Karwa Chauth Mata Mandir: भारत का इकलौता करवा चौथ माता मंदिर भारत में , सुहागनों के लिए क्यों है खास

India'S Only Karwa Mata Mandir: करवा चौथ व्रत के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है भारत में करवा माता का मंदिर भी है, चलिए हम आपको भारत के इकलौते करवा माता मंदिर के बारे में बताते है..

Update:2024-09-26 09:00 IST

Karwa Chauth Mata Mandir (Pic Credit-Social Media)

Karwa Chauth Mata Mandir Details: करवा चौथ का त्योहार सुहागनो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन सुहागन औरतें व्रत रखकर करवा माता से अपने जीवन साथी के लिए लंबे उम्र की कामना करती है। लेकिन क्या आपको पता है भारत में करवा माता का इकलौता मंदिर भी है। इसे बरवाड़ा माताजी मंदिर जिसे चौथ माता मंदिर भी कहा जाता है। यह सवाई माधोपुर के पास स्थित है। यह दर्शनीय स्थल है, जब आप यहां आते हैं तो आपको लगभग 600 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां आपको स्थानीय बाजार मिलेगा। यहां दर्शन करने के लिए बहुत से लोग दूर-दूर से आते हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि माता उनके सपने पूरे करती हैं। आपको यहां अलग तरह का माहौल मिलेगा। यहां नियमित रूप से 1000 लोग दर्शन करने आते हैं।

मंदिर का नाम: चौथ माता मंदिर (Chauth Mata Mandir)

लोकेशन: पुरानी अनाज मंडी रोड, सिटी, सवाई माधोपुर, राजस्थान

समय सुबह 5 बजे से रात के 7 बजे तक



कैसे पहुंचें मंदिर(How To Reach Temple)

अरावली पर्वत पर यह मंदिर सवाई माधोपुर शहर से 35 किमी दूर, सुंदर-हरे वातावरण और घास के मैदानों के बीच स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।



सुहागनो के लिए विशेष है मान्यता

यह मंदिर विशेषतौर पर विवाहित जोड़े के लिए है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ के त्योहार के मौके पर यहां अपने सुहाग की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। ऐसी मान्यता हैं कि चाैथ माता गौरी देवी का ही एक रूप हैं। इनकी पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान तो मिलता ही है साथ ही दाम्पत्य जीवन में भी सुख बढ़ता है। करवाचौथ हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।



मंदिर की वास्तुकला

यह एक पूजनीय हिंदू मंदिर है, जो अपने आध्यात्मिक माहौल और वास्तुकला की सुंदरता के लिए जाना जाता है। सफेद संगमरमर के पत्थरों से इस स्मारक की संरचना तैयार की गई थी। दीवारों और छत पर शिलालेख के साथ यह वास्तुकला की परंपरागत राजपूताना शैली के लक्षणों को प्रकट करता है। यह देवी चौथ माता से आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों को आकर्षित करता है। यह पवित्र स्थल धार्मिक महत्व के साथ सांस्कृतिक समृद्धि को जोड़ता है, जो इसे एक ज़रूरी तीर्थस्थल बनाता है।



मंदिर का इतिहास(History Of Temple)

बरवाड़ा के नाम से मशहूर यह छोटा सा शहर संवत 1451 में चौथ माता के नाम पर चौथ का बरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध हो गया जो वर्तमान तक बना हुआ है ! चौथ माता मंदिर के अलावा इस शहर में गुर्जरो का आरिध्य भगवान श्री देवनारायण जी का तथा मीन भगवान का भी भव्य मंदिर है। चौथ माता मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की स्थापना 1451 में शासक भीम सिंह ने की थी। 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजल छतरी और तालाब का निर्माण कराया गया था।



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