2800 आयुष डॉक्टरों की तैनाती से ग्रामीण लोगों को मिलेगा सीधा फायदा

यूपी के ग्रामीण सीएचसी व पीएचसी में डॉक्टरों की चल रही कमी दूर होने की संभावना है क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस ओर पहल कर दी है।

Update:2017-11-08 11:03 IST

लखनऊ: यूपी के ग्रामीण सीएचसी व पीएचसी में डॉक्टरों की चल रही कमी दूर होने की संभावना है क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस ओर पहल कर दी है। जल्द ही यूपी के 821 सामुदायिक व 3621 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 2,800 आयुष डॉक्टरों की तैनाती होने जा रही है। सरकार ने विशेषकर उन सीएचसी तथा पीएचसी को चुना है, जहां पर अभी एक भी चिकित्सक नहीं है।

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मुख्य रूप से दूर-दराज के गांव-कस्बों पर आयुष चिकित्सक (आयुर्वेद) भेजे जाएंगे। जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा चुनी 15 एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज करेंगे। निर्धारित 15 दवाओं को ही लिखने का अधिकार आयुष चिकित्सक को है। इसके अलावा इनको ट्रेनिंग भी दिया जाएगा। किराये पर चलने वाले आयुर्वेदिक अस्पताल बंद किए जाएंगे और यहां के डॉक्टरों को प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया जाएगा।

गांव के लोगों को मिलेगा विशेष लाभ

जिन 2,800 आयुष चिकित्सकों की तैनाती होने जा रही है, वे सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों का इलाज करेंगे। सरकार ने यह योजना मुख्य तौर पर गांव-कस्बों के लोगों को नहीं मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा को देखते हुए फैसला किया है। यानि अधिकांश आयुष चिकित्सक गांव में मरीजों का उपचार करेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी।

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सरकार आने पर 7500 चिकित्सकों की कमी थी

जब योगी सरकार यूपी के सत्ता पर काबिज हुई सूबे में 7,500 डॉक्टरों की कमी थी। अभी तक 4,000 डॉक्टरों की कमी पूरा करने का सरकार प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आए 2,065 चिकित्सकों की तैनाती प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। इसके अलावा 1,000 एमबीबीएस डाक्टरों को भी संविदा पर जल्द ही नियुक्त किया जाएगा। सीएचसी व पीएचसी के हालात सुधारने के लिए 2,800 आयुष चिकित्सकों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। भर्ती प्रक्रिया जल्द प्रारंभ हो जाएगी।

नए चिकित्सकों को अपने अनुभव प्रयोग करने की छूट

जिन आयुष डॉक्टरों की तैनाती हो रही है वे आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी उपचार मरीजों का वर्तमान में कर रहे हैं। लेकिन सीएचसी तथा पीएचसी में तैनात होने के बाद इनको एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज करना होगा। इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने आयुष चिकित्सकों के अनुभव को देखते हुए निर्देश दिया है कि अगर मरीज उनके अनुभव से ठीक हो सकता है तो आयुर्वेद, होम्यो तथा यूनानी विधि का भी प्रयोग कर सकते हैं।

डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ी

योगी सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी है। इसके अलावा लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 2,065 में से 1,300 चिकित्सकों को उच्च प्राथमिकता वाले 25 जिलों में नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

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