APRIL FOOL'S DAY: हंसते-हंसते हो गया इन लोगों का बुरा हाल, जब खुद ही बन गए 'फूल', तो हुए बेहाल
लखनऊः एक फूल के सामने आते ही दिल खुश हो जाता है, तो दूसरे फूल के सामने आते ही हंसी रूकती नहीं हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं अप्रैल फूल के बारे में। कहते हैं कि हंसी-मजाक बड़े से बड़े गम को भुला देता है। यूं तो हम आए दिन दोस्तों से तरह-तरह के मजाक करते रहते हैं पर फिर भी न जाने क्यों इस खास दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार होता है। अप्रैल फूल के दिन लोगों से तफरी लेने का मजा ही कुछ और होता है। टीचर हो या बच्चे, बाॅस हो या कर्मचारी, पैंरेट्स हों या रिश्तेदार कोई एक दूसरे को बेवकूफ बनाने का मौका नहीं छोड़ता है।
खास बात तो यह है कि इस दिन किए गए मजाक का कोई जल्दी बुरा नहीं मानता। इसी बहाने हमारे बड़े बुजुर्ग भी अपने बचपन की शरारत को याद करके खुद को जरा गुदगुदा लेते हैं। अच्छे से अच्छे लोग भी इस दिन बेवकूफ बन जाते हैं। इस दिन का मकसद किसी से बदला निकालने का नहीं होता बल्कि छोटे-मोटे प्रैंक से लोगों के चेहरे पर हंसी बिखेरना होता है। ऐसे ही न जाने कितने गुदगुदी और मजाक से भरे पल आपकी भी जिंदगी में आए होंगे, जब आप खुद ही भरी महफिल में दूसरे के सामने हंसी के पात्र बने होंगे और फिर आप भी खिलखिलाकर हंस पड़े होंगे। आइए मिलाते हैं आपको कुछ मजेदार लोगों से जो कभी खुद मजाक बने, तो मौका मिलते ही दूसरे को भी बनाया
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लड़की बनकर दोस्त ने किया प्यार का नाटक: आशियाना के रहने वाले सागर पमवानी को आज भी वो दिन याद है, जब वह अपनी उस फोन वाली गर्लफ्रेंड से मिलने गए। सबसे ज्यादा वह हैरान तब हुए, जब उनकी गर्लफ्रेंड उनका बेस्ट फ्रेंड आयुष निकाला। बात कुछ यूं हुई कि इंटर एग्जाम के आखिरी दिन किसी इंस्टीट्यूट की गर्ल्स एंप्लाॅई लड़कों से फाॅर्म भरवा रही थी। उनमें से एक लड़की नेहा को देखते ही सागर का उस पर दिल आ गया। बस उनके दोस्तों ने सागर के लिए उस लड़की का नंबर ले लिया। घर आते ही सागर ने उस नंबर पर बात करना शुरू किया। प्यार भरी बातें करते-करते न जाने कब दो महीने गुजर गए, पता ही नहीं चला।
सागर बताते हैं कि उन्होंने नेहा को मिलने को बुलाया। पर ये भूल गए कि उस दिन तारीख 1 अप्रैल थी। उनके दोस्त भी साथ गए। 4 घंटे के बाद जब नेहा नहीं आई। सागर ने फोन मिलाया, तो देखा कि उनके दोस्त का फोन लगातार बज रहा है। तभी अचानक उनके दोस्त ठहाके मारकर हंसने लगे और बोले -‘अरे मजनू, पहले देख तो लो कि लैला कौन है’? इतने में सागर ने देखा कि उनका दोस्त ओढ़नी ओढ़कर उनके सामने लड़कियों की तरह इठलाता हुआ चला आ रहा था। इतना देखते ही वह सब समझ गए कि माजरा क्या है? सब गाने लगे ‘अप्रैल फूल बनाया, तुमको गुस्सा आया’। बाद में उनके दोस्तों ने बताया कि असल में उन्होंने उस लड़की का नंबर लिया ही नहीं था। सागर कहते हैं कि आज भी वह किसी अंजान लड़की से जल्दी बात नहीं करते।
