Prayagraj Top 5 Mandir: प्रयागराज में मौजूद है ये 5 मंदिर, जानें इसका इतिहास
Prayagraj Top 5 Famous Mandir: आज हम आपको प्रयागराज के बारे में बताएंगे, जिसे तीर्थ नगरी भी कहा जाता है। यहां बहुत से पुराने मंदिर है जोअपनी मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं।
Famous Temples In Prayagraj : हमारे देश में एक से बढ़कर एक फेमस मंदिर है। सभी आध्यात्मिक जगह की अपनी अलग-अलग पहचान और महत्व है, जहां सालों भर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। कई स्थान तो ऐसे हैं जहां देश भर ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन के लिए वहां पहुंचते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको प्रयागराज के बारे में बताएंगे, जिसे तीर्थ नगरी भी कहा जाता है। यहां पर बहुत से ऐसे पुराने मंदिर मौजूद है जोकि अपनी ऐतिहासिक और सामाजिक मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं। इन दोनों शहर में कई सारे दार्शनिक स्थल है, लेकिन आज हम आपको उन पांच प्रमुख स्थलों के बारे में बताएंगे, जहां सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।
संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Mandir Prayagraj)
तो सबसे पहले हम बात करेंगे शहर किनारे अकबर किले के पास मौजूद संकट मोचन मंदिर की जहां पर हनुमान जी सोई हुई अवस्था में है, जहां सालों भर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां पर शनिवार और मंगलवार को 4 से 5 गुना भीड़ अधिक बढ़ जाती है। ऐसी मान्यता है की गंगा मैया हर साल हनुमान जी को यहां स्नान करवाने के लिए आती है। बता दें कि इस मंदिर का संचालन बाघमारी मठ द्वारा किया जाता है।
श्री वेणी माधव मंदिर (Shri Veni Madhav Mandir Prayagraj)
अब हम बात करते हैं श्री वनी माधव भगवान की जो की प्रयागराज के पहले देवता माने जाते हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि प्रयागराज की धरती पर जब यज्ञ हो रहा था, तब भगवान विष्णु से प्रार्थना कर उन्होंने 12 स्वरूपों की स्थापना कराई थी। बता दें कि प्रयागराज के 12 माधव मंदिरों में से सबसे प्रसिद्ध त्रिवेणी माधव जी का ही मंदिर है। यहां हर साल हजारों की संख्या में भीड़ देखने को मिलती है
मनकामेश्वर मंदिर (Mankameshwar Mandir Pryagraj)
इसके अलावा शहर में मनकामेश्वर मंदिर काफी ज्यादा फेमस है जो की किला के पश्चिमी यमुना तट पर मिंटो पार्क के सामने स्थित है। बता दें कि यहां काला पत्थर की भगवान शिव और गणेश एवं नंदी की मूर्ति है। यहां पर हनुमान जी की भी एक बड़ी मूर्ति है बगल में ही एक प्राचीन पीपल का पेड़ भी है ऐसा कहा जाता है कि यहां मांगी गई भक्तों की मुराद पूरी होती है
भारद्वाज आश्रम (Bharadwaj Ashram Prayagraj)
अब आप बालसन चौराहे पर स्थित भारद्वाज आश्रम भी जा सकते हैं जहां पर मुनि भारद्वाज की विशालकाय मूर्ति स्थापित है। यह प्रमुख प्रसिद्ध शिक्षा का केंद्र था। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम अपने बस वनवास के दौरान चित्रकूट जाते वक्त रास्ते में सीता और लक्ष्मण के साथ इस स्थान पर आए थे, जहां अभी मां काली की भी मंदिर स्थित है।
शंकर विमान मंडपम (Shankar Viman Mandapam Prayagraj)
आखिर में बात करें तो शहर में शंकर विमान मंडपम काफी ज्यादा फेमस है। शास्त्री पुल में देखने में यह मंदिर काफी अलौकिक लगता है जोकि दक्षिण भारतीय शैली पर आधारित है यह चार स्तंभ में निर्मित किया गया है।