#Baramulla: 24 की उम्र में नितिन ने तिरंगे को बनाया अपना कफन, हर आंख में गर्व के आंसू

उरी के बाद एक बार फिर से रविवार रात बारामूला में 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप में आतंकियों ने हमला बोला। जिसमें बीएसएफ का एक जवान भी शहीद हो गया। बेटे के शहीद होने की खबर के बाद घर और गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

Update:2016-10-03 19:32 IST

फाइल फोटो: बारामुला हमले में शहीद बीएसएफ के जवान नितिन यादव

इटावा: उरी के बाद एक बार फिर से रविवार रात बारामूला में 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप में आतंकियों ने हमला बोला। जिसमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया। बेटे के शहीद होने की खबर के बाद घर और गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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2013 में हुए थे बीएसएफ में भर्ती

-इटावा जिले के थाना चौबिया इलाके के नगला वरी के रहने वाले 24 साल के नितिन यादव पुत्र बलवीर बीएसएफ में तैनात थे।

-नितिन ने साल 2013 में ही बीएसएफ ज्वाइन की थी।

-नितिन की शुरुआती तैनाती बंगाल बॉर्डर पर की गई थी।

-एक महीने पहले ही उन्हें कश्मीर के बारामूला भेजा गया था।

-नितिन यादव के परिवार में दादी, पिता, मां, एक बड़ा भाई और एक बहन है भाई और बहन की शादी हो चुकी है।

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बेटे पर है गर्व

-नितिन के भाई सचिन और उनके पिता बलबीर को अपने बेटे पर गर्व है कि उसने देश के लिए अपनी जान दे दी।

-सचिन ने इच्छा जताई कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह भी देश के लिए अपनी जान दे देंगे।

परिवार में पसरा सन्नाटा

नितिन के पिता बलबीर यादव का कहना है कि उन्होंने देर रात अपने बेटे से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई जिसके बाद सेना की तरफ से उन्हें फोन आया कि बीटा शहीद हो गया। शहीद नितिन के परिवार में सन्नाटा पसरा है और तमाम जगहों से लोग उनके परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं।

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