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शर्ट पर लिख दिया ‘किक मी’: मलिहाबाद के रहने वाले आरव का कहना है कि बचपन से ही उन्हें लोगों को फूल बनाने में मजा आता था। पिछले साल अप्रैल फूल डे पर वह अपने हाॅस्टल में थे। आरव का कहना है कि उनके दोस्त ने नई टी-शर्ट खरीदी और आरव ने रात में उसके पीछे’ किक मी’ लिख दिया। दूसरे दिन अप्रैल फूल था।
उनका दोस्त बिना देखे, वही टी-शर्ट पहनकर काॅलेज पहुंच गया। सबने उस बेचारे का बहुत मजाक बनाया, कुछ ने तो उसे दो-चार घूंसे भी जड़ दिए। आरव का कहना है कि सबका उसे देखकर उनकी हंसी रूक ही नहीं रही थी। जब उसे उसके पिटने का कारण पता चला, तो उसके चेहरे पर भी हंसी आ गई।
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वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस बार लोगों को फूल बनाने के लिए कमर कसकर बैठे हैं। पूरी तैयारी कर ली है इन्होंने हंसी के ठहाके लगाने की। अपने गोला पर ये लोग सबकी फिरकी लेने की तमन्ना पूरी करेंगे।
दिखाऊंगा सबको एक गायब चीज: केकेसी कॉलेज स्टूडेंट गगन शर्मा का कहना है कि इस बार भी वह पिछली बार की तरह इस बार भी उन्होंने अपनी मस्ती गैंग को तैयार कर रखा है। पिछले साल वह अपने दोस्तों के साथ एक पुल पर खड़े हो गए और सबके सब दोस्त पुल से नीचे झांकने लगे। ऐसे में वहां से गुजरने वाला हर इंसान एक बार रूककर जरूर देखता कि आखिर बात क्या है?
फिर वह अपने दोस्तों के साथ ठहाके मारकर हंसने लगते, तो दूसरे समझ जाते कि ये लड़के उन्हें बेवकूफ बना रहे हैं। गगन ने बताया कि ये सिलसिला करीब 3 घंटे चला था। इस बार भी वह कुछ ऐसा ही करने की फिराक में हैं।
तो अगर कोई आपको 1 अप्रैल को पुल से नीचे झांकता मिले, तो आप न बेवकूफ न बनें। अपने रास्ते जाएं।
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नोट में धागा बांध कर रोड पर डालूंगी: राजाजीपुरम में रहने वाली दिव्या का कहना है कि उनका घर काॅर्नर का है। इस बार वह इसका पूरा फायदा उठाएंगी। उनका कहना है कि लोगों को रोड पर नोट पाने का बड़ा शौक होता है। वह बताती हैं कि वह 100 रूपए के नोट में एक बड़ा सा धागा बांध कर डालेंगी और घर के अंदर छिप जाएंगी।
जैसे ही कोई उठाने चलेगा, वह धीरे-धीरे उसे खींचती रहेंगी। ऐसे में वह देखना चाहती हैं कि लोग कितनी दूर तक नोट के पीछे भागते हैं। अगर आपको रोड पर कोई नोट पड़ा मिले, तो गल्ती से भी न उठाएं। नहीं तो सबके सामने अच्छे खासे बुद्धू बन जाएंगे।
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एमबीए स्टूडेंट रह चुकी अलीशा का कहना है कि उनकी कुछ दोस्त आए दिन नेट पर किसी न किसी कंपनी में अपनी सीवी डालती रहती हैं। उनका कहना है कि एक बार एक बार उनके एक दोस्त ने उन्हें एक कंपनी का एम्प्लाय बनकर कॉल की थी और काफी देर वह समझ ही नहीं पाई थी कि वह कॉल फेक है क्योंकि उन्होंने एक-दो जगह अपनी सीवी भेजी थी। उन्हें लगा कि वाकई जॉब कॉल है।
इसीलिए वह इस अप्रैल फूल पर वह अपनी दोस्तों को जाॅब के लिए आॅफर देंगी। तो अगर आपके पास ऐसी काॅल आती है, तो तुरंत समझ जाइएगा कि आपको कोई जाॅब नहीं लगी है। कोई आपकी फिरकी ले रहा है।