Gunji Village Holiday Trip: शिव नगरी’ के रूप में विकसित होगी ये जगह, यादगार बन जाएगी आपकी ये ट्रिप, जानिए कहाँ है ये गांव
Shiv Nagari Gunji Gaon Trip: एक यादगार समर ट्रिप साबित होगा उत्तराखंड के इस खूबसूरत गांव में घूमने का प्लान, जिसे शिव नगरी’ के रूप में विकसित करने की योजना;
Uttarakhand Shiv Nagari Gunji Village Holiday Trip
Gunji Village Holiday Trip: सर्दी का मौसम धीरे-धीरे खत्म होते ही अब लोग अपनी गर्मियों की छुट्टियों को एंजॉय करने के लिए प्लान बनाने लगे हैं। ऐसे में यदि आप भी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ समर हॉलीडेज ट्रिप प्लान कर रहें हैं तो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित गुंजी गांव आपकी यात्रा को यादगार बनाने के लिए पर्याप्त है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और सामरिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। समुद्र तल से लगभग 10,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गांव तिब्बत और नेपाल की सीमाओं के निकट है, जो इसे एक विशिष्ट भौगोलिक पहचान प्रदान करता है।
प्राकृतिक सौंदर्य और भौगोलिक विशेषताएं
गुंजी गांव हिमालय की गोद में बसा है, जहां से पर्वतीय श्रृंखलाओं के अद्वितीय दृश्य दिखाई देते हैं। यहां की हरी-भरी घाटियां, बर्फ से ढके पहाड़ और स्वच्छ वातावरण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। गुंजी से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन होते हैं, जो धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। आदि कैलाश, जिसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है, भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, जबकि ओम पर्वत पर प्राकृतिक रूप से ’ॐ’ का चिन्ह अंकित है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
गुंजी गांव धार्मिक यात्राओं का प्रमुख पड़ाव है। यहां से होकर आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा की जाती है। कोरोना महामारी के दौरान मानसरोवर यात्रा बंद होने के बाद, आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्राओं ने गुंजी को नई पहचान दिलाई है। 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुंजी का दौरा किया और आदि कैलाश तथा पार्वती कुंड के दर्शन किए, जिससे इस क्षेत्र का धार्मिक महत्व और बढ़ गया।
सामरिक और पर्यटन विकास
गुंजी की सामरिक स्थिति इसे महत्वपूर्ण बनाती है। यह गांव ’वाइब्रेंट विलेज’ योजना के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती गांवों का समग्र विकास और वहां के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार करना है। 2024 में, गुंजी को ’बेस्ट वाइब्रेंट विलेज’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में गांव के प्रयासों को मान्यता देता है।
पर्यटन सुविधाएं और आकर्षण
गुंजी में पर्यटकों के लिए कई आकर्षण हैं। यहां से आदि कैलाश और ओम पर्वत के अलावा, पार्वती कुंड, कुटी गांव और नाभीढांग जैसे स्थानों की यात्रा की जा सकती है। पर्यटन विभाग ने यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास किया है, जिसमें आवास, भोजन और मार्गदर्शन शामिल हैं। गुंजी में स्थानीय हस्तशिल्प, संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों का अनुभव करना पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है।
भविष्य की योजनाएं
गुंजी को ’शिव नगरी’ के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें पर्यटन सुविधा केंद्र, स्थानीय उत्पादों का विपणन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटकों को भी एक समृद्ध अनुभव प्राप्त होगा। गुंजी गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के कारण उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सरकार और स्थानीय समुदाय के संयुक्त प्रयासों से यह गांव न केवल पर्यटन के क्षेत्र में उभर रहा है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र के विकास का एक मॉडल भी बन रहा है। आने वाले वर्षों में, गुंजी निश्चित रूप से और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा और अपनी विशिष्ट पहचान को और मजबूत करेगा।
महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल
गुंजी और इसके आसपास कई धार्मिक स्थल और मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल निम्नलिखित हैंः
1. आदि कैलाश मंदिर
Summer Holiday Trip (Image Credit-Social Media)
आदि कैलाश, जिसे छोटा कैलाश भी कहा जाता है, गुंजी के पास स्थित है। यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और कैलाश मानसरोवर यात्रा के विकल्प के रूप में लोकप्रिय है। यहां शिव-पार्वती का मंदिर स्थित है, जहां भक्त पूजा-अर्चना करते हैं।
2. ओम पर्वत
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ओम पर्वत की चोटी पर प्राकृतिक रूप से ‘ॐ’ का चिन्ह अंकित है, जिसे देखने हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह हिंदू धर्म में पवित्र पर्वतों में से एक माना जाता है।
3. पार्वती कुंड
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यह एक पवित्र झील है, जो माता पार्वती को समर्पित है। भक्तों का मानना है कि इसमें स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह आदि कैलाश यात्रा के मार्ग में पड़ता है।
4. कुटी गांव और कुटी मंदिर
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कुटी गांव, गुंजी के पास स्थित है और इसे माता कुंती का निवास स्थल माना जाता है। यहां स्थित कुटी मंदिर, पांडवों की माता कुंती को समर्पित है।
5. नाभीढांग मंदिर
Summer Holiday Trip (Image Credit-Social Media)
नाभीढांग मंदिर स्थल ओम पर्वत के मार्ग में पड़ता है और यहां से ‘ॐ’ का स्पष्ट दृश्य दिखाई देता है। यह स्थान तीर्थयात्रियों और ध्यान साधना करने वालों के लिए आदर्श है। गुंजी क्षेत्र में ये सभी धार्मिक स्थल न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण भी प्रसिद्ध हैं।