Women Day Special 2024: ये है भारत के मशहूर ऐतिहासिक इमारतें जिनका निर्माण महिलाओं ने करवाया है।
Women Day Special 2024: आज हम आपको भारतीय इतिहास में महिलाओं के अहम योगदान को बताएंगे, जिन्होंने ऐतिहासिक इमारत की संरचना की है।
Women Day Special 2024: भारत विविधता और संस्कृति से भरा हुआ है, जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां पहुंचते हैं। यहां की खूबसूरती लोगों का मन मोह लेती है। ऐसा मानना है कि भारत में जितने भी ऐतिहासिक धरोहर है। उसका निर्माण पुरुष शासको ने किया है। वहीं महिलाओं को अक्सर लोग सभी से कम मानते हैं, लेकिन महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को मिटाने के लिए और समाज में उन्हें बराबर का दर्जा दिलवाने के लिए वूमेंस डे मनाया जाता है जोकि हर साल 8 मार्च को पड़ता है। इसी कड़ी में आज हम आपको भारतीय इतिहास में महिलाओं के अहम योगदान को बताएंगे, जिन्होंने ऐतिहासिक इमारत की संरचना की है। तो चलिए आज क्या आर्टिकल में हम उन ऐतिहासिक इमारत के बारे में बताएंगे जिनका निर्माण महिलाओं ने करवाया है।
रानी की वाव, गुजरात (Rani Ki Vav Gujrat)
गुजरात के पाटन जिले में स्थित स्टेपवेल रानी उदय मती ने बनवाया था। इसका निर्माण उन्होंने अपने पति राजा भीमदेव की याद में करवाया था। बता दें कि इमारत 7 मंजिला वाला है। जिसका वाव उल्टे मंदिर के आकार का है और इसका सबसे ऊपरी माला बेहद चौड़ा है, जबकि निचली माला बेहद शंकरा है। इसे यूनेस्को विश्व धरोहर में भी मान्यता प्राप्त है जोकि सरस्वती नदी के किनारे स्थित है। बता दे की इसे बनाने के लिए मरू गुजरात वास्तुकला का इस्तेमाल किया गया था। जिसमें 800 से ज्यादा मूर्ति और खंबे हैं। इसमें आपको भगवान विष्णु के कई अवतार देखने को मिलेंगे। मान्यता है कि एक बार सरस्वती नदी में बाढ़ आ गया था, जिसके कारण यह धरती में धंस गया था, जिसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने दोबारा ढूंढ कर निकाल
हुमायूं का मकबरा, दिल्ली (Humayun's Tomb Delhi)
राजधानी दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा भी उनकी बेगम हमीदा बानो ने साल 1556 में बनवाया था, जिसे बादशाह हुमायूं की मौत के बाद बनवाया गया था। यह मकबरा 1569 में बनकर तैयार हुआ था, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है।
विरूपाक्ष मंदिर, कर्नाटक (Virupaksha Temple Karnataka)
कर्नाटक में स्थित विरुपाक्ष मंदिर हंपी में स्थित है जोकि तुंगभद्रा नदी के किनारे बना हुआ है। इसे रानी लोकमहादेवी ने 14वीं शताब्दी में बनवाया था। इस मंदिर को बनाने के लिए द्रविड़ शैली का इस्तेमाल किया गया। इसकी सुंदर नकाशी लोगों का मन मोह लेती है। इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया जा चुका है। इस मंदिर से कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई है, जिसमें रामायण की किष्किंधा का भी जिक्र पाया जाता है।
एत्माद-उद-दौला का मकबरा, आगरा (Itmad-ud-Daula)
आगरा के उत्तर प्रदेश में स्थित एत्माद उद दौला का मकबरा भी बेगम नूरजहां ने अपने वालिद मिर्जा ग्यास बाग के लिए बनवाया था। जिसे 1628 में बना कर तैयार किया गया। इसे श्रृंग दान या बच्चा ताज के नाम से भी जाना जाता है। इस मकबरे को संगमरमर से बनाया गया है और इस पर बहुत ही बारीकी से काम किया गया है।
मिर्जान किला, कर्नाटक (Mirjan Kila Karnataka)
कर्नाटक के मिर्जान किला का नाम हम सभी ने सुना होगा, जिसका निर्माण रानी चेन्नाभैरदेवी ने 16वीं शताब्दी में करवाया था। इसे पेपर क्वीन आफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।