Varanasi Railway Stations History: सुविधाओं से भरपूर रेलवे स्टेशन है वाराणसी जंक्शन, जानें इसके बारे में सब कुछ
Varanasi Railway Stations History : वाराणसी रेलवे स्टेशन देश का वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से भरपूर स्टेशन है। चलिए आज इसके बारे में जानते हैं।
Varanasi Railway Stations History : वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन वाराणसी शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। ये भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और जंक्शन का कार्य करता है। वाराणसी में दूसरा मुख्य रेलवे स्टेशन दीनदयाल जंक्शन है। इनके अलावा नगर में 16 अन्य छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है, जहाँ से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के बाद सबसे ज्यादा रेल चलती है। वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड: बीएसबी), जिसे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन भी कहा जाता है, वाराणसी शहर की सेवा करने वाला मुख्य रेलवे स्टेशन है। वाराणसी मेट्रो क्षेत्र के अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशन बनारस, वाराणसी सिटी, काशी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन हैं।
वाराणसी स्टेशन का इतिहास (History of Varanasi Stations)
वाराणसी रेलवे स्टेशन, जिसे पहले मंडुआडीह रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यह स्टेशन वाराणसी का मुख्य स्टेशन है। ब्रिटिश काल के दौरान, साल 1964 में बने इस स्टेशन का नाम बनारस कैंट रखा गया था। बाद में, साल 2019 में इसका नाम बदलकर बनारस कर दिया गया। इस स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया फरवरी 2019 में शुरू हुई थी। पूर्व रेल राज्यमंत्री और अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसकी पहल की थी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस स्टेशन को विकसित करने के लिए पिछले 6 सालों में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन, उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यह भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है और जंक्शन का कार्य करता है। वाराणसी में दूसरा मुख्य रेलवे स्टेशन दीनदयाल जंक्शन है। इसके अलावा, नगर में 16 अन्य छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन हैं।
सुविधाएं (Facilities)
हिन्दुओं के तीर्थ और पवित्र स्थल होने के कारण यहां लाखो लोग, देश के सभी प्रांतो से आते है। हाल ही में रेलवे प्रशासन ने गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों खास कर दक्षिण भारतीय यात्रियों को सुविधा के लिये स्टेशन पर तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में भी सूचना संबंधित घोषणाएं करवाने का फैसला लिया है। रेलवे स्टेशन पर वीआईपी लाउंज के साथ-साथ खानपान के भी कई स्टॉल खोले गए हैं। अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए स्टेशन के दोनों तरफ फुटओवर ब्रिज बनाए गए हैं। जिससे यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में असुविधा ना हो।
रेलवे स्टेशन का पुराना नाम
बनारस रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड: बीएसबीएस ), जिसे पहले मंडुआडीह रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। बता दें कि शहर में चार प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। इसमें वाराणसी जंक्शन कैंट, वाराणसी सिटी स्टेशन, काशी रेलवे स्टेशन और मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन है। केवल मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन ही बनारस को नहीं दर्शाता था। बाकी स्टेशन में वाराणसी का नाम झलकता था।
कुछ महीने पहले तक इस स्टेशन का नाम मंडुआडीह (Manduadih Railway Station) हुआ करता था। जिसे जुलाई 2021 में बदलकर बनारस कर दिया गया। इस स्टेशन को यात्री सुविधाओं के मद्देनजर वर्ल्ड क्लास का स्टेशन बनाया गया है। पहले इस स्टेशन पर महज तीन प्लेटफार्म हुआ करते थे लेकिन वर्तमान समय में यहां आठ प्लेटफार्म हैं। रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन की श्रेणी में विकसित किया गया है. जहां पर भारतीय रेलवे (Indian Railway) द्वारा यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की कोशिश की गई है।