ़ा. 2004 और 2005 के बाद भारत में मोबाइल फोन का चलन बढ़ा और फिर लूट और ठगी करने वालों ने नया रास्ता निकाला। इसका सबसे ज्यादा शिकार जामताड़ा हुआ और इतना ही नहीं इस एरिया से देश भर में लूट के कई मामलेदर्ज हुए।
ठगी के सबसे ज्यादा मामले
आखिर ऐसा क्या है यहां, जो यह जिला इतना कुख्यात हो गया? क्यों देश के 22 राज्यों की पुलिस को यहां दबिश देने आना पड़ा? अचानक ऐसा क्या हुआ कि जिन युवकों को साइकिलें तक नसीब नहीं थीं वे महंगी एसयूवी और स्पोर्ट्स बाइक पर घूमने लगे। लाल कार्ड (राशन कार्ड) को तरसने वाले इन लोगों की जेबें एटीएम कार्डों से फटने लगीं दरअसल, जामताड़ा से 17 किलोमीटर दूर है करमाटांड। कभी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मस्थली था, आज यहां साइबर क्राइम का माफिया है। बेहद कम-पढ़े लिखे यहां के युवक मोबाइल के जरिए बॉलीवुड हस्तियों, नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स तक के बैंक खातों में सेंध लगा चुके हैं।
इसलिए है प्रसिद्ध
जामताड़ा को बॉक्साइट की खदानों के लिए भी जाना जाता है। यह खदानें इसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। खदानों के अलावा जामताड़ा में सादगी भरे गाँव और मनोहारी पर्वत विहार पार्क है। 26 अप्रैल, 2001 को दुमका जिले को विभाजित कर जामताड़ा को अलग जिला बनाया गया।जामताड़ा शहर ही जिला का प्रशासनिक मुख्यालय है।
देखें पर्वत विहार पार्क
यहां पर्वत विहार पार्क है। यह जामताड़ा रेलवे स्टेशन से 2.4 किमी की दूरी पर पर्वत विहार पार्क स्थित है। यह पार्क बहुत खूबसूरत है और बच्चों में विशेष रूप से लोकप्रिय है। पार्क की खूबसूरती बढ़ाने के लिए इसमें डायनासोर और चीते की मूर्तियां व झूले लगाए गए हैं जो बच्चों को बहुत पसंद आते है। पर्वत विहार पार्क स्थानीय निवासियों और पर्यटकों में समान रूप से लोकप्रिय है। पर्यटकों को यह पार्क बहुत पसंद आता है और वह इसके खूबसूरत दृश्यों को अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। इस पार्क में सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारे देखने लायक होता हैं।
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग - जामताड़ा के पास कोलकाता और रांची हवाई अड्डे हैं। इन हवाई अड्डों से आसानी से यहां तक पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग - दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाईन जामताड़ा से होकर गुजरती है। जामताड़ा में इस लाईन पर दो रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गया है। इन स्टेशनों से कई प्रमुख रेलगाड़ियां होकर गुजरती हैं।
सड़क मार्ग - रांची, दुमका, देवघर, गिरिडीह, आसनसोल, चितरंजन और झारखंड के अन्य प्रमुख स्थानों से जामताड़ा के लिए नियमित बस सेवा है। पर्यटक इन बसों से आसानी से यहां तक पहुंच सकते हैं।