Sabarimala Mandir History: 800 साल पुराने सबरीमाला मंदिर का इतिहास,रहस्य, और मान्यता

Sabarimala Mandir History: यहां पर भगवान अय्यप्पा की पूजा अर्चना की जाती है जोकि 800 साल पुराना माना जाता है। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं

Update:2024-03-05 10:53 IST

Sabarimala Mandir (Photos - Social Media)

Sabarimala Mandir History: केरल का सबरी माला मंदिर एक बार फिर मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, इस मंदिर में इस बार भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ उमर पड़ी है लेकिन यहां पर इंतजाम के नाम पर कुछ भी नहीं है। बता दें कि इस मंदिर को लेकर केरल के लोगों में गहरी आस्था है और इसलिए पूरे साल यहां पर लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां पर भगवान अय्यप्पा की पूजा अर्चना की जाती है जोकि 800 साल पुराना माना जाता है। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं।

सबरी माला मंदिर मान्यता

सबरीमाला मंदिर केरल राज्य के पश्चिमी घाट की घनी जंगलों में स्थित है और यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण स्थल है। यहां पर भगवान अयप्पा की पूजा की जाती है और यह हिंदू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मंदिर को लाखों श्रद्धालु वार्षिक रूप से यात्रा के लिए आते हैं। यहां के पर्वतीय और वन्य प्रदेशों में प्राकृतिक सौंदर्य वास्तव में शानदार है। यहां का यात्रा स्थल अनेकता में एकता और समरसता का प्रतीक है। यहां का समुद्री द्वार शिविरात्रि के बाद की चित्रण की जाती है, जब लाखों श्रद्धालु यहां पर आकर अपने इष्ट देवता को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हैं।

Sabarimala Mandir

सबरी माला मंदिर पौराणिक कथा

दरअसल इसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। आपने रामायण में शबरी के बारे में अवश्य सुना होगा जो भगवान के आदर सत्कार में अपनी पलके बिछाए बैठी थी। उन्होंने तब तक अपने प्राण नहीं त्यागी जब तक वह भगवान राम के दर्शन ना करी। भगवान राम ने माता सभी के झूठे फल खाए थे, तभी से इस मंदिर का नाम सबरी माला मंदिर पड़ गया। मान्यताओं के अनुसार, भगवान अय्यप्पा को शिव और विष्णु का ही पुत्र माना जाता है। इसलिए श्रद्धालु इस मंदिर में पोटली रखकर पहुंचते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।

Sabarimala Mandir

कैसे पहुंचे सबरी माला मंदिर

ट्रेन: सबरीमाला मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन चेंगन्नूर है, जो दक्षिण के पट्टनंथित्ता और उत्तर के कोजिकोड से जुड़ा है। चेंगन्नूर से, आपको बस या टैक्सी का इस्तेमाल करके सबरीमाला जाना होगा, जो लगभग 93 किलोमीटर दूर है।

फ्लाइट: सबरीमाला के निकटतम हवाई अड्डा तिरुवनंतपुरम (थिरुवनंतपुरम) है। यह अड्डा केरल की राजधानी है और वहां से सबरीमाला के लिए टैक्सी, बस, या अन्य सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

बस: सबरीमाला के पास बस सेवाएं भी हैं, जो विभिन्न प्रमुख शहरों और नगरों से उपलब्ध हैं। अधिकांश बस सेवाएं तिरुवनंतपुरम, कोची, तिरुचिरापल्ली, और पालानी से उपलब्ध होती हैं।

गाड़ी: अगर आप अपनी गाड़ी के साथ जा रहे हैं, तो आप सबरीमाला मंदिर के पास पार्किंग व्यवस्था का उपयोग कर सकते हैं।

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