Lucknow Famous Ganesh Pandals : लखनऊ में बनते हैं 5 भव्य गणेश पंडाल, यहां अलग अलग रूपों में विराजते हैं गणपति बप्पा
Lucknow Famous Ganesh Pandals: देश के अलग अलग शहरों में गणेश उत्सव की खूब धूम देखने को मिलती है। चलिए आज हम आपको लखनऊ के पंडालों के बारे में बताते हैं।
Lucknow Famous Ganesh Pandals: गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाला 10 दिवसीय गणेश उत्सव देश भर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। देश के अलग-अलग शहरों के गली, मोहल्लों, घरों में गणपति बप्पा को विराजमान किया जाता है और सभी जोर-शोर से बप्पा का स्वागत करते दिखाई देते हैं। गणपति बप्पा के स्वागत की हर किसी की अपनी तैयारी होती है। सभी 10 दिनों तक जमकर पूजन पाठ और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। लखनऊ वैसे तो नवाबों का शहर कहा जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर में भी एक से बढ़कर एक गणपति पंडाल बनते हैं। यहां पर कहीं हाथ में धनुष तो कहीं रिद्धि सिद्धि के साथ श्री गणेश विराजमान होते हैं। चलिए आज हम आपको लखनऊ के पांच भव्य पंडालों के बारे में बताते हैं।
झूलेलाल वाटिका गणेश पंडाल लखनऊ (Jhulelal Vatika Ganesh Pandal Lucknow)
लखनऊ की झूलेलाल वाटिका में हमेशा सबसे बड़ा गणेश पंडाल सजाया जाता है। पिछले साल यहां पर 25 लाख का पंडाल बनाया गया था, जिसका एक करोड रुपए का बीमा हुआ था। यह पंडाल इतना बड़ा होता है कि एक बार में यहां 500 लोग बैठकर पूजन अर्चन कर सकते हैं।
पेपर मिल कॉलोनी गणेश पंडाल लखनऊ (Paper Mill Colony Ganesh Pandal Lucknow)
शहर के पेपर मिल कॉलोनी में हमेशा अलग-अलग तरह के गणेश पंडाल सजाए जाते हैं। पिछली बार यहां पर केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई थी। यहां पर विघ्नहर्ता की खड़ी हुई मूर्ति रिद्धि सिद्धि के साथ स्थापित की गई थी और इस बार भी यहां अलग थीम पर पंडाल का निर्माण किया जाएगा। इस पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ खाने पीने के स्टॉल भी लगाए जाते हैं।।
पत्रकारपुरम गणेश पंडाल लखनऊ (Patrakarpuram Ganesh Pandal Lucknow)
लखनऊ के पत्रकारपुरम में भी भगवान गणेश खूबसूरत पंडाल सजाया जाता है। ये पूरी तरह से वातानुकूलित होता है। झूलेलाल वाटिका के बाद यही सबसे बड़ा पंडाल होता है।यहां भगवान गणेश की अलग अलग मुद्राओं की मूर्ति हर साल आती है।
आलमबाग गणेश पंडाल लखनऊ (Alambagh Ganesh Pandal Lucknow)
आलमबाग का गणपति पंडाल हर साल खुबसूरती से सजाया जाता है। पिछले साल यहां फूलों को सजावट देखने को मिली थी। मुंबई के लाल बाग की तर्ज पर यहां बप्पा की स्थापना होती है।