Odisha Tourist Destinations: ओडिशा का कश्मीर है कोरापुट, खूबसूरत झरने और स्वर्ग जैसी जगह यहीं पर है
Odisha Famous Tourist Destinations: कोरापुट भारत के ओडिशा राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे ओडिशा का कश्मीर भी कहा जाता है। ओडिशा के दक्षिण पश्चिम छोर पर स्थित यह आदिवासी इलाका है, जो जंगलों , झरनों और पहाड़ों से घिरा एक सुखदाई आनंद देता है।
Odisha Famous Tourist Destinations: कोरापुट भारत के ओडिशा राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे ओडिशा का कश्मीर भी कहा जाता है। ओडिशा के दक्षिण पश्चिम छोर पर स्थित यह आदिवासी इलाका है, जो जंगलों , झरनों और पहाड़ों से घिरा एक सुखदाई आनंद देता है। यह ओडिशा का सबसे बड़ा जिला है, जो कारखानों और परियोजनाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां देखने लायक कई जगह हैं। सर्दियों में यहां का मौसम और बरसात के बाद का हरियाली पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। यह जिला प्राकृतिक के साथ साथ एक आध्यात्मिक स्थान भी है।
यहां घूमने के लिए कई पर्यटक स्थल है। जिनमें प्रमुख हैं
जगन्नाथ मंदिर: कोरापुट का मुख्य आकर्षण यहां का जगन्नाथ मंदिर है, जिसे सबर श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल इस मंदिर का निर्माण सबर जनजाति के लोगों द्वारा किया गया था। उनके नाम पर ही यह मंदिर का नाम सबर श्रीक्षेत्र रखा गया है।
कोरापुट का यह मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है। इस मंदिर के प्रांगण में पुरी मंदिर के जैसा आनंद बाजार, स्वर्ग द्वार और कई छोटे मंदिर हैं जो आपको पुरी में होने का भी एहसास कराते हैं।
गुप्तेश्वर गुफा महादेव मंदिर
कोरापुट से लगभग 80 किमी दूर कोलाब नदी के तट पर स्थित रामगिरि गुफा के अंदर गुप्तेश्वर गुफा है। गुफा के अंदर भगवान शिव का स्वयंभू शिवलिंग है,जिसे गुप्तेश्वर के नाम से जाना जाता है। गुप्तेश्वर का अर्थ होता है छिपे हुए ईश्वर यानी महादेव। यह गुफा मंदिर एक चूने के पत्थर की पहाड़ी पर स्थित है । शिवरात्रि के मौके पर यहां काफी भीड़ रहती है।
यह जगह छत्तीसगढ़ के निकट है ।यहां के लोग इस मंदिर को 'गुप्त केदार' के नाम से भी पुकारते हैं। लोगों का मानना है कि यहां के शिवलिंग का आकार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने यहां महादेव की पूजा की थी। पर्यटकों के लिए इस गुफा में घूमना एक आकर्षण का केंद्र रहता है।
डुडुमा झरना
यह ओडिशा के सभी झरनों में खास है। कोरापुट का सबसे खूबसूरत और ऊंचा वाटरफॉल्स है । यह झरना आंध्र प्रदेश और ओड़िशा की सीमा पर स्थित है,जहां आकर पर्यटकों को एक अलग शांति और खूबसूरती का एहसास होता है। इस झरने के पास एक खूबसूरत पार्क भी है,जो लोगों कोअपनी ओर आकर्षित करता है। इस झरने का निर्माण मचकुंड नदी से हुआ है।यहां कई कंपनियों का जलविद्युत संयंत्र प्रोजेक्ट चल रहा है। इस इलाके में कई आदिवासी प्रजाति के लोग रहते हैं। यहां अपने परिवार और दोस्तों के साथ लोग पिकनिक करते नजर आएंगे।
इसके अलावा कोरापुट के पास कई अन्य खूबसूरत और आकर्षित झरने हैं । जिनमें प्रमुख है-झोरा जलारा , जगन्नाथ सागर, नंदापुर , कोरापुट झरना, धुंकरिया जलप्रपात,खड़पतर वाटरफॉल,गुमा वाटरफॉल, चिंकोला झरना,
लेफ्टी कंदम वाटरफॉल, भुंगर झरना , पुंजिसिल झरना, इत्यादि।
जेपोर ओडिशा के कोरापुट जिले का ही हिस्सा है। यह कोरापुट से 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां भी कई घूमने लायक जगह है। जेपोर कोरापुट जिले का सबसे बड़ा शहर और वाणिज्यिक केंद्र है। यहां पर कई नामी कंपनियां हैं । जैसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, नेशनल एल्यूमीनियम, पेपर मिल इत्यादि। जेपोर राजा के ऐतिहासिक महल और दक्षिणी ओडिशा के प्रसिद्ध कॉलेज विक्रम देव कॉलेज के अलावा यहां कई प्रसिद्ध स्थान हैं,जो पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है।
कोलाब का विशाल जलाशय (रिजर्वायर)
कोलेगूडा के घने जंगलों में पर्यटक इस विशाल जलाशय के प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों का आनंद ले सकते हैं।
कोलाब वनस्पति उद्यान
यह उद्यान कई प्रजाति के पौधों और फूलों के लिए मशहूर है। यहाँ पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलता है।
देवमाली पर्वत शिखर
देवमाली पर्वत शिखर ओडिशा के पोटंगी कोरापुट जिले का सबसे ऊंचा पर्वत है, जिसे ओडिशा का सबसे गहरा पर्वत देव भी कहा जाता है। 5 हजार फीट की ऊंचाई वाले इस देवमाली हिल प्वाइंट पर आप पैदल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। यहां से हिल के नीचे का हरा भरा दृश्य आपको मोहित कर देगा। अगर आप ट्रेकिंग नहीं कर सकते और पर्वत शिखर पर जाना है, तो यह आपके लिए एकदम सही जगह है।
यहां जुलाई से सितंबर मानसून का मौसम रहता है। इस दौरान देवमाली पहाड़ियों पर जाने के रास्ते ऐसे लगते हैं । जैसे देवताओं ने हरे कालीन घास के रूप में बिछा दिए हों। अक्टूबर से फरवरी तक सर्दियों का मौसम होता है। जो सुहावना होता है। अच्छी ठंड भी पड़ती है। इस मौसम में पर्यटकों की अच्छी भीड़ देखने को मिलती है।
जेतपुरा झील
यह झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है और बोटिंग जैसी सुविधा शांति का अनुभव कराती है।
उमा देवी मंदिर
यह मंदिर देवी उमा को समर्पित है और यहाँ पर्यटक श्रद्धा से आते हैं ।
डुमुरिपुट हनुमान मंदिर
डुमुरिपुट ,ओडिशा के कोरापुट और सुनाबेड़ा NH 26 हाईवे के बीच एक छोटा सा गांव है, जहां सबसे बड़ी हनुमान प्रतिमा है। श्री राम मंदिर के लिए यह जगह प्रसिद्ध है। रामनवमी के दिन यहां हजारों की तादाद में भक्तों को देखा जा सकता है।
बतीस सिंहासन
जेपोर के राजा श्री विक्रमादित्य अपने शासन के दौरान इस सिंहासन का उपयोग करते थे । इस जगह को लोग विक्रमादित्य बतीस सिंहासन के नाम से भी बुलाते है। यहां 13वीं सदी का एक पुराना शिव मंदिर और एक प्रसिद्ध बौद्ध स्थल भी है।
कोरापुट जनजातीय संग्रहालय
कोरापुट के इस जनजातीय संग्रहालय में आपको सांस्कृतिक विरासत और कला, शिल्प, नृत्य और संगीत जैसे स्थानीय जनजातियों के संरक्षित विरासत को देखने का अवसर मिलेगा। यह स्थान जनजाति संस्कृति की खोज के लिए विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
कोलाब बांध और बॉटनिकल गार्डन:
यह बांध जेपोर-कोरापुट घाट के किनारे समुद्र तल से लगभग 2200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है । यह बांध पर्यटकों के नौका विहार के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पहाड़ी की चोटी पर एक विशाल जल भंडार है, जिसे अपर कोलाब के नाम से जाना जाता है। यहां कई गांवों की जलविद्युत संयंत्र परियोजना चल रही है। इसी बांध के बगल में एक वनस्पति उद्यान भी है, जहां कई प्रजाति के पेड़ पौधे देखने को मिलेंगे।
कोलाब बांध के 2 हिस्से हैं, एक ऊपरी कोलाब का हिस्सा और दूसरा निचला कोलाब का हिस्सा। ऊपरी कोलाब में आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
मालीगुडा सुरंग
इस कोरापुट इलाके में अगर आप ट्रेन यात्रा करके आते हैं तो आपको कई सुरंगों से होकर गुजरना पड़ता है।,लोग इसका आनंद उठाने के लिए यह यात्रा करना पसंद करते हैं। यह सुरंग मालीगुडा गांव के पास स्थित है।,अगर आप चाहें, तो जेपोर या कोरापुट से ट्रेन पकड़ कर इस सुरंग का आनंद ले सकते हैं। हरे भरे प्राकृतिक दृश्यों से यह जगह आपको छोटे हिल स्टेशन का एहसास दिलाएगी। इस सुरंग की दूरी जेपोर से मालीगुडा तक 35 किमी है। सड़क मार्ग से एक घंटे में तय की जा सकती है।
पात्रपुट ब्रिज
इस ब्रिज का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। यह एक सस्पेंशन ब्रिज है। यह ब्रिज पुराने जमाने की वास्तुकला की सुंदरता का प्रतीक है।
इस ब्रिज पर आपको कई किस्म के बंदर मिल जायेंगे। इस जगह पर अक्सर लोग फोटो खींचने के लिए आते हैं।
कैसे पहुंचें ?
यहां पहुंचने के लिए निकटतम एयरपोर्ट जेपोर है। अगर आप चाहें तो विशाखापत्तनम के रास्ते भी जेपोर कोरापुट आ सकते हैं। सड़क और रेल मार्ग से विशाखापत्तनम से यह यात्रा अत्यंत रमणीय है। कई सुरंग और हरे भरे घाटियों से यह मार्ग गुजरती है। मानसून और सर्दी के मौसम में यहां घूमने का प्लान बना सकते हैं